INDIA'S VAISHYA OR KSHATRIYA CASTE
भारत में वैश्य समुदाय की सैंकड़ो जातिया हैं परन्तु कुछ जातिया ऐसी हैं जो की आदि काल से व्यापार से जुडी रही है परन्तु ये जातिया अपने आप को क्षत्रिय मानती हैं ये जाति बनिया जातियों का हिस्सा नहीं हैं परन्तु ये जातीया व्यापक वैश्य वर्ण का भाग हैं. इन जातियों का खानपान, रहन सहन व्यवहार, नाम आदि बिलकुल भी क्षत्रियो से नहीं मिलते हैं. फिर भी ये अपने आप को क्षत्री ही मानते हैं.जबकि क्षत्रियो में इनका रोटी बेटी का सम्बन्ध नहीं होता हैं. ऐसे तो कुछ बनिया जाति भी जैसे की अग्रवाल, महेश्वरी, ओसवाल, रस्तौगी, कलवार आदि के पूर्वज क्षत्रिय रहे हैं पर ये जातिया अपने आप को वैश्य मानती हैं. ठीक है ये निम्नलिखित जातिया कभी क्षत्री रही होगी पर आज पूरी तरह से वैश्य हैं इनमे पटेल को छोड़कर अधिकतर जातीय कम संख्या में हैं इन सभी जातियों को अपने आप को वैश्य व्यापारिक जातियों के साथ जोड़ कर चलना चाहिए इससे संगठन और ये जातिया भी मजबूत होगी. इन सभी वैश्य जातियों को आपस में रोटी बेटी का सम्बन्ध बनाना होगा. अपना एक बड़ा संगठन बनाना होगा जिससे इनमे एकता हो.
कुछ वैश्य-क्षत्रिय जातियों के बारे में नीचे वर्णन कर रहा हू. जिन्हें आप वैश्य या क्षत्रिय दोनों की कटेगरी में रख सकते हैं. परन्तु ये सब व्यापारिक जातिया हैं.
१. गुजरात के पटेल/पाटीदार - पटेल समुदाय आचार व्यवहार, खानपान, व्यवसाय आदि में पूरी तरह से वैश्य हैं. बहुत से लोग इन्हें बनिया या फिर वैश्य की श्रेणी में रखते हैं.
२. लोहाना - भाटिया समुदाय - यह समुदाय एक पूरी तरह से व्यापारिक समुदाय हैं. अधिकतर लोग इन्हें वैश्य के श्रेणी में ही रखते हैं.
३, सिन्धी भाईबंद, आमिल - यह समुदाय एक पुर्णतः व्यापारिक जाति हैं. जो की वैश्य के श्रेणी में आती है.
४. पंजाबी, खत्री, अरोड़े, सूद - यह तीनो जातिया पूरी तरह से और आदि काल से व्यापारिक समुदाय हैं. पर ये तीनो अपने आप को क्षत्रिय मानती हैं. जबकि इनके बड़े और पूर्वज लाला, सेठ, महाजन, बजाज आदि लिखते हैं. संभवतः गुरुओ के बाद ये लोग अपने आप को खत्री कहने लगे हैं.
५. बलिजा शेट्टी - दक्षिण की ये जाति अपने आप को वैश्य भी मानती हैं और क्षत्रिय भी.
६. टुलू शेट्टी बंट - कर्नाटक का यह समुदाय भी वैश्य और क्षत्रिय दोनों की श्रेणी में आता हैं ये लोग शेट्टी उपनाम लिखते हैं, शेट्टी का अर्थ ही श्रेष्ठी होता हैं.
मैंने कुछ जातीयो का वर्णन किया हैं जो की वैश्य और क्षत्रिय दोनों में आती हैं. मेरे हिसाब से जो भी व्यापारिक जातिया हैं वह वैश्य हैं केवल वैश्य,
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