Pages

Friday, July 19, 2024

DINESH AGRAWAL - INDIA MART

DINESH AGRAWAL - INDIA MART

यूपी के शख्स ने कुछ हजार लगाकर कमा लिए करोड़ों, अब 9 कंपनियों में हिस्सेदारी, कुल दौलत 50 अरब

यूपी के इस शख्स ने लगाई 'बनिया बुद्धि'! मात्र ₹40,000 से शुरुआत की, और बना ली ₹5000 करोड़ की निजी दौलत

उत्तर प्रदेश के रहने वाले दिनेश अग्रवाल का नाम आज बिजनेस जगत में चमक रहा है. वे अमेरिका में नौकरी करते 


बात 1995 की है. इधर, तब के प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने भारत में इंटरनेट के आगमन की घोषणा की, और उधर अमेरिका में नौकरी कर रहे दिनेश अग्रवाल (Dinesh Agarwal) ने इस्तीफा दे दिया. दिनेश अग्रवाल एचसीएल (HCL) में एक बढ़िया जॉब कर रहे थे. वे भारत लौट आए. शुरुआत में उन्हें यह मालूम नहीं था कि भारत में उन्हें करना क्या है, मगर इतना तय था कि इंटरनेट की लहर पर सवार होने जा रहे भारत के साथ इसी क्रांति का हिस्सा बनना है. दिनेश अग्रवाल इंटरनेट क्रांति की लहर पर ऐसे सवार हुए कि आज भारत के बड़े बिजनेसमैन हैं. उनकी कंपनी का मार्केट कैप 17,244.01 (2 मई 2024 तक) करोड़ रुपये है. कंपनी का नाम है इंडियामार्ट (IndiaMart).

इंडियामार्ट के संस्थागत दिनेश अग्रवाल 19 फरवरी 1969 में पैदा हुए. कानपुर के हारकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट से कंप्यूटर साइंस की डिग्री लेने के बाद उन्होंने कुछ कंपनियों के साथ जुड़कर इसी फील्ड में अनुभव हासिल किया. उनका करियर सीएमसी कंपनी से शुरू हुआ था, जिसे कि बाद में टाटा की कंपनी टीसीएस ने खरीद लिया. सीएमसी में दिनेश ने भारत का पहला ‘रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम’ डेवलप किया. यहीं से पता चल गया था कि वे जिंदगी में कुछ बहुत बड़ा अचीव करने वाले हैं.

बनाया भारत का पहला डिजिटल टेलीफोन एक्सचेंज

सीएमसी कंपनी छोड़ने के बाद उन्होंने सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) की टीम में जॉइन किया. यहां वे सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स के लिए काम कर रहे थे. मौजूदा जानकारियों के मुताबिक, यहां उन्होंने भारत की पहली डिजिटल टेलीफोन एक्सचेंज बनाने के लिए काम किया. फिर 1992 में उन्होंने अमेरिका में बड़ी टेक् कंपनी एचसीएल (HCL) को जॉइन कर लिया और वहां सेवाएं देने लगे. एचसीएल में काम करते हुए ही उन्होंने अमेरिका में इंटरनेट को बढ़ते देखा. यहीं से उन्होंने अंदाजा लगा लिया था कि भारत के लोगों पर भी इंटरनेट का क्या असर पड़ सकता है.

इस लेख की शुरुआत हमने सन् 1995 से की थी. तो उसी वक्त में लौटते हैं. 1995 के अगस्त का महीना था, जब दिनेश अग्रवाल भारत लौट आए. उनकी पत्नी और बच्चे भी उनके साथ थे. वे भारत में कोई नौकरी करने के इरादे से नहीं आए थे. उनके इरादे और हौसले बड़े थे.

