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प्रिय मित्रो यह चिटठा हमारे महान वैश्य समाज के बारे में है। इसमें विभिन्न वैश्य जातियों के बारे में बताया गया हैं, उनके इतिहास व उत्पत्ति का वर्णन किया गया हैं। आपके क्षेत्र में जो वैश्य जातिया हैं, कृपया उनकी जानकारी भेजे, उस जानकारी को हम प्रकाशित करेंगे।
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i want to know about my self.
ReplyDeletei am belonging basically village sidpura, distt. etha, uttar pradesh
my surname is gupta.
my gotra is atri.
if you above community origin or some other history please send me
thank you
श्रीमान जी अपनी जाति के बारे मे संपूर्ण जानकारी भेजिएगा...
DeleteArun ji sidpura main aap kaha rahte hain
DeleteNamaskar list main Bhujwa samaj nahi hain.
Deleteमहोदय जी नमस्कार - हम कमलापुरी वैश्य है लेकिन आपके वेव साईट पर हमारे बारे में जिक्र नहीं है
ReplyDeleteमूलतः कमलापुर (कश्मीर) के मूल निवासी है हमारे पूर्वज व्यापार हेतु नेपाल के तराई में आया करते थे हमारी महारानी कमलावती थी राज्य धन संपदा से परिपूर्ण था,हम लोगो का गोत्र कश्यप है कमलापुर नगर का वर्णन चीनी यात्री ह्वेनसांग ने अपनी पुस्तक में किया है किन्तु बाद में मुस्लिम आक्रमणकारियों के कारण राज्य छिन्न-भिन्न हो गया सुरच्छा के लिए जो जहाँ व्यापार करते थे वही बस गए परिणाम स्वरूप आज उत्तर प्रदेश व् विहार के शहरो -बस्ती ,गोंडा ,बलरामपुर ,गोरखपुर,सिदार्थनगर ,जौनपुर बढनी,पटना,छपरा,पलामू में है.बाद में लखनऊ ,कानपूर दिल्ली ,मुंबई होते हुए देश भर में फ़ैल गए साथ ही नेपाल में काठमांडू ,कृष्णानगर,बहादुरगंज,चंद्रौता,दान,बुटवल आदि में भी है हमलोग कमलापुरी ,गुप्ता ,कमल आदि टाइटिल का प्रयोग करते है
आनन्द गुप्ता
नमस्कार जी, श्रीमान जी मैं क्षमा चाहता हूँ. मुझे आपकी जाती के बारे मे जानकारी नही थी. आपने बताया धन्यवाद. कृपया अपनी जाति के बारे मे और इसके इतिहास के बारे मे जानकारी मेरे मेल पर या कमेंट के अंदर ही भेज दीजिएगा. मैं इसे प्रकाशित कर दूँगा..धन्यवाद..वनडेमातरम...
Deletemai banda u.p. se prashant gupta-isme apne ayodhya wasi vaishy ke bare me nahi likha hai.
Deleteआशीष जी राम राम, श्रीमान जी अयोध्या वाशी वैश्यों के बारे में मेरे पास जानकारी नहीं हैं, कृपया जानकारी भेजे, मैं इसे प्रकाशित करदुंगा...वन्देमातरम...
Deleteमैं मद्धेशिया हुं हमें गोत्र के बारे जानकारी दे।
DeleteThere is no mention of Ladshakhiy Wani Samaj from Khandesh(Dhule,Jalgaon & Nashik,Maharashtra) in this list. In British records this community is recorded as Lad Sakka Wani(Lad means south Gujarat,Sakka means Scythian and Wani means Baniya).Sakka people are recorded in the Greek history as Scythians, in Chinese history as Sai & in Persian history as Saka. They were horse mounted archers from central Asia leading a nomadic life & engaged in rearing of domestic animals.Later they migrated to present day Afghanistan in the delta of Amu Dariya river and shifted to agriculture.For trading the excess of agricultural produce the traders amongst these people entered western India via a trade route from Bakth in Afghanistan to Dwarika in India.This is the reason why the deities of this community are found along this trade route.
Deletekripya is bare me bhi likhe
ReplyDeleteMadheshiya vaishya me Mul ka kya mahatva hota hai iske vishay me jankari chahta hu. Kripya bataye.
ReplyDeleteमै भी मद्धेशिया हलवाई से हु हमारे यहाँ भी जब किसी की शादी होती है तो मूल पूछा जाता है हमें भी 6 मूल की जानकारी चाइए
DeleteKripaya gahoi vaish samaj k baare me bhi likhiye.... Mera naam Shivam jar hai.... Me gahoi vaish hu. Katni and jabalpur m.p. se.
