Pages

Monday, July 7, 2025

ARYA VAISHYA GOTRAM - आर्य वैश्यों के गोत्र

ARYA VAISHYA GOTRAM  - आर्य वैश्यों के गोत्र

आर्य वैश्यों के 714 गोत्रों में से 102 गोत्र हैं। वे अपने अनुष्ठानों के लिए 102 ऋषियों का अनुसरण करते थे। सभी आर्य वैश्यों की पहचान और वर्गीकरण के लिए उपनाम गोत्र और ऋषि एक ही हैं। गोत्र ऋषियों के संस्कृत नामों के समतुल्य हैं ।
 
वैश्यों का समूह अपने अनुष्ठानों के संचालन के लिए विशेष ऋषि के अनुयायी बन गए और उन्होंने उस विशेष ऋषि के अनुयायी होने का दावा किया, इसलिए उन्हें ऋषि नाम से पहचाना जाता है। और फिर भी पहचान के लिए वे उपनाम का इस्तेमाल करते थे, जो आम तौर पर यह दर्शाता था कि वे कहाँ से आए हैं या उनका पेशा क्या है और ऐसी पहचान।

न गोथिराम नाम सांकेतनामम्ग

अगस्त्य- अनुभा गुल, अनुबाला, अनुबाला गुल
अथ्रेयासा अरासाकुला- अरिसिष्टकुला-एलिसीष्टकुला-अरिसिष्ठाकुला-हरिशिष्ठाकुला
अचयनसा अक्रमुलाकुला-अक्यामुलाकुला-अमलकुला-अर्क्यमुला
उग्रसेनसा कुमारीशिष्ठ-कुमारसिष्ठकुल
उध्गुरुष्टस कन्याकुल- कनुकुला- क्रानुकुल- क्रनु
उत्थामोजासा उत्कलकुला-उत्थाकुला-उत्थाशिष्टकुला-उत्थामाकुला
रुष्यश्रृंगसा अनंतकुला
आयुषित्यसा यानसकुला- यानसाककुला-यानसाबिकुला
गणवसा गरनाकुला
गंधरपासा साराकुला-सेकोटलाकुला-सेगोल्ला-समानकुला-श्रेष्ठ कुंडला कुला
कबिलासा मांडू- मांडकुला- हस्तकुला- मंदाकुला
कबीधासा वेंकलकुला
काश्याबसा गणमुकु कुल
गुथ्सासा इश्वाकु कुल
कौंडिन्यसा कनलोला- कनश्रीला- कनश्रीला कुल
गौंधेयस कामशिष्ट
कौसिकस कारक पाल
कृष्णसा धानकुला-थानानकुला-थेनुकुला
गर्क्यासा प्रहीनुकुला- प्रहीनिकुला- पैपिकुला
ग्रुथसन मथासा एसाबकुला-एसुबाकुला-एशुबाकुला-सन्नाकुला-जनकुला-ज्यानुकुला
गोपाकासा इंजथापाकुला-गोपाकुला-कोंडाकुला-कोंडाकाकुला
गौतमसा गांठसीला- गांठसीलाकुल- गांठसीला- ग्रंथिशीला
चक्रपनिष चक्रमूलकुल- चक्रमूलकुल
चमार्षणसा बेथश्रेष्ठ- बेथकिष्ट- पथशिष्ठकुल- पथशिष्ठकुल
जड़बरथास कुंडकुल- धुरासिष्ठ- धुरासिष्ठकुल
जधुकर्ण चंद्रकुल- चंद्रमूल- चंद्रमसिष्ठ
जंबासुथनासा त्रिमुला- त्रिमुलाकुला
जरथकरसा संथाकुला- जनकुला-ज्यानुकुला
जाबालिसा सिरिसिष्टकुल- सिरसिष्ठकुल
पप्रेयसा संसिष्ठ- संसिष्ठकुल- सिनिशेतला
जीवनधिसा बुरतिलाशिकुला-ब्रुमासिस्ताकुला-लुर्थथिकुला
थरानिसा त्रिविक्रम- शिष्टसा- त्रिविक्रमसिष्टाकुल
थिथिरिसा पामथाकुला-प्रथमकुला-प्रवतकुला
त्रिजादासा उपराकुला-उसिराकुला
थाइथ्रेयासा सिथुरुबेलु- सिथरुबेलु- सिथरुबा- सिथरुबाकुला
थलप्यासा पदिनाकुला-प्लाकाकुला-पालाकलाकुला-पदनाशिष्ठाकुला
धु्रवसा थिथिसा- थिथिनाकुला- थेंथसुला- थेंथसाला- थेथनकुला
धेवरथसा हरासिकुला
देवा कालक्यास उसिरकुला- धेषिष्टकुला
नराधसा पालकाकुला-पालाकुला
नेथ्रा पहतसा संधोकु- संधोकुलकुला
पारस परायन्यासा धुवविशिष्ठकुल- पौलथत्स्य कुल- श्रीभूमसिकुल
पल्लवसा कनपाकुला-कांताकुला-कांतासुकुला-कांतासुकुला-कांताशुकुला
पवित्रा पणिसा धायसिष्ठकुल- धाय सिष्टकुल- धशिष्टकुल- थाइसीट्टाकुला- थेसेटलाकुला- थेसिष्टकुल- थिस्सिष्ठाकुल
पारासर्यसा कामथेनुकुला- पटाकासीलाकुला-पंचालकुला-पंचालकुला-प्राणसीलाकुला-प्राणसीलाकुला-प्राणसीलाकुला-पम्पाल्ला
पिंगलासा अयनकुला
पुंडरीगासा अनुसिष्ठ-अनुसिष्ठकुल-क्रानुकुल-थोंडिकुला
