स्वराज पॉल, बैरन पॉल, पीसी (18 फ़रवरी 1931 को जन्म) एक भारतीय मूल के, ब्रिटिश आधारित दिग्गज उद्योगपति, समाजसेवी, और लेबर राजनीतिज्ञ हैं. 1996 में वे एक लाइफ पीयर बने, वे सिटी ऑफ़ वेस्टमिनिस्टर में बैरन पॉल की उपाधि के साथ मालेबन के हाउज़ ऑफ़ लॉर्ड्स में बैठे. दिसंबर 2008 में उन्हें लॉर्ड्स का उपप्रवक्ता नियुक्त किया गया; अक्टूबर 2009 में वे प्रिवी परिषद में नियुक्त किए गए; उसके तुरंत बाद उन्हें अपने पूर्व पद से हटने की आवश्यकता हुई जिसका कारण था यूनाइटेड किंगडम संसदीय खर्च घोटाला, वित्तीय अनौचित्य का इलज़ाम, और अंततः आचार और विशेषाधिकार समिति द्वारा उनकी निंदा. वे गॉर्डन ब्राउन और उनकी पत्नी सारा के करीबी हैं.
उनकी अधिकारीक जीवनी के अनुसार, स्वराज पॉल का जन्म 1931 में जालंधर पंजाब एक वैश्य जैन परिवार में हुआ था. उनके पिता एक छोटा सा ढलाईघर चलाते थे, जिसमें वे स्टील की बाल्टी और खेती के उपकरण बनाते थे. पॉल ने लाहौर में फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की और बाद में अमेरिका में मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (एमआईटी) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की.
व्यावसायिक कैरियर
वे भारत में एपीजे समूह के लिए काम करते थे, जो उनके बड़े भाई सत्य पॉल द्वारा प्रबंधित थी. उन्होंने एपीजे ओवरसीज़ का प्रबन्धन अपने हाथों में ले लिया.
1966 में, अपनी लुकेमिया से पीड़ित बेटी का इलाज करवाने के लिए वे यूनाइटेड किंगडम चले गए. उसकी मृत्यु से उबरने में उन्हें एक वर्ष का समय लगा, जिसके बाद उन्होंने नैचरल गैस ट्यूब की स्थापना की. एक इस्पात इकाई का अधिग्रहण करने के बाद, वे और इकाइयों का अधिग्रहण करते चले गए और 1968 में कपारो ग्रुप की स्थापना की, जो यूनाइटेड किंगडम में वेल्ड किए हुए स्टील ट्यूब और सर्पिल वेल्ड पाइप के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक के रूप में विकसित हुआ. 1996 में वे कपारो ग्रुप के प्रबंधन से हट गए; उनका सबसे छोटा बेटा अंगद सीईओ बना.
लॉर्ड पॉल, संडे टाइम्स की रिच लिस्ट पर ब्रिटेन के 88वें सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में हैं, हालांकि वे लंदन में "सभी आम लोगों की तरह" सार्वजनिक परिवहन से चलने का दावा करते हैं. 1960 के दशक से वे पोर्टलैंड प्लेस में रह रहे हैं, जो मध्य लंदन में बीबीसी के ब्रोडकास्टिंग हाउस के सामने है. वे और उनके परिवार ने उस ब्लॉक में एक दर्जन फ्लैट खरीद रखे हैं, जिसमें से प्रत्येक की कीमत करीब एक मिलियन पाउंड है. उनके पास एक 250 एकड़s (1.0 कि.मी.२) कंट्री एस्टेट, दी ग्रैंज भी है, जो बीकंसफ़ील्ड, बकिंघमशायर में स्थित है.
सार्वजनिक भूमिका
लॉर्ड पॉल ने थेम्स वैली विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर के पद पर (1998) और उसके गवर्नर के पद पर (1992-97) आसीन रहे 1998 से वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ वॉलवेर्हम्प्टन के चांसलर रहे और यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर के भी चांसलर रहे जिसमें उनके पारिवारिक ट्रस्ट ने £300,000 का योगदान दिया.
वे विदेश नीति केंद्र सलाहकार परिषद और एमआईटी के यांत्रिक अभियांत्रिकी विजिटिंग समिति के सदस्य रहे. वे ओलिंपिक डिलिवरी समिति के अध्यक्ष रहे, जो लंदन डेवेलपमेंट एजेंसी का एक उप समूह है. वे कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन (सीपीए) के अध्यक्षता के लिए भी चुनाव लड़े, जिसमें उनका अजेंडा था पूरव और पश्चिम, के बीच के अंतर को कम करना.