हमारे वैश्य समाज का एक स्वर्णिम इतिहास रहा हैं. वैश्य समुदाय की ९०% जातिया क्षत्रियो से उत्पन्न हुईं हैं. कुछ जातियों का वर्णन नीचे कर रहा हूँ,
१. अग्रवाल :- अग्रवालो की उत्पत्ति महाराजा अग्रसेन से हुईं हैं, जो की सूर्यवंशी क्षत्रिय थे.
२. महेश्वरी:- माहेश्वरियो की उत्पत्ति भगवन शिव से हुईं.
३. खंडेलवाल:- इनकी उत्पत्ति रजा खंडेल सेन से हुईं हैं.
४. वर्णवाल:- राजा अहिर्वर्ण से.
5. पोडवाल:- राजा पुरु से.
६. वार्ष्णेय:- राजा अक्रूर जी से, जो की भगवान श्री कृष्ण के चाचा थे.
७. माहुरी:- चन्द्रगुप्त मौर्या से
८. कलवार:- राजा सहस्र बाहु से.
९. साहू तेल्ली:- गुरु गोरखनाथ से
वैश्य सम्राट और राजा
१. सम्राट चन्द्र गुप्त मौर्या
जो कि भारत के पहले घोषित चक्रवर्ती सम्राट थे.
२. सम्राट बिन्दुसार
३. सम्राट अशोक महान
४. राजा श्रीगुप्त
५. राजा घटोत्कच गुप्त
६. सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य
७. सम्राट समुद्र गुप्ता
८. राजा कुमार गुप्त
९. सम्राट स्कन्द गुप्त
१०. सम्राट यशो वर्धन
११. सम्राट हर्षवर्धन
१२. सम्राट हेमू विक्रमादित्य( भारत के आखिरी हिन्दू सम्राट)
१३. राजा भामाशाह
१४. नंदराय जी ( श्री कृष्ण जी के पिता )
१५. वृषभान जी ( राधा जी के पिता )
१६. राज कुमार उदयन (उज्जैन)
१७. सम्राट भृतहरी
इससे पता चलता हैं की हमारा इतिहास कितना महान और विशाल हैं.