BIRLA MANDIR JAYPUR - बिडला मंदिर जयपुर
सबसे खूबसूरत मंदिर- म़ात्र एक रुपए की जमीन पर बना है यह विशाल लक्ष्मीनारायण मंदिर

विश्व धरोहर सिटी के रूप में जाने जाते जयपुर में ऐतिहासिक, धार्मिक, पुरातात्विक स्थलों की कोई कमी नहीं है। यहां दर्जनों महल, किले, मंदिर हैं जिनका अपना अलग—अलग महत्व है। यूं तो जयपुर के ज्यादातर पुराने मंदिरों की ख्याति देश—विदेश में है लेकिन इनमें बिड़ला मंदिर का नाम खासतौर पर लिया जाता है। देश में कई जगहों पर बिड़ला मंदिर बनाए गए हैं जहां श्रदृधालुओं की गहमागहमी बनी रहती है पर जयपुर के बिड़ला मंदिर की ऐसी अनेक विशेषताएं हैं जिनके कारण देशभर के अन्य मंदिरों में इसे अनूठा स्थान प्राप्त हो गया है।
जयपुर का बिड़ला मंदिर 1988 में बनाया गया था। बिड़ला मंदिर दरअसल भगवान श्री नारायण तथा माँ श्री लक्ष्मी को समर्पित है। यही कारण है कि इसे लक्ष्मीनारायण मंदिर भी कहा जाता है। यह प्रसिदृध मंदिर जयपुर के मोती डुंगरी इलाके के समीप बना है। यह मंदिर सफ़ेद संमरमर का बना हुआ है। शुभ्र संगमरमर की चमक से आंखें चौंघियां जाती है। सफ़ेद संगमरमर में की गई सूक्ष्म नक़्क़ाशी देखते ही बनती है। मंदिर परिसर भी अत्यंत सुन्दर है। हरे—भरे परिसर के बीच स्थित सफेद संगमरमर का यह मंदिर अलग ही दमकता है। मंदिर के पास ही पहाड़ी पर मोती डूंगरी फोर्ट भी स्थित है जो स्कॉटिश शैली से बना एक मशहूर क़िला है।
बिड़ला मंदिर में स्थापित मूर्तियों का भी अदृभुत सौंदर्य है। मूर्तिकला को राजमिस्त्रियों व मूर्तिकारों की कल्पनाशीलता का अनूठा उदाहरण माना जाता है। मंदिर में विष्णुजी और लक्ष्मीजी के साथ ही अन्य कई देवी-देवताओं की सुन्दर-सुन्दर मूर्तियाँ हैं। इतना ही नहीं, मंदिर की बाहरी दीवारों पर भी अनेक महान् ऐतिहासिक विभूतियाँ और धार्मिक व्यक्तित्व चित्रित किए गए हैं। इनमें गौतम बुद्ध से लेकर सुकरात, जरथुस्त्र, ईसा मसीह और कंफ्यूशियस आदि भी शामिल हैं। इस मंदिर का निर्माण 1988 में बिरला ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्रीज द्वारा करवाया गया था। बिड़ला मंदिर से संबंधित सबसे रोचक तथ्य यह है कि जिस जगह मंदिर बनवाया गया है उस जमीन को बिड़ला प्रतिष्ठान ने जयपुर के तत्कालीन महाराजा से एक रुपये की नाममात्र की राशि देकर ख़रीदा था।
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