ReplyDeleteParveen ji Namaskar, aapki site dekhker avam padkar bahut jankari mili iske liye aapko bahut bahut dhanyabad. me aapko batana chahta hu ki UP ke khurja Bullandshar area me Chaturshreni ( Chaoseni ) vaish bahut aadhik sankhaya me rahte hai or inka vaish jaati me bahut yogdan bhi hai. aaj kal Chaoseni Vaish lagbhag India abam abroad me jagah jagah phele huai hai. aap se anurodh hai ki inke bare me bhi aap apni site per kuch likhe or inhe protshahit kare.
ReplyDeleteगुप्ता जी राम राम, जानकारी देने के लिए धन्यवाद, श्रीमान जी, चतुर्सैनी वैश्यों के बारे में मेरे पास कोई जानकारी नहीं हैं. कृपया मुझे उपलब्ध कराये. आप जैसे बंधुओ के सहयोग से ही मैं ये ब्लॉग चला रहा हूँ. कृपया सहायता करे. धन्यवाद, वन्देमातरम...
DeleteParveen Ji Namaskar, Jaisa ki aapne Chaturshreni ( Chaoseni ) vaish vansh ke barey me anbhigata jatai to mey aapko batana chagunga ki chaoseni vaisho ke aadi pita Rishi Chaivan se inka udgam / utthan hua hai. Chaturshreni vansh mey 48 ( Fourty Eight ) Gotra hai joki niman parkar se hai. 1. Vaidh 2.Chandosia 3. Ratlibar 4.Hosella 5. Nimchania 6. Mundela 7. Thagele 8. Bajeria 9. Nimbala 10. Kashepu 11. Doduaa 12. Palliwal 13. Dhanoria 14. Vardania 15.Jhajharia 16. Kadarpuria 17. Bhiruktiya 18.Pallarwal 19. Bammoria 20. Budeshwer 21. Banwaria 22.Gaanglesh 23. Bhamoria 24. Lathoria 25. Chodharia 26. Mayania 27. Aahiriya 28. Baamte 29. Baboria 30. Mansa 31. Chandiriya 32. Jasal 33. Gautam 34. Arya 35. Shringaria 36. Jhameya 37. Kanakpuria 38.Tusia 39. Bamansultaniya 40. Vansaria 41. Ravo 42. Bhojeshwer 43. Pisvada 44. Pandia 45. Dyodiya 46. Aamia 47. Batchleshwer 48. Angira . uprokat sabhi gotra se samandhit varg adhiktar uttari bharat ke chhetro me rehat hai.
Delete**Aarti Shri Chaivan Rishi Ji Ki**
Aarti Kije Chaivan Rishi ki
Kirati kalit lalit hai jinki ii Aarti kije.......
Matt Pulomanna jinki janni
Bhirgu Rishi Pita Sukanya Patni
Bharat Bhu Taran Maharishi Var ki ii Aarti Kije
Arya vansh ke parbal Niyanta,
Chaturshreni vaish ke Bhagvanta
Abhyanta jan gan ke hiy ki ii Aarti kije
Gavat jinke Gun Nij Vansaj,
Hum Jinke hai Prarit Ansaj
Abhinav Vipul Kirti hai jinki ii Aarti Kije
Vaidh gotra ke Pahle Poshak
Gao Mata ke hit Parposhak
Brij Mandal me Chhavi hai jinki ii Aarti Kije
Nana Bhesaj Ausidhi Dinihi
Vaish Vansh ki Vridhi kinihi
Sada Rahegi kiriti Jinki ii Aarti kije Chaivan Rishi Ki....
Chaivan Rishi ki Jot ko Jaga Subah aur Sham i
Aise Rishi ke Charan par mera koti koti Parnam ii
Jai Vaish Jai Bharat
Jankari hetu aapko Preshit :-
गौरव जी नमस्कार, चतुर्सैनी वैश्य भी बनिए होते हैं. और हां, आपने मुझे पंडित जी क्यों कहा हैं?
ReplyDeleteKayastha ka varna kya hota hai
DeleteJHAJHARIA LOG KON SI CASTE LGATE H
ReplyDeleteAUR HM LOG KON SE NUMBER PR AATE H...BANIYO MEIN
ReplyDeleteWEISE JO MERA SURNAME GUPTA H & GOTRA JHAJHARIYA
ReplyDeleteKasudhan , Bhi Baniya hote hai,, Unka koi Jikr nhi hai yaha pr,,
ReplyDeleteKasudhan , Bhi Baniya hote hai,, Unka koi Jikr nhi hai yaha pr,,
ReplyDeleteराधेश्याम जी मैंने कशोधन वैश्यों का वर्णन किया हैं, जातियों की सूचि में नीचे ७२ वे नंबर पर हैं..