ऑनलाइन-ऑफलाइन हाइब्रिड मॉडल से हिट हुआ इंडियामार्ट

भारत लौटने के बाद उन्होंने पाया कि वे भारतीय एक्सपोर्ट करने वालों के लिए एक वेबसाइट बनाई जा सकती है. वे निर्यातकों और विक्रेताओं की एक ऑनलाइन डायरेक्टरी बनाना चाहते थे. मगर, इस बाबत सरकार से परमिशन नहीं मिली. बाद में उन्होंने एक फ्री लिस्टिंग फॉर्म बनाया और सभी सेलर्स को भेज दिया. इस तरह उनकी अनुमति लेकर उन्होंने सेलर्स की जानकारी सार्वजनिक करने में कामयाबी पाई. इसी समय इंडियामार्ट का जन्म हुआ. इंडियामार्ट की शुरुआती टैगलाइन भी यही थी – द ग्लोबल गेटवे टू इंडियन मार्केटप्लेस. अग्रवाल ने यह कंपनी केवल 40,000 रुपये के निवेश से शुरू की थी.

शुरुआत में इंडियामार्ट ने केवल एक्सपोर्ट करने वालों पर फोकस किया. एक इंटरव्यू में दिनेश अग्रवाल ने बताया, “1997 से लेकर 2001 तक, हमने हर एक्सपोर्ट की फ्री में लिस्टिंग की. उन बिजनेस के बारे में जब हमें रोज इंक्वायरी मिलती थीं, हम उन्हें शाम में छापते थे और रातों-रात फैक्स के जरिए भेजते थे. और अगले दिन, उन्हीं इंक्वायरीज़ को पोस्ट से भेजते थे.” इसी ऑनलाइन-ऑफलाइन हाइब्रिड मॉडल ने इंडियामार्ट को भारतीय एक्सपोर्ट बिजनेस की दुनिया में एक बड़ा नाम बना दिया.

आर्थिक संकट ने बना दिया इंडिया B2B का किंग

2007-08 में अमेरिका एक बड़े आर्थिक संकट में घिर गया. दुनियाभर में मंदी का असर दिखने लगा. एक्सपोर्ट का काम भी धीमा पड़ने लगा. इसी दौरान दिनेश और उनके कजिन बृजेश ने इंडियामार्ट का फोकस एक्सपोर्ट से भारत में बीटूबी (B2B) मार्केट पर शिफ्ट कर दिया. मतलब थोक विक्रेता और रिटेलर एक ही प्लेटफार्म पर आ गए. वे अपनी जरूरतों के हिसाब से इंक्वायरी डाल सकते थे और माल खरीद सकते थे. उधर, दोनों का (थोक विक्रेता और रिटेल विक्रेता) काम बहुत आसान हो गया, और इधर इंडियामार्ट का भी काम चल निकला. इसके बाद जो हुआ, वह तो सब जानते हैं.

बिजनेस तेजी से बढ़ा. कंपनी ने 2010 में 52 सप्ताहों के अंदर 52 ऑफिस खोल दिए. मतलब हर हफ्ते एक नया ऑफिस खोला. बात करें दिनेश अग्रवाल की नेट वर्थ की तो यह 5,000 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है. ट्रेंडलाइन के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक दिनेश अग्रवाल के पास 9 कंपनियों में हिस्सेदारी है. इन्हीं के आधार पर उनकी नेट वर्थ 5,316.9 करोड़ रुपये हो जाती है.

दिनेश अग्रवाल ने न केवल इंडियामार्ट को बड़ा किया, बल्कि कई और स्टार्टअप्स में भी निवेश किया. उनके पोर्टफोलियो में क्यूरोफाई (Curofy), विशबेरी (Wishberry), सिल्वरपुश (SilverPush), मनीऐप (MoneyyApp), और इन्नरशेफ (InnerChef) जैसी कंपनियां भी शामिल हैं. इन सबमें दिनेश अग्रवाल का पैसा लगा हुआ है.

No comments:

Post a Comment

हमारा वैश्य समाज के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।