Pages

Saturday, March 8, 2025

JAYASWAL VAISHYA BANIYA CASTE - जायसवाल बनिया जाति

JAYASWAL VAISHYA BANIYA CASTE - जायसवाल बनिया जाति


यहां हम जायसवाल बनिया जाति के बारे में बात कर रहे हैं. जायसवाल बनिया एक हिंदू समुदाय है जो पूरे भारत में पाया जाता है. जायसवाल कलवार जाति से संबंधित हैं, जोकि पिछड़ी जाति से संबंधित व्यापक ‘बनिया’ समुदाय का एक उप-समूह है. इसीलिए उत्तर भारत में जयसवाल को “कलवार” के रूप में भी जाना जाता है. परंपरागत रूप से इस समुदाय के लोग यह शराब के आसवन और बिक्री में शामिल थे. वर्तमान में जायसवाल मुख्य रूप से एक व्यापारी हैं और विभिन्न वस्तुओं का कारोबार करते हैं.

जायसवाल बनिया कहां पाए जाते हैं?

यह मुख्य रूप से उत्तर भारत और मध्य भारत में पाए जाते हैं. इनमें से अधिकांश आगरा, दिल्ली और राजस्थान सहित उत्तर भारत के राज्यों में पाए जाते हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ में इनकी उल्लेखनीय आबादी है. मध्य प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड में भी इनकी उपस्थिति है.

जायसवाल बनिया किस कैटेगरी आते हैं?

भारत सरकार के सकारात्मक भेदभाव की प्रणाली आरक्षण के अंतर्गत साल 2003 में, जायसवाल कलवार को दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसी कुछ राज्य सरकारों द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के रूप में वर्गीकृत और सूचीबद्ध किया गया था. हालांकि जायसवाल जैन और जायसवाल राजपूत अभी भी आरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत सामान्य वर्ग (Unreserved Category) में रखा गया है.

धर्म

अधिकांश जायसवाल बनिया हिंदू धर्म का पालन करते हैं. कुछ जायसवाल जैन धर्म के हैं.

जायसवाल बनिया का इतिहास

“जायसवाल” नाम भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के एक नगर आया है जहाँ से इस लोगों की उत्पत्ति हुई थी. हालांकि, जायसवाल कलवार समुदाय की उत्पत्ति ज्ञात नहीं है, लेकिन यह अनुमान लगाया जाता है कि इनके पूर्वज उत्तर प्रदेश के ‘जैस’ शहर से थे और जिन्हें जायसवाल के नाम से जाना जाने लगा. बता दें कि जैस/जायस (Jais) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अमेठी ज़िले (पूर्व में रायबरेली जिले में) में स्थित एक नगर है. यह प्रसिद्ध कवि मलिक मोहम्मद जायसी की जन्मभूमि है. अतीत में, इस समुदाय के लोग शराब बनाने की कला में उत्कृष्ट थे और इन्हें सोमवंशीय सहत्रर्जुन क्षत्रिय (Somavamshiya Sahatrarjun Kshatriya) के रूप में वर्गीकृत किया गया था. चूंकि शराब के कारोबार को कई हिंदुओं और मुसलमानों द्वारा सम्मानजनक नहीं माना जाता था, इसीलिए जायसवाल कलवार राजनीति, व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा, वकालत, कृषि, प्रशासनिक सेवा, ससस्त्र सेना जैसे अन्य व्यवसायों में सक्रिय हो गए. भारत में वर्ण व्यवस्था और जाति प्रथा आदि काल से चलती आ रही है. प्रारंभ में समाज को कर्म के आधार पर चार वर्णों में विभाजित किया गया. बाद में वर्ण व्यवस्था कई जातियों और उपजातियों में टूट गई‌ और समय के साथ इसमें कई सूक्ष्म विभाजन होते चले गए. जातियों और समुदायों की इसी टूटती-बिखरती श्रृंखला का परिणाम है कि वर्तमान की कलवार जाति जो कभी क्षत्रिय हुआ करती थी, आज वैश्य है. कलवार वंश का इतिहास प्राचीन, अत्यंत गौरवशाली और यशपूर्ण रहा है. वेदों में उल्लेख मिलता है कि कलवार वंश की उद्भव भारत के प्राचीन महाप्रतापी चंद्रवंशी क्षत्रिय कुल में हुआ है. इसी चन्द्रवंश में कार्तवीर्य अर्जुन (सहस्रबाहु अर्जुन) हैहय वंश के प्रसिद्ध राजा हुए. कलवार वैश्य कार्तवीर्य अर्जुन के ही संतान हैं. चंद्रवंश की कृति और यश पूरे संसार में फैला हुआ था. काल प्रेरित होकर चंद्रवंशी आपस में लड़कर मिटने लगे. भगवान परशुराम द्वारा भी इस क्षत्रिय वंश को नष्ट करने का प्रयास किया गया. इनमें से कुछ कुरुक्षेत्र में काल का ग्रास बन गए. इनमें से जो शेष बचे उनसे चंद्रवंश और हैहय कलवार वंश का नाम आगे चलता रहा. कलवार उत्तम क्षत्रिय थे. कालांतर में राजकुल में पले बढ़े कलवारों के सामने जीवननिर्वाह की समस्या खड़ी हो गई. अंत में इन्हें क्षत्रिय धर्म छोड़कर वैश्य कर्म अपनाना पड़ा. व्यवसाय में सम्मिलित होने के कारण यह वैश्य या बनिया कहलाने लगे. इनमे से अधिकांश शराब का व्यवसाय करने लगे. संस्कृत के प्रसिद्ध कोशग्रन्थ ‘मेदिनीकोश” के अनुसार, कलवार शब्द की उत्पत्ति “कल्यापाल” शब्द से हुई है, जिसका अर्थ होता है- “मद्य बेचनेवाला”. कलवार शब्द कल्यापाल का हीं अपभ्रंश है. प्रसिद्ध हिंदी उपन्यासकार और साहित्यिक इतिहासकार हजारी प्रसाद द्विवेदी ने अपनी पुस्तक अशोक का फुल में उल्लेख किया है कि कलवार वैश्य हैहय क्षत्रिय थे जो सेना के लिए कलेऊ की व्यवस्था करते थे, इसीलिए तराजू पकड़ लिए और बनिया हो गए. क्षत्रियो के कलेवा (जलपान) में मादक द्रव्य भी होता था, इसीलिए वह मादक द्रव्यों का कारोबार करने लगे.