Deletesir jaiswal gupta aur kashudhan ye theeno main kunsa baniya jati bada hai kirpya kar kar uttar de muhjhe
DeleteDhosi Hill is located on the north-western part of the Aravalli Mountains, particularly along the southern portion of Haryana and northern part of Rajasthan and is renowned for being an extinct volcano. Visitors will come across a distinctive crater and lava lying over Dhosi Hill, which also bears a religious significance as this spot is believed to be associated with the growth of the 'Sanatana Dharma', the oldest religion of the entire world, now recognised as Hinduism. Dhosi Hills have been mentioned in the Puranas, Brahamanas and also the Mahabharata. It is here that the 'ashram' of Rishi Chyavana (for whom the famous Ayurvedic tonic 'Chyawanprash' was made) existed, which dates back to over 10, 000 years. The Rajasthan area of Dhosi Hill is situated in Jhunjhunu District while the Haryana part of the Dhosi Hill, Mahendragarh District is based at a distance of nearly 5 kms away from Narnaul, on Singhana Road. However Dhosi Hill is referred to as 'Pahadi Dhusran' or 'Hill owned by 'Dhusars'. Dhusars are said to be Brahmins and Vaishyas who are descendants of Bhrigu Rishi and Chyavana Rishi.
ReplyDelete
ReplyDeleteमहान ऋषि भृगु के पुत्र थे च्यवन ऋषि, इनकी माता का नाम पुलोमा था. ऋषि च्यवन को महान ऋषियों की श्रेणी में रखा जाता है इनके विचारों एवं सिद्धांतों द्वारा ज्योतिष में अनेक महत्वपूर्ण बातों आगमन हुआ इस कारण यह ज्योतिष गुरू रुप में भी प्रसिद्ध हुए तथा इनके द्वाग्रंथों से ज्योतिष तथा जीवन के सही मार्गदर्शन का बोध हुआ.
च्यवन ऋषि जन्म कथा | Sage Chyavana Birth strory
ऋषि भृगु की पत्नी का नाम पुलोमा था एक बार जब भृगु ऋषि अपनी पत्नी के पास नहीं होते हैं तब राक्षस पुलोमन, उनकी पत्नी पुलोमा जबरन अपने साथ ले जाने के लिए आता है वह पुलोमन को बलपूर्वक ले जाने लगता है उस समय पुलोमा गर्भवती होती हैं और इस कारण इस संघर्ष में शिशु गर्भ से बाहर गिर जाते है और बालक के तेज से राक्षस पुलोमन भस्म हो जाता है, तथा पुलोमा पुन: अपने निवास स्थान भृगु ऋषि के पास आ जाती हैं .गर्भ से गिर जाने के कारण इनका नाम च्यवन पड़ा.
च्यवन ऋषि से संबंधित मुख्य घटनाएँ | Significant incidents of Sage Chayanvana’s Life
ऋषि च्यवन और सुकन्या । Chyavana and Sukanya
जन्म से ही च्यवन विद्वान और ज्ञानी थे वह एक महान ॠषि थे. इनके पुत्र का नाम और्व और इनका विवाह आरुषी से हुआ था जिससे इन्हें और्व नामक पुत्र प्राप्त हुआ. इनकी अन्य विवाह राजा शर्याति की पुत्री सुकन्या से भी हुआ था. ऋषि च्यवन ने बहुत कठोर तपस्या की थी वह लंबे समय तक निश्चल रहकर एक ही स्थान पर बैठे रहे. जैसे जैसे समय बीतता गया और उनका शरीर घास और लताओं से ढक गया तथा चीटियों ने उनकी देह पर अपना निवास बना लिया वह दिखने में मिट्टी का टिला सा जान पड़ते थे.
इस तरह बहुत समय गुज़र गया एक दिन राजा शर्याति की पुत्रि सुकन्या अपनी सखियों के साथ टहलती हुई च्यवन मुनि के स्थान जा पहुँची वहां पर मिट्टी के टीले में चमकते दो छिद्रों को देखकर चकित रह गई और कौतुहल वश देह को बांबी समझ उन छिद्रों को कुरेदने लगती हैं. उनके इस कृत्य से ऋषि की आंखों से रक्त की धारा निकलने लगती है और ऋषि च्यवन अंधे हो जाते हैं और क्रोधित होकर वह शर्याति की सेना का मल-मूत्र रुक जाने का शाप दे देते हैं. राजा शर्याति ने इस घटना से दुखी होकर उनसे विनय निवेदन करते हैं क्षमायाचना स्वरुप वह अपनी पुत्री को उनके सुपुर्द कर देते हैं इस प्रकार सुकन्या का विवाह च्यवन ऋषि से हो जाता है.
