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Monday, July 7, 2025

आर्य वैश्य श्री माता वासवी स्तोत्रम

आर्य वैश्य श्री माता  वासवी स्तोत्रम


वासवि कन्यका परमेश्वरी स्तोत्रम

 कैलासा-चला सन्निभे गिरिपुरे, सौवर्ण श्रृंगे महास्तम
बोध्यां मणि-मंतापे, सुरुथुरा प्रांते-चा सिंहासने

असीनां सकल मरार्चितपदम्, बख्तरदि विध्वंसिनीम
वन्दे वासवी कन्यकम स्मिता-मुखिम सर्वार्थ दमाम्बिकम

नमस्ते वासविदेवी | नमस्ते विश्व पावनी |
व्रत-संबद्ध | कौमाथरेथे नमोन्नमह | |

नमस्ते भयसंहारि | नमस्ते भाव-नाशिनी |
भाग्यधादेवी | वासविथे-नमोन्नमह | |

 नमस्ते अध्भूत-संधान | नमस्ते बध्रा-रूपिणी |
नमस्ते पद्म-पत्राक्षी | सुंदरांगी नमोन्नमहा | |

नमस्ते विबुध-नंद | नमस्ते बक्त रंजिनी |
नमस्ते योग-संयुक्तः | वणिक्य-न्या नमोन्नमहा | |

नमस्ते बुद्ध-संसेव्य | नमस्ते मंगल-प्रदे |
नमस्ते शीतला पांगी | शंकर-इथे नमोन्नमह |

नमस्ते जगन्माथा | नमस्ते काम-दायिनी |
नमस्ते बक्त-निलय | वरधे-नमोन्नमहा | |

नमस्ते सिद्ध-संसेव्य | नमस्ते चारु-हासिनी |
नमस्ते अदबुथा-कल्याणी | शर्वाणी-द नमोन्नमहा |

|नमस्ते बक्त-संरक्षा | दीक्षा-सम-बाधा-कंकण|
नमस्ते सर्व काम-यर्था | वर्धे-द नमोन्नमहा | |

देवी-ईम प्रणम्य साध-बक्त्या | सर्वकामिर्धा सम्पादन |
लभथे-नाथरा संधेहो | देहांथे मुक्तिमां भवेथ | |

श्री मठ कन्यका-परमेश्वरी देव्ये-नमः
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सौजन्य-मोहन सिंगम चेट्टी

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