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Tuesday, March 3, 2015

KASHODHAN VAISHYA - - कशोधन वैश्य


साभार : अखिल भारतीय क्षोधन वैश्य समाज 


*कसौधन...* *श्री कश्यपाय नमः* Kasaudhan .............वैश्य उपवर्गो मे एक श्रेष्ठ उपवर्ग... श्री कश्यप ऋषि की तपोस्थली ‘‘कश्यपमेरु’’ नाम से प्रसिद्ध हुई, जिसे आज कश्मीर के नाम से जाना जाता है। हम उन्ही कश्यप ऋषि के वंशज है... हमारे अधिकांश पूर्वजों के कथनानुसार- हम लोग कश्मीर क्षेत्र में मुख्यत: केसर का उत्पादन व उसका व्यापार भी करते थे। एवं जड़ी बूटियो पर शोध कार्य भी करते थे....(वैद्य) जो लोग केसर का उत्पादन करते थे वे ‘केसरधन’ (कसौधन) कहलाए और जो केसर को ले जाकर अन्य क्षेत्रों में व्यापार करते थे वे ‘‘केसरवानी’’ कहलाये। ये दोनों वर्ग एक ही समुदाय के थे, परन्तु बाद में अपने को अलग-अलग मानने लगे। कसौधन कश्मीर क्षेत्र का समृद्ध एवं शिक्षित वर्ग था , परन्तु कुछ कारणवश इन्हे कश्मीर से पलायन करना पड़ा..... लगभग 15- 16वीं शताब्दी में जम्मू कश्मीर में मुगल शासको के उत्पीड़न के कारण इन लोगो ने उसकी अधीन न रहकर वहाँ से पलायन करना उचित समझा...इसके बाद ये उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यो मे वस गये... कश्मीर से पलायन के बाद केसर का व्यापार समाप्त होने पर काँसे का व्यापार शुरु किया..

साभार: दिशांत कशौधन 

कसौधन बिरादरी की सामान्य जानकारी जो समाज के हर सदस्य को पता होनी चाहिए।

1...कसौधन परिवार के आद्यादेवत महर्षि कश्यप जी है। कश्यप जी शंकर भगवान के अति प्रिय माने जाते है।

2..कश्मीर (कश्यप मीर )शब्द भी महर्षि कश्यप से बना है, वही उनकी तपोभूमि थी।

3...कसौधन समुदाय वालो का मूलस्थान कश्मीर ही है, फिर आगे समय के साथ सभी उत्तरप्रदेश और दूसरे राज्यो में बस गए।

4..फिर यही कसौधन फैज़ाबाद, सुल्तानपुर, गोरखपुर, बस्ती, गोंडा, कानपुर आदि अलग अलग जिल्हा वाले कहलाने लगे ।

5...कसौधन जाती, वैश्य वर्ग में आता है

6... कसौधन बिरादरी वालो के पास पहले कांसे का धन बहुत अधिक मात्रा में था, जिनकी वजह से इन्हें "कांसोधन", और बाद में "कसौधन" पुकारा जाने लगा।

7...खेती और व्यापार इनका मुख्या आजीविका का साधन रहा है।

8.. कुछ जगहो पर कसौधन जाति का उल्लेख ब्राह्मण में भी होता है लेकिन ये मूलतः वैश्य वर्ग में आते है।

9..आठ गोत्र में एक "कश्यप" गोत्र भी शामिल है, कसौधन जाति इसी गोत्र में आता है।

गोत्र का उपयोग शादीब्याह और अन्तिमसंसाकर विधि में महत्वपूर्ण माना गया है।

यहाँ तक कि, जिनके गोत्र का कुछ पता नहीं होता है उन्हें 'कश्यप' गोत्र से ही विधि पूर्ण की जाती है।

10...कसौधन बिरादरी का विवाह कसौधन बिरादरी में ही रितिरिवाज से की जाती है। अक्सर विवाह चाँद को साक्षी मान कर किया जाता है, परंतु महानगरो में समय और जगहों के आभाव से शादी दिन में ही करा दिया जाता है।