ऋषि च्यवन और अश्चिनीकुमार | Sage Chyavana and Ashvins
सुकन्या बहुत पतिव्रता थी वह च्यवन ऋषि की सेवा दिन रात लगी रहती. एक दिन च्यवन ऋषि के आश्रम में , देवों के वैद्य अश्वनीकुमारआ आते हैं. सुकन्या उचित प्रकार से उनका आदर-सत्कार एवं पूजन करती है. उसके इस आदर भाव व पतिव्रत से से प्रसन्न अश्वनीकुमार उसे आशीर्वाद प्रदान करते हैं वह च्यवन ऋषि को उनका यौवन व आंखों की ज्योती प्रदान करते हैं आँखों की ज्योती और नव यौवन पाकर च्यवन मुनि बहुत प्रसन्न होते हैं वह अश्चिनीकुमारों को सौमपान का अधिकार दिलवाने का वचन देते हैं.
यह सुनकर अश्विनी कुमार प्रसन्न होकर और उन दोनों को आशीर्वाद देकर वहाँ से चले जाते हैं. शर्याति जब च्यवन ऋषि के युवा हो जाने के बारे में सुनते हैं तो बहुत प्रसन्न होते हैं व उनसे मिलने जाते हैं. ऋषि च्यवन, राजा से कहकर एक यज्ञ का आयोजन कराते हैं. जहां वह यज्ञ का कुछ भाग अश्विनी कुमारों को प्रदान करते हैं. तब देवराज इन्द्र आपत्ति जताते हैं और अश्वनीकुमारों को यज्ञ का भाग देने से मना करते हैं
परंतु च्यवन ऋषि, इन्द्र की बातों को अनसुना कर देते हैं इससे क्रोधित होकर इन्द्र ने उन पर वज्र का प्रहार करने लगते हैं किंतु ऋषि च्यवन अपने तपोबल से वज्र को रोककर एक भयानक राक्षस उत्पन्न करते हैं. वह राक्षस इन्द्र को मारने के लिए दौडता है इन्द्र ने भयभीत होकर अश्वनीकुमारों को यज्ञ का भाग देना स्वीकार कर लेते हें और च्यवन ऋषि से क्षमा मांगते हैं च्यवन ऋषि का क्रोध शांत होता है और वह उस राक्षस को भस्म करके इन्द्र को कष्ट से मुक्ति प्रदान करते हैं.
च्यवन मुनी और राजा कुशिक । Chyavana and Kushika
एक बार च्यवन मुनि ने कुशिक वंश को पूर्ण रुप से समाप्त करना चाहा इसलिए वह राजा कुशिक के यहाँ अतिथि रूप में जाते हैं और इक्कीस दिनों तक उनकी कडी परीक्षा लेते हैं लगे. राजा-रानी उनकी सेवा में लग गये। इस प्रकार के अनेक कृत्य होने पर भी जब राजा कुशिक तथा रानी अपने कर्म से विचलित नही हुए तो च्यवन उनके सेवाभाव से बहुत प्रसन्न होते हैं और उन्हें एक अद्भुत स्वर्णमहल प्रदान करते हैं तथा वरदान स्वरूप उन्हें महापराक्रमी क्षत्रिय धर्मा वंशज(परशुराम) के उत्पन्न होने का वर देते हैं तथा वह कहते हैं की राजा कुशिक की तीसरी पीढ़ी से कौशिक वंश प्रारंभ होगा और तुम्हारे वंश गाधि को विश्वामित्र नामक ब्राह्मण-पुत्र की प्राप्ति होगी .
क्या च्यवन वैश्य समुदाय से हैं? हैं तो उसका क्या इतिहास और संदर्भ है? कृपया बताएं।
Deleteउपेंद्र कश्यप। 9931852301 दैनिक जागरण।
लेखक-श्रमण संस्कृति का वाहक दाउदनगर। मैं भी वैश्य हूँ और समाज के लिए कार्य करता हूँ। कृपया जानकारी फोन पर इसी नंबर पर ह्वाट्सएप पर देने का कष्ट करें।
Bhargava, also spelled Bhargav, is a community in India who believe themselves to be descended from the sage Bhrigu. Its members originate from the Dhosi Hill area and were originally known as Dhusars.
ReplyDeleteThe Bhargava community were originally known as Dhusars and were a trading caste (bania or vaishya). During the later part of the 19th century they successfully engineered a rise to the status of brahmin using a process sometimes termed sanskritisation. It was at this time that they took the name of Bhargava.[1] The oldest known inscription mentioning the Dhusar community is at the Sakrai Mata temple at Sakrari in Sikar district, Rajasthan. Dineshchandra Sircar dates this to 879 AD,[2][full citation needed] although it is dated by others to 642 A.D. They were merchants or traders at that time.[3]
The Bhargava now believe themselves to be descended from the sage Bhrigu and his son Chyavana.
