MODI, ADANI, AMBANI - playing a role shaping india
मोदी, अंबानी और अडानी तीन वैश्य मिलकर भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बना रहे हैं:
pm modi mukesh ambani adani playing a role shaping india economic superpower report
केंद्र की मोदी सरकार की ओर से जो बदलाव किए गए हैं उसके बाद निवेशक भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं। भारत तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और आने वाले वक्त में यहां ग्रोथ की अधिक संभावना है। चीन के विकल्प के रूप में भारत को देखा जा रहा है। रिपोर्ट में पीएम मोदी, अडानी और अंबानी का जिक्र किया गया है।
भारत 21वीं सदी की आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। भारत निवेशकों और आपूर्ति श्रृंखला के जोखिमों को कम करने के लिए चीन के विकल्प के तौर पर उभरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं। यह दावा सीएनएन की एक रिपोर्ट में किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विकास को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे में बदलाव शुरू किया है। भारत डिजिटल कनेक्टिविटी को भी काफी बढ़ावा दे रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेशक मोदी द्वारा विकास के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर दांव लगाने की की क्षमता की सराहना कर रहे हैं। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन व्यक्ति - मोदी, अंबानी और अडानी - आने वाले दशकों में भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडानी समूह, दोनों पेट्रोल-डीजल, क्लीन एनर्जी से लेकर लेकर मीडिया और प्रौद्योगिकी तक के क्षेत्रों में व्यवसाय स्थापित किए हैं। दोनों में से हर एक की वैल्यू 200 बिलियन डॉलर से अधिक है।
भारत तेजी से औद्योगीकरण के दौर से गुजर रहा है, और इस दौरान अंबानी और अडानी जैसे बड़े उद्योगपतियों की ताकत और प्रभाव में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। यह इतिहास में अन्य देशों में भी देखा गया है, जब वो तेजी से औद्योगिकीकरण की तरफ बढ़ रहे थे। रिपोर्ट में जॉन डी. रॉकफेलर का उदाहरण दिया गया है, जो अमेरिका के पहले अरबपति बने थे। उन्हीं की तरह अंबानी और अडानी की तुलना की जा रही है। रॉकफेलर का उदय 19वीं सदी के आखिरी दशकों में हुआ था, जिसे अमेरिका का गिल्डेड एज कहा जाता है।
जेम्स क्रैबट्री, जो 'द बिलियनेयर राज' किताब के लेखक हैं, का कहना है कि भारत उसी दौर से गुजर रहा है, जिस दौर से अमेरिका और कई दूसरे देश पहले ही गुजर चुके हैं। उन्होंने ब्रिटेन (1820 का दशक), दक्षिण कोरिया (1960 और 70 का दशक) और चीन (2000 का दशक) का उदाहरण दिया। क्रैबट्री के अनुसार, विकासशील देशों के लिए तेजी से आर्थिक विकास का दौर आम है, लेकिन इस दौरान सबसे ज्यादा धन ऊपर के लोगों के पास होता है, असमानता बढ़ती है और 'क्रोनी कैपिटलिज्म' पनपता है।
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