11...कसौधन बिरादरी के लोग गुप्त, गुप्ता, कश्यप, कसौधन, परदेसी, महाजन, राणा, शाह, चौधरी जैसे सरनाम का उपयोग करते है।

12.. आज कसौधन परिवार देश, विदेश में, सरकारी या निजी, हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रहा है चाहे वो राजनैतिक हो, सामाजिक, कला, विज्ञान, शिक्षा या व्यापार हो।

13... डॉ दाऊजी गुप्त अखिल भारतीय कसौधन समाज के अध्यक्ष है।

14..."वैश्य आउटलुक" नाम से कसौधन समाज को समर्पित एक पत्रिका राष्ट्रीय स्तर पर जबलपुर से श्री राकेश गुप्ता जी द्वारा प्रकाशित किया जाता है ।

15...आज कसौधन परिवार और देश की सेवा के लिये कई कसौधन सामाजिक संस्थाये कार्यरत है जैसे- कसौधन महासभा, वैश्य फेडरेशन, कसौधन इंटरनेशनल, दिल्ली कसौधन संघ, वैश्य कसौधन समाज, कश्यप कसौधन समाज आदि।

16....मुख्या स्थानक पर कसौधन समाज द्वारा धर्मशाला और मन्दिर का निर्माण किया गया है- वाराणसी, अयोध्या, चित्रकूट, फ़ैजाबाद, गोरखपुर आदि।

17...बहुत ही जल्द मुम्बई के पास कसौधन भवन का निर्माण कार्य शुरू होने वाला है।

18...कसौधन सदस्यों की जनसँख्या के सही आंकड़े अब तक प्राप्त नहीं हुवे है लेकिन एक अनुमान है क़ि इनकी जनसंख्या लगभग तीन करोड़ के करीब होगी।

19...अतिमसंस्कार - हिन्दू रितिरिवाज़ अनुसार ही अन्तिमसंस्कार अग्निदहन द्वारा किया जाता है।

कंही कंही केवल गायत्री मंत्र पढ़ कर भी अग्नि दी जाती है।

इनमे मृत आत्मा की शांति के लिए सोलहवा मनाया जता है।

20..आज व्हाट्सएप्प पर 500 से अधिक ग्रुप है और फेसबुक पर 100 से अधिक कसौधन बिरादरी के ग्रुप बनाते जा रहे है।

21...ज्यादातर ग्रुप, मंच, वेबसाइट विवाह संबंधित जानकारी की सेवा दे रहे है।

चुनौतियां-

आज इस समाज के सामने कई चुनौतियां है जैसे-

1-विवाह, योग्य जीवनसाथी ढूंढना

2- पुरानी रूढ़ परम्परा या मान्यता

3-आपसी मतभेद, जिसका भुगतान पुरे समाज को भुगतना पड़ता है।

4-राष्ट्रिय स्तर पर एक होने का आभाव

5-कार्य प्रणाली (modus operandii) या सिस्टम की कमी

6..सही नेतृत्व ( लीडरशिप) का आभाव

7..शिक्षा

8..woman empowerment की कमी

9.. जनसंख्या जानना

आदी ऐसे कई छोटे छोटे चुनौतिया हमारे सामने है।

इसे शेयर करने से ना कोई चमत्कार होगा ना ही कोई गुड न्यूज़ मिलेगा। लेकिन समाज की भलाई और उन्नति में आपका योगदान का लाभ ज़रूर मिलेगा ।

भवदीय

अभिषेक कुमार (विक्की)

आपका एक कसौधन भाई

29 comments:

  1. *कसौधन...* *श्री कश्यपाय नमः��*
    Kasaudhan .............वैश्य उपवर्गो मे एक श्रेष्ठ उपवर्ग...