The Bhargava have well-established community associations, the Bhargava Sabhas, that operate in various cities[5] under an umbrella organisation, the All-India Bhargava Sabha (AIBS) located at Gurgaon, Haryana. There are around 37 of these Bhargava Sabhas.[6]
AIBS has also held international conferences. These took place in Canada (2008), USA (2009) and Dubai (2012).
श्री खरे केशरवानी वैश्य समाज सतना मध्य प्रदेश
ReplyDeleteश्री खरे केशरवानी वैश्य समाज सतना मध्य प्रदेश
ReplyDeleteप्रवीणगुप्ताजी नमस्कार,कृपया बताये कि उनाई-साहू वैश्य व तेली समाज में क्या समानता हैं।
ReplyDeleteप्रवीण जी बताये बतयेकी की क्या अग्रहरि लड़के का कवीवह अग्रवाल अथवा कसौधण लड़की लड्किसे हो सकता है
ReplyDeleteप्रवीण जी अग्रहरि वैश्यों के उद्गम के बारे मेआपके पास कोई जानकारी है?
ReplyDeleterakgupt05@gmail.com
वनिया के सभी जाति को भारत मे एक नाम से Q नही बोला जाता हैं अलग-2 जाति सूचक का प्रयोग करके हमें कमजोर किया गया हैं हमारे अल्पसंख्यक,कमजोर उपजाति के भाई-बहन को पताडित किया जाता हैं इसके बारे मे कोई नही (प्रशासन, पुलिस, नेताओं) ध्यान दिया। इनके बारे में कुछ भी जानकारी समाज को नहीं हो पाता हैं इनके बारे में आप अपना अनुभव बताने की कृपा करे
ReplyDeleteप्रवीण जी हम बिखरे हुए वो मोती है जिन्हें एक धागे में बाधने की ज़रूरत है
DeleteApp ke vichar se Mai puri Tarah se samaj hu balmiki gi. Hum vasya tabhi majbut Hoge jab sabhi roti aur beti ka rista banayege.
DeleteSir,
ReplyDeletePlz provide details about Sangal community belongs shamli, Meerut,u.p.
Is they belongs to guptas.
Goyal gotre konse vanish samaj me aata h
ReplyDeleteGoyal gotre konse vanish samaj me aata h
ReplyDeleteGoyal gotre konse vanish samaj me aata h
ReplyDeleteAgra me sir hi
DeleteGoyal gotre konse vanish samaj me aata h
ReplyDeleteAgrawal,Agrahari,Agrasaini,Mahuri,Mathur,Gupta,Ronihar and other sub caste about 200 which were deleted by British
DeleteIn Maharashtra Vaishya Wani are not Teli ....Telis are as above......Tilwan Teli,Ek Baile Teli,Don Baile Teli .Kindly conform from reliable sources and publish the list .
ReplyDeleteSir banodha vaish kon si cast h vistar sa bataiya iska bara ma....
ReplyDeleteश्री मान जी साहू गोत्र के बारे में कुछ जानकारी दें
ReplyDeleteवैश्य सिर्फ वाणि नहि होते इसमे और भि कइ जातिया शामिल है. महाराष्ट्र मे यह एक प्रघात है कि वैश्य के आगे वाणि जोड देना इसका यह अर्थ नहि है कि सिर्फ बनिये या वाणि लोग हि वैश्य है. जितनिभि ब्युझिनेस्स कम्युनिटी है वोह सभि वैश्य मे आति है.
ReplyDeleteहमें कमज़ोर करके ऊपरी जातियाँ आनंद लेती है
ReplyDeletePraveen ji aap ye btaye ki शोणडिक cast ko aap nhi add kiye h hm bihar se h soundik ko शुढीं v kha jata h ye mul rup se baniya mahajan khte h aur title gupta h aur gotta kashyap
ReplyDeleteबिहार की साह (कानुजिया) के बारे में बताये
ReplyDeleteसाह जाति का इतिहास जानना चाहता हूँ । और ये किन किन surmane का प्रयोग करते है
ReplyDeleteI belong to Bihar state, where KASERA, THATHERA, TAMRAKAR, KESARWANI,…. are regarded as Bania/Baniya. Whether these castes/sub-castes are coming under Vaishya?
