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Monday, June 13, 2016

अमन बंसल ने जेईई परीक्षा में किया देश में टॉप



देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान आईआईटी में दाखिला दिलाने वाली प्रवेश परीक्षा जेईई के नतीजे रविवार को घोषित कर दिए गए। इसमें जयपुर के अमन बंसल ने देश में टॉप किया है।  देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान आईआईटी में दाखिला दिलाने वाली प्रवेश परीक्षा जेईई के नतीजे रविवार को घोषित कर दिए गए। इसमें जयपुर के अमन बंसल ने देश में टॉप किया है। वहीं जयपुर के ही कुणाल को तीसरा स्थान मिला है। अपनी इस कामयाबी के बाद अमन बंसल अब सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर ऐसी तकनीक विकसित करना चाहता है जो शिक्षा को और अधिक प्रभावी एवं कारगर बना सके। अमन शिक्षा को तनाव मुक्त बनाने की तकनीक विकसित करने को लेकर भी विचार कर रहा है। अमन ने अपनी इस सफलता को अपना अंतिम पड़ाव नहीं मानते हुए अपने लक्ष्य पर अभी से ध्यान देना शुरू कर दिया है।

दैनिक जागरण से बातचीत में अमन के पिता मुकेश बंसल का कहना है कि अमन ने 7-8 घंटे नियमित रूप से पढ़ाई करने के साथ ही हमेशा लैपटॉप, मोबाइल फोन एवं टीवी से दूर रहा।

राज्य के सार्वजनिक निर्माण विभाग में कार्यरत मुकेश बंसल ने कहा कि अमन ने 11वीं कक्षा पास करते ही तय कर लिया था कि मुझे टॉप करना है। आज अमल की खुशी को सेलिब्रेट करने के लिए उसका पूरा परिवार और खास तौर पर उसकी 80 साल की दादी उसके साथ दिखी। खुशी से दादी की आंखों में आंसू छलक रहे थे।

अमन की मां का कहना है कि उन्होंने अपने घर का माहौल ऐसा बनाए रखा कि अमन हमेशा तनाव मुक्त रहकर अपना लक्ष्य हासिल कर सके। अमन ने प्रतिष्ठित एलन कोचिंग में रहकर पूरी पढ़ाई की।

तीसरे स्थान पर रहने वाले कुणाल पढ़ाई में नियमित रूप से अच्छा प्रदर्शन करता रहा है और एनटीएसई स्कॉलरशिप तथा के.वी.पी. वाई फैलोशिप में चयनित है। कुणाल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने अभिभावकों एस.के.गोयल एवं मंजू गोयल के साथ ही एलन के कोचिंग सिस्टम को भी दिया।

एलन के निदेशक दीपक माहेश्वरी ने बताया कि अमन एवं कुणाल के साथ ही गौरव का भी जेईई में चयन हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में भी एलन के चित्रांग ने ऑल इंडिया में प्रथम रैंक प्राप्त की थी।

अमन बंसल के सीक्रेट्स जो जागरण को बताए

-जब 11वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू की तो सिलेबस देखने के बाद झटका लगा।

-10वीं के कम्परेजन में 11वीं और 12वीं का सिलेबस बहुत ज्यादा टफ है।

-शुरू में तो ऐसा लगा था कि चीजें बहुत टफ होने वाली हैं लेकिन जब पढऩा शुरू किया तो ये पता लगा कि आईआईटी और 12वीं का सिलेबस लगभग एक जैसा ही है।

-ऐसा नहीं था कि मैंने 11वीं में कम पढ़ा और 12वीं में ज्यादा पढऩा शुरू कर दिया।

-स्कूल रेगुलर जाता था और वहां जो भी असाइनमेंट्स दिए जाते थे वो सब टाइम पर पूरे करता था।

-ऐसे में 12वीं बोर्ड के लिए एक्सट्रा पढ़ाई की जरूरत नहीं हुई और 96 परसेंट भी स्कोर कर पाया।

-मेरी तैयारी एनसीईआरटी की बुक्स और कोचिंग के नोट्स तक सीमित नहीं थी।

साभार : दैनिक जागरण