भूधि माषासा धुर्वादिकुला- धौलासिष्ठकुला- धुर्यदाकुला- धुर्वाशिष्टकुला- धुलासीकुला- धोडाकुला- धोडिलुला
पौण्ड्रकासा बुमसीमामसुकुला- बुमसीमानकुला- ब्रोशिताकुला- ब्रोसी- ब्रोलेकाकुला
पौलस्थ्यसा गोशीला- उथमगोसीला- पल्लालगोसीला- पदुगोसीला- श्रीगोसीला-पुनागोसीला- सूर्यकुल- उथमसीला- पुनागोरसीला- पट्टूगोसीला- पुनाकासीलाकुला भीमगोसीला- सत्यगोसीला- चंडीगोसीला-
प्रसेनसा वनसिष्ठकुल- लेनासिष्ठकुल- लेलिसिष्टकुल
प्रभासासा उधवहाकुला- पेंडलिकुला-रविशिष्ठकुला
बृहत्वास पेरुसिष्ठ- बेरीसिष्टकुल- भैरुशिष्टकुल
भोधायनसा बुधिकुला-बधानाकुला
भारद्वाजस बालासिष्ठ- बालशिष्ठ- बालसिष्ठ
भर्गवसा पृथ्वीविशिष्ठ-पृथिविश्रेष्ठ
मंथापलासा विन्नसा- विन्नकुला- विन्नकुला- वेन्नाकुला
मानवासा मथ्यकुला-मन्युकुला-मरासकुला-मानाचाकुला
मरीचासा थिशमासिष्ठाकुला- थीशमाशिताकुला- थीशमाशिष्टकुला- थीशमश्रेष्ठ
मार्कंडेयसा मोनुकुला- मोरुका- मोरुसा- मोर्ककलाकुला
मुनिराजस पद्मसिष्ठ- पद्मसिष्ठकुल- पद्मश्रेष्ठ
मैत्रेयसा मत्थिकुला- मथनाकुल- मथ्यसाकुल- मिथुनकुल- मैत्रीकुलव
थौम्यासा चंदा-चंदाकुला-चंदकाकुला-चंकलाकुला
मौन्जया मुंजीकुला- मौन्ज्रिसा- मौन्जिकुला
मुखकल्याणसा नाबिला- नाबीलाकुला- नाबीलासाकुला- मुनिकुला- मूलकुला
यास्कस व्यालाकुलस-वेलगोल्ला-वेलिगोला
यज्ञ वल्क्यसा अभिमंचिकुला
वदुगासा अनमारशनकुल
वाराटंतुसा मसानथा- मशानथाकुला
वरुणास येलशिष्टकुल-वेलसिष्ठकुल-वेलसिष्ठकुल-सिरीशिष्ठाकुल
वशिष्ठ वस्थि-वस्थिसा-वस्थिकुला-वस्थ्रिकुला
वामदेवसा उपलाकुल- उपमाकुल- उपनकुल- उपमन्याकुल
वासुदेवास भीमसिष्ठ- भीमसिष्ठकुल- भीमश्रेष्ठकुल
वायव्यय मृंगमकुल-वृहसिष्ठकुल-वृकलमूल-व्रंगमकुल-व्रंगमुलकुल
वाल्मीकसा सुकालकुला- सकलाकुला- सुकालकुला- सुगोल्लाकुला
विश्वग्शेनस उबारिशिष्ठ-विबारिशिष्ठ
विश्वामित्रस विक्रमसिष्ठ- विक्रमसिष्ठकुल
विष्णुरुन्थासा पिप्पलाकुल- पुप्पलाकुला
वैरोहित्यसा वसंत-वसंतकुला
व्यासा थानाकु- थानाथाकुला
सरबंकासा क्रमसिष्ठ- क्रमाशिष्ठाकुल- क्रमाश्रेष्ठकुल
सर्गनरावास कुंडकाकुला- कोंडाकाकुला
शांडिल्यसा थुप्पाला- थुप्पलाकुला
श्रीवत्सास सिलकुला-श्रीरंगकुला-श्रीलकुला
श्रीधरसा शिरीषेष्ठ- सिरीषेष्टकुल-श्रीशिष्ठा
शुक्लासा श्रीसलकुला- श्रीसल्ला-श्रीसल्लाकुला
चौचेयासा इलमंचिकुला- यालमंचिकुला- हेलामंचिकुला
चौनकासा कमलाकुल-ध्रुगसिष्ठ-ध्रुगसिष्ठकुल-थानथकुल-चाणकालाकुला-चौनाका
सत्यसा अन्थिराकुला-चिंताकुला-चिंतामसिष्ठ चिंताकुला-चिंताकुला
सनकासा शनाकुला- सनकासा
सनथकुमारसा डंकराकुला- मुथुकुला
सनातनसा समशिष्टकुला
समवर्तकसा रेंडुकुला- रेंटाकुला
सुकंचनासा पुचकुला-पुचकसीला-पुनीथा-पुनीथासा-पुनथाकुला
सुधीशनसा धन्थाकुला- ध्यान्थाकुला- धन्थाकुला- धन्थाकुला- धेन्थाकुला- धोंथाकुला
सुंदरसा इना- इनाकुला- इनाकोला- विनुकुला
सुवर्णासा प्रोदयसकुल- प्रोदाजाकुल- प्रौदायाजा
सुब्रह्मण्यस संथाकुला- सैनिकथाकुला
सोवबरनासा पुथुरुकुला- पुथुरुकसकुला
सौम्यासा हस्तिकुला
सोवर्णसा चुसलाकुला- सकलाकुला- सूचलकुला- सूकसल्लाकुला- सूसलकुला
हरिवल्गयास कपटा- कुराता- कोरटाकुला- गोरंटाकुलु

No comments:

Post a Comment

हमारा वैश्य समाज के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।