ReplyDeleteKasera: Hindu – Vaishya – Bania/Baniya (Haihaivanshi-Kshtriya) ??
http://news.desigoogly.com/blog/kasera-caste-definition/
http://indpaedia.com/ind/index.php/Kasar
https://en.wikipedia.org/wiki/Tamrakar
Sir me halwai ladka hu kya me agarhari baniya ki ladki se sadi kar sakta hu.... Plz sir reply
ReplyDeletePraveen Ji. I belong to bihar state and my caste is "shoundik" which is also called "suri" and "shunri"in west bengal. My surname is sah and other surname used by our caste are Gupta, Purvey, Panjiyar, Mandal, Mahaseth, Manjhi, and mahto. My caste is not included in your list. Let me know please whether shoundik caste do not belong to vaishya varna.
ReplyDeleteश्रीमान जी मैं क्षमा चाहता हूँ, भूलवश रह गयी थी. आपने याद दिलाया धन्यवाद, मैंने शौन्द्रिक जाति के बारे में पोस्ट डाल दी हैं, आप देख लीजिये. धन्यवाद.
ReplyDeletesir.there is one vaish category who are very limited and concentrated in areas SITAPUR ,HARDOI,KANPUR only named HARDOYE Vaish and gotra called KASHYAP.They used to do business upto 3-4 generation back.They appeared to follow Marwari and Gujrati traditions also.they usE SURNAME AS vAISH.have you any idea about this BIRADARI.THANKS
ReplyDeleteChauseny vaishyon ke jo 48 gotta uper diye h unme MOTIHAR gotta ka man Nani h. Jabki Mai Devprakash Gupta up ke aligarh jile ke Bhartua gaon se mule rup se hun aur mera gotra motihar h. Hamara udgam bihar ke motihari jile se mana jata h. Ash ise apni list Mai shamil Karne ka kasht Karen
ReplyDeleteSir apne Gahoi Vaish samaj k bare me adhik jankari nahi Di hai. Gotra Aur aankno ka varnan nahi hai.
ReplyDeleteGahoi samaj bhi maheshwari Aur agrawal samaj k jesa Ek pragitisheel evam prabhuttav wali samaj hai khaskar bundelkhand shetra mai jese ki Jhansi, gwalior, Jabalpur,aadi me.
Umeed hai Ap dhyan denge..
Dhanyavad
Sir, Kindly tell whether Dosar Vaishya are OBC/SC ?
ReplyDeleteRegards.
Anant Kumar
श्री मान् जी बलमतीरीयाॅ (हलूवाइ) भी वैश्य समाज में आता ।इस समाज की उत्पत्ति बलमघाट से उत्पन हुआ था ।जो कि गणिनाथ बाबा के सेवक है। इसके कुल गणिनाथ बाबा है ।
ReplyDeleteकृपया इस जाति का नाम भी जोड़ दिया जाए ।
Kya madeshiya vasishya or dosar vasishya me sadi hoti hai
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletePlease tell me
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletePorwals
ReplyDeleteप्रवीण गुप्ता जी आपकी सूची में सोनार, स्वर्णकार नहीं हैं।
ReplyDeleteउत्कर्ष जी इधर पश्चिमी उत्तरप्रदेश, हरयाणा, पंजाब, दिल्ली, के सुनार अपने आप को वैश्य नहीं मानते हैं, वे अपने आप को राजपूत बताने लगे हैं.
ReplyDeleteसभी मित्रों को नमस्कार।
ReplyDeleteआप सभी अपना ह्वाट्सएप नंबर दें। में सभी को वैश्य विमर्श ग्रुप से जोड़ना चाहता हूँ। ताकि हम वौद्धिक विमर्श को आगे तक ले जाएं। यह काम एक दिन या किसी अकेले का नहीं है।
उपेंद्र कश्यप 9931852301।
औरंगाबाद बिहार। पत्रकार, लेखक व समाज के लिए सक्रिय।
उत्कर्ष जी स्वर्ण कार वैश्य जाति का इतिहास यदि आपके पास हो तो भेजिएगा, मैं उसे अपनी ब्लॉग पोस्ट पर डाल दूंगा.
DeleteNamaste parveen sir ji Madeshiya kanu konsi jati hoti hai
ReplyDeleteहलवाई वैश्य
DeleteYe modikya hai Amitsah kya hai
ReplyDeleteमोदी मोढ घांची वैश्य हैं, अमित शाह जैन वैश्य हैं.
Deletemadhesia vaishya kon si category mai aathe h
ReplyDeleteKalchuri Kshatriya (kalwar) vaishya me kaise aa gaye
ReplyDeleteरोहित जी पहले वैश्यों की अधिकतर जातिया क्षत्रिय थी, लेकिन अब वैश्यों में आती हैं.