    श्री कश्यप ऋषि की तपोस्थली ‘‘कश्यपमेरु’’ नाम से प्रसिद्ध हुई, जिसे आज कश्मीर के नाम से जाना जाता है। हम उन्ही कश्यप ऋषि के वंशज है...
    हमारे अधिकांश पूर्वजों के कथनानुसार- हम लोग कश्मीर क्षेत्र में मुख्यत: केसर का उत्पादन व उसका व्यापार भी करते थे। एवं जड़ी बूटियो पर शोध कार्य भी करते थे....(वैद्य)
    जो लोग केसर का उत्पादन करते थे वे ‘केसरधन’ (कसौधन) कहलाए और जो केसर को ले जाकर अन्य क्षेत्रों में व्यापार करते थे वे ‘‘केसरवानी’’ कहलाये। ये दोनों वर्ग एक ही समुदाय के थे, परन्तु बाद में अपने को अलग-अलग मानने लगे। कसौधन कश्मीर क्षेत्र का समृद्ध एवं शिक्षित वर्ग था , परन्तु कुछ कारणवश इन्हे कश्मीर से पलायन करना पड़ा.....
    लगभग 15- 16वीं शताब्दी में जम्मू कश्मीर में मुगल शासको के उत्पीड़न के कारण इन लोगो ने उसकी अधीन न रहकर वहाँ से पलायन करना उचित समझा...इसके बाद ये उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यो मे वस गये...
    कश्मीर से पलायन के बाद केसर का व्यापार समाप्त होने पर काँसे का व्यापार शुरु किया..एवं पीतल आदि धातुओं के बर्तन का व्यापार, किराना, कपड़ा, वैद्यक (जड़ी-बूटियों, दवाओं) का व्यापार भी करने लगे एवं पुन: समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहे हैं..। वर्तमान समय में सभी प्रकार के व्यवसाय जैसे सर्राफा, भवन निर्माण सामग्री, बर्तन आदि के व्यापार से जुड़कर अपना व राष्ट्र निर्माण मे सहयोग कर रहे है.......

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    1. धन्यवाद जी आपका बहुत बहुत, अच्छी जानकारी दी, इस जानकारी को मैं इस पोस्ट में डाल रहा हूँ.

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    2. प्रवीण जी आप अपनी इस जानकारी का स्रोत बता सकते है??

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    3. जय न कसौधन प्रगतिशील कसौधन

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    4. Kasaudhan obc me hai Ya GN me

      Central caste me

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    5. Call me Rupesh Gupta Ahmedabad 9033300758

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    6. जय कसौधन

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    7. Dr Vinod Gupta, Ahmedabad
      Mob no 9426021646

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  2. Tilak Gupta Satna (M.P.) 9806707802,,

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  3. Sir Ji 1 Rista Bataya Jaay Kashodhan Vaishya Shamaaj ki, Plice Cont.. 9806707802

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  4. Sir kasaudhan central ke kis caste me aate hai
    Aur central ke liya hamara sub caste kya hai.

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  5. कसौधन समाज पूरे भारत वर्ष में निवास करता है।15वीं 16वीं शताब्दी में मुग़लों के आतंक से पूरा देश हलाकान था । वैश्य जाति का सबसे बड़ा उपवर्ग है कसौधन समाज।वर्तमान में यह समाज पूरे डेढ़ में छोटे-छोटे व्यवसाय करते हुए सुदूर ग्रामो से लेकर बड़े-बड़े शहरों में रहकर अपना जीवन यापन कर रहा है।....शेष..क्रमशः....ऋषि

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  6. shi kha sir apne mai bhi ek kasodhan hon

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  7. Fantastic information, keep it up

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  8. जानकारी का स्रोत बता सकते है??

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  9. Kasaudhan central me kis caste me aate hai

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  10. We are upper caste Vaishya community so we should not claim for reservation but to focus on self socio economic upliftment....its my view ''DeepShikha. Gupta @ Kanpur.

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    1. Surely we are upper caste Hindu but when it comes the question of economic and social condition of Kasaudhan,we stands no-where in comparison to Brahmins, Kshatriya and other Baniya community (As-Agrawal, Jaiswal etc).

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  11. बहुत-बहुत धन्यवाद जानकारी देने के लिए

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  12. Sir कसौधन central list me kis caste me aate Hain

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  13. koi abhiyan kyo nhi chalaya jaa rha h kashoundhan ekta ke liye .ham isse hamara rista bdega aaj riste simit h aur shadi me dikkate ho rhi h

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  14. Sir Please quote your source of information from Veda or Upnishad or Any vedic scripts.

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  15. This comment has been removed by a blog administrator.

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