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Saturday, October 1, 2016

रामदेव अग्रवाल का शून्य से शिखर का सफर


शेयर बाजार में तो सब काफी पैसा बनाना चाहते हैं, और वो भी तब जब हाथ में पैसा ना हो। लेकिन, हम आपको एक ऐसी ही हकीकत बताने जा रहे हैं जिसके जरिए आप जान सकेंगे कि शून्य से 1000 करोड़ रुपये कैसे बनाए जाएं। हम आपको रुबरु करा रहे हैं मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेजके ज्वाइंट एमडी, रामदेव अग्रवाल से।

बता दें कि मोतीलाल ओसवाल बिजनेस इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस मोबिक आज से शुरू हुआ है। देशभर के 750 बिजनेस एसोसिएट्स शामिल होंगे। रामदेव अग्रवाल ने बताया कि शुरुआती दौर में पूंजी की दिक्कत थी। 1987-90 के दौरान कारोबार बढ़ाने के लिए काफी संघर्ष किया और बाजार की तेजी में 1992 में जोरदार कमाई की। 1994-95 में 225 शेयरों का पोर्टफोलियो था।

रामदेव अग्रवाल के मुताबिक वॉरेन बफेट की रणनीति से काफी फायदा हुआ और निवेश के लिए वेल्थ क्रिएशन स्टडी भी शुरू की। साल 2000 में टेक्नोलॉजी शेयरों में शानदार कमाई की और 2001 में पूंजी बढ़कर 100 करोड़ रुपये हो गई। रामदेव अग्रवाल की यही सलाह है कि ट्रेडिंग से दूर रहना बेहतर है और निवेश करना ही फायदेमंद साबित होता है। बाजार के उतार-चढ़ाव में धैर्य से काम करना चाहिए। लंबी अवधि के निवेश में ज्यादा कमाई होती है।

रामदेव अग्रवाल का कहना है कि अच्छे रिटर्न के लिए बाजार पर भरोसा होना जरूरी है। बाजार की समझ कम होने पर फंड के जरिए निवेश करें। साथ ही खबर की बजाय उसके सही विश्लेषण पर जोर दें और सही विश्लेषण के साथ धैर्य से ही कमाई होती है। कर्ज लेकर निवेश या ट्रेड करने में काफी जोखिम होता है, ऐसे में उधार नहीं अपनी बचत से ही निवेश करें।

रामदेव अग्रवाल का मानना है कि भारत आज दुनिया में निवेश के लिए सबसे बेहतर है। उन्होंने कहा कि पूंजी का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा इक्विटी में निवेश करें और अच्छे फंड मैनेजर के जरिए निवेश करें। समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को मॉनिटर करते रहें। पैसा सिर्फ और सिर्फ धैर्य रखने से कमाया जा सकता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव से बाजार में घबराहट का माहौल बना हुआ है। लेकिन बाजार के दिग्गज रामदेव अग्रवाल का मानना है कि सरकार के सर्जिकल स्ट्राइक के फैसले से निवेशकों को खुश होना चाहिए क्योंकि इससे मजबूत लीडरशिप की झलक मिलती है। निवेशकों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है और बाजार में उतार-चढ़ाव के लिए हमेशा तैयार रहें। भारत की कार्रवाई से एफआईआई को खुश होना चाहिए। सरकार के कदम से भरोसा और मजबूत हुआ है।