ReplyDeletepandit ji kaushal konse gotre mei athe ha pl bataiya
ReplyDeleteऐसी बात नहीं हैं
ReplyDeleteSIR PRAVEEN JI HUM BASICALLY FIROZABAD KO BELONG KARTE HAI AUR SIR NAME ME GUPTA LIKHTE HAI KYOKI HUMARE MAATA PITA NE HUMEIN BATAYA THA KI HUMARA KOI LINK AGARWALS SE BHI HAI TO KRIPA AAP BATEN KI KYA AISA KOI LINK HAI BHI YA NAHI HUMARE YAHA AB KOI BUJURG NAHI HAI ISLIYE HUME APNE GOTRA KE VISHAY ME BHI SAHI SAHI PATA NAHI HAI LEKIN JO PURANE LOG AB BHI HUMARE AAS PASS REHTE HAI WO BADI HEEN BHWANA SE DEKHTE HAI HUME KIS TARAH SE IS VSHAY ME JAANKAARI MIL SAKTI HAI KRIPA HUMARA MARGDARSHAN KAREN HUMARE EK BADE BHAI SAHAB HAI JO BATATE HAI KI HUMARA GOTRA SINGHAL HAI.
ReplyDeleteसर आपका गोत्र यदि सिंघल हैं तो आप अग्रवाल वैश्य हैं. अग्रवाल वैश्यों में सबसे ऊँची जाति होती हैं, आपको तो गर्व होना चाहिए.
DeleteMe gujrat se raghuvanshi lohana hu hum kshtriya he fir bhi aapne vaisya mebginti ki asha kyu?
ReplyDeleteLohana ka etihas bhi ye kaheta he ki vo prachin kshatriya he or aaj bhi hum apne surapura vir jashraj rana ka sahid sin shan se karte he to aapne kyu vaisya kaha plz unsure
ReplyDeleteनमस्कार भाई साहब
ReplyDeleteनमस्ते सर गौर gour caste ke bare mai bataye
ReplyDeleteReply
Sachin kumar gourJune 25, 2017 at 2:57 AM
Gour caste ki bahulta kaha par hai inki mukhya paisha kya hai please sir bataye
Reply
नमस्कार praveen जी ,
ReplyDeleteआप के ब्लॉग को आज देखा, देखकर अच्छा लगा की हमारे समाज के कुछ जागरूक लोग समाज के लोगों को समाज के इतिहास के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं | इसी को देखकर मेरे मन में भी इच्छा हुई की कुछ अपनी वैश्य बिरादरी के बारे में जानू, किन्तु मुझे वो जानकारी प्राप्त नहीं हो पायी, इसीलिए मैं आपको ये मैसेज लिख रहा हूँ, हमारी बिरादरी उत्तर प्रदेश में ज्यादातर रहती है, हम लोग गुप्ता हैं, जानकारी ली तो पता चला गुप्ता समाज के कुछ लोग बाथम वैश्य है, कुछ कलवार, कुछ हलवाई, और कुछ हरदोई वैश्य कहलाते हैं, कृपया जानकारी उपलब्ध कराएं की ये वैश्य समाज के लोग किस केटेगरी में आते हैं सामान्य में या पिछड़े में, क्योंकि कुछ गुप्ता समाज के लोग सामान्य में हैं और कुछ पिछड़े वर्ण में तो हमेशा यह एक संसय का विषय बना रहता है | और कश्यप गोत्र के वैश्य किस केटेगरी में आते हैं यह भी बताने का कष्ट करें |
बहुत बहुत आभार और धन्यवाद आपका
Mai ashish Kumar tantwa ,sir Mai uttar Pradesh se hu Mai yh Janna chahata hu ki kya tantwa cast Jo uttar Pradesh me obc me aati hai kya yh cast vaisya nhi hai kya?
ReplyDeleteMein nepali sampradai se hu, Hamara surname Karki(murula) hain.. Yah kounsa baishya star par hoga?
ReplyDeleteआपकी लिस्ट में यज्ञसैनी का जिक्र नहीं है जबकि ये भी गुप्ता है
ReplyDeleteSir mahawar vaise k kurdal gotr k kuldevta kuldevi ki jankari d.apki kripa hogi
ReplyDeleteगुप्ताजी नमस्कार.आप वस्तिविक vaish समाज का जिक्र करे.आज के दौर मे सभी लोग अपने को vaish बताने लगे हे.आप खुद सोचे कि क्या हलवाई.मध्ररेश्या.मोदनवाल.तैली.साहू.पाटवा.चोरश्या.सुनार.रस्तोगी आदि वगेरा-वगेरा vaish कि श्रेणी आते हे.जबकि इनसभी का vaish मे कोइ वजूद नही हे.केवल पव्लिकसिटि के लिए मत करे.कृपाकर vaish समाज कि गरमा को बनायए रखे.पूरी जानकारी के साथ vaish समाज का जिक्र करे.
ReplyDeleteSir vasya rajao ka itihas bataye
ReplyDeleteSir hindu hajam ( nayi ) jati k bare me kuchh bataye
ReplyDeleteSir very good information.
ReplyDeletePlease provide about Gahoi vaish samaj. Their origion. Prominent persons etc
Dear Sir,
ReplyDeleteI am Anuj Rastogi my father and grand father belongs to District Badaun Uttar pradesh but i don't know our gotra / KUL / KUL Devta can you pl. help me to get it.
Praveen ji namaskar Hum multah Bihar Ke rehne wale hai Evam kamlapuri vaishya baniya hai Kya vaishya baniya SURI me V hote hai . agar hote hai to phir kamlapuri vaishya baniya aur SURI vaishya i Baniya me vivah Ho saktae hai kripya bataiye.
ReplyDeleteApka abhari
Sanjay Kumar Sha
Praveen ji i would like to know that what is indurkar surname vaisya or not.
ReplyDeletePlease send details in
asahu125@gmail.com
Sir ji mai up ka hoon hardoye vaish ka apki list me jikr hi nahi h please detail se bataye
ReplyDeleteDradomar vaisya kisme aate hai.plz tell me..?
ReplyDeleteI m dinesh gupta from shivhare vaishya ahmedabad. I have no word to appreciate your contributions to call all the vaishya community on one table,but i think lot more have to do to bring the all bania community united, in this context first thing which do more effective to do marriges among all the community without thinking of our gotra and profession. When we will unitedly show the number of bania that will force the political agency to think foe the participation on indian politics.Now a days all the active members of politics should be recongnized and every member of the community have do some one step in favour of our people. then surely we will be more benefishries then we right now. pranam bhai sahab aapke bhagirath prayas ko salam jai ho vaishya samaj ki
ReplyDeleteधन्यवाद श्रीमान जी आप का बहुत बहुत....
Deleteधन्यवाद
ReplyDeleteदेश के प्रधान मंत्री वैश्य, किसी बड़े दल के शीर्ष पर वैश्य, कई मंत्री वैश्य लेकिन फिरभि वैश्यो के योगदान के अनुपात मे उसे उप्लब्दी कम है। समाज की प्रगति सभी वर्णो के एक मंच पर आने से है, सभी का प्रयास होना चाहिए की पूरे वैश्य समाज मे व्यवहार चलने लगे। तभी वक्त के अनुसार समाज को तव्वजो दी जाएगी। लेकिन भाईजी आपके प्रयास को सलाम। कभी ना कभी वैश्य जागेगा जरूर।
ReplyDeletemodi ji ne aaj tak kisi vaisy samaj ke liye koi kam nahi kiye nahi vaisye mahapuruso ke nam se koi yojna chalai
Deleteइसमें कलाराश गोत्र के बारे में भी नही है कृपया उसके बारे मे भी बताये।
ReplyDeletemy name is Amar kumae dev i hail from supaul bihar my forefathers belonged from terai region in nepal with title choudhary in rajbiraj .
ReplyDeletedo i belong to agrahari vaishaya community?
also there is no mention of agrahari vaishya in the list above
ReplyDeleteमोदी जी जाति और वर्ण की राजनीति नहीं करते हैं.वह देश की बात करते हैं...
ReplyDeletesir gupta jaiswal aur kasudhan main kunsa baniya cast badha hain
Deletesir baniya main jaiswal gupta aur kasudhan main kun sa cast badha hain kirpa kar k bataye mujhe sir
ReplyDeleteSh. Praveen Kumar Gupta Ji
ReplyDeletesadar namaskar
I would like to inform you that I belongs to CHAUSENI VAISH SAMAJ. Our samaj peoples living around the Indian States as wellas Internationally as recognized in the list of vaishy upjatie Internationally, All India vaishy Federation, Hamara Vaishy Samaj And other Vaish Sub-communities. But I have seen your blogs does not show CHAUSENI VAISH alongwith other vaishy sub-cast. You are kindly requested that update CHAUSENI VAISH sub-cast in all your all posts and in future also. Kindly confirm.
With Warm Regards
Ramesh Chandra Chauseni
E-mail- rcguptadelhi@yahoo.co.in
M- 9953978616, 9968091562
Hello Sir,
ReplyDeleteI want to know are the persons with kashyap and atri gotra with gupta sirname belong to Vaishya community or not ??
Thanks.
Hi, My name is Shubham Gupta.
ReplyDeleteVillage : Bidhipur , Hathras, UP.
KulDevi : Belon Sarva Mangala Devi Temple
We have our vanshavali in Belon. The information given by the pandit who maintain our vanshavali is that our gotra is माहौर . I am confused can माहौर be directly used as a gotra or not. Please help me.
Thanks in Advance.