AMIT SHAH - INDIAN HOME MINISTER
मोदी सरकार 3.0 में फिर शामिल हुए अमित शाह, दूसरी बार बने केंद्रीय गृह मंत्री
अमित शाह को दूसरी बार मोदी सरकार में गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है. पिछली सरकार में उनके पास गृह और सहकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी निभाई थी. शाह के गृहमंत्री रहते हुए ही जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई गई थी और सीएए कानून लागू किया गया था.
मोदी सरकार 3.0 में अमित शाह को फिर से गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. इससे पहले वह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृह और सहकारिता मंत्री की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. अमित शाह के अलावा राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान, पीयूष गोयल, मनोहर लाल खट्टर ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है. बीजेपी की 2019 में जब 303 सीटें आईं तो अमित शाह सरकार में शामिल हो गए थे और उन्होंने गृह मंत्रालय अपने पास रखा था. उन्हीं के गृह मंत्री रहते जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को निरस्त कर दिया गया था और जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था.
इसके अलावा जब अमित शाह नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप (NRC) लेकर आए तो देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे. हालांकि अब देश में CAA लागू किया जा चुका है और इस कानून के जरिए कई लोगों को भारत की नागरिकता भी दी जा चुकी है. मोदी सरकार 2.0 में अमित शाह के इन दो बड़े फैसलों को हमेशा याद रखा जाएगा. अपने फैसलों की वजह से अमित शाह को बेहद कड़ा गृह मंत्री माना जाता है.
2013 में अमित शाह बने थे यूपी प्रभारी
जब 2013 नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी का प्रधानमंत्री कैंडिडेट घोषित किया गया था तो उस समय उनकी नजर यूपी पर थी क्योंकि यहां सबसे ज्यादा लोकसभा की 80 सीटें थीं. इसीलिए अमित शाह यूपी के प्रभारी बने थे और बीजेपी ने यूपी में बहुत शानदार प्रदर्शन करते हुए 71 सीटें जीती थीं, जबकि दो सीटों पर उसकी सहयोगी अपना दल (एस) ने जीत हासिल की थी. यूपी की बदौलत बीजेपी ने केंद्र में 282 सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि मोदी के पहले कार्यकाल में अमित शाह सरकार में शामिल नहीं हुए थे और उन्होंने पार्टी की जिम्मेदारी संभाली थी. इस सरकार में राजनाथ सिंह गृहमंत्री और वित्त मंत्री अरुण जेटली बने थे.
गुजरात के गृहमंत्री थे अमित शाह
जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस समय अमित शाह गृहमंत्री थे. उन्होंने सरखेज विधानसभा से पहली बार उपचुनाव लड़ा था और इसमें करीब 25 हजार वोटों से जीत हासिल की थी. उसके बाद नारणपुरा से वह साल 2012 तक लगातार जीतकर आते रहे. शाह उस समय चर्चा में आए, जब गैंगस्टर सोहराबुद्दीन, उसकी बीबी कौसर बी और सहयोगी तुलसी प्रजापति का एनकाउंटर हुआ. इस मामले में सीबीआई ने अमित शाह को गिरफ्तार भी कर लिया था. हालांकि बाद में इस मामले में सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया था.
7 लाख से ज्यादा वोटों से जीते अमित शाह
इस बार के चुनाव की बात करें तो अमित शाह ने गांधीनगर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सोनल रमनभाई पटेल को करीब साढ़े सात लाख वोटों से हराया है. जहां अमित शाह को 10 लाख 10 हजार 972 वोट मिले. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सोनल को दो लाख 66 हजार 256 लोगों ने ही वोट दिया. पिछले चुनाव में अमित शाह ने कांग्रेस के चतुरसिंह चावड़ा को करीब साढ़े पांच लाख वोटों से हराया था. अमित शाह को आठ लाख 94 हजार वोट मिले थे, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को तीन लाख 37 हजार वोट हासिल हुए थे.
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