जायसवाल बनिया के प्रसिद्ध व्यक्ति

जयसवाल समुदाय में कई प्रसिद्ध लोगों ने जन्म लिया है, जिन्होंने साहित्य, संगीत, राजनीति, शिक्षा, विज्ञान, खेल और कला के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान देकर अपने समाज और देश का नाम रोशन किया है.

प्रमुख जायसवाल जैन
•रवींद्र जैन: कवि और संगीत निर्देशक

प्रमुख जायसवाल कलवार

राजनीति
 
 दिलीप जायसवाल 
•मदन प्रसाद जायसवाल (भारतीय राजनीतिज्ञ)
•प्रदीप जायसवाल (महाराष्ट्र राजनीतिज्ञ)
•राधेश्याम जायसवाल (यूपी राजनीतिज्ञ)
•शंकर प्रसाद जायसवाल (भारतीय राजनीतिज्ञ)
•रजनी राय (पुडुचेरी के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर)

खेल
•अंकुश जायसवाल (क्रिकेटर)
•पंकज जायसवाल (क्रिकेटर)
यशस्वी जायसवाल (भारतीय क्रिकेटर)
•नैना जायसवाल (टेबल टेनिस खिलाड़ी)
•राहुल जायसवाल (भारतीय फुटबॉलर)
श्रेयांश जायसवाल (बैडमिंटन खिलाड़ी)

शिक्षा और विज्ञान
•मनोज कुमार जायसवाल (भारतीय तंत्रिका वैज्ञानिक)
•राजाराम शास्त्री (भारतीय शिक्षाविद् और राजनीतिज्ञ) •संजय लाल (प्रसिद्ध विश्व अर्थशास्त्री)
•सुवीरा जायसवाल (भारतीय इतिहासकार)

अभिनय, टेलीविजन और फिल्म
•संजीव जायसवाल (फिल्म निर्देशक और निर्माता)
•प्रज्ञा जायसवाल (अभिनेत्री और मॉडल)
•समीक्षा जायसवाल (टीवी अभिनेत्री)
•संजीव जायसवाल (अभिनेता)

No comments:

Post a Comment

हमारा वैश्य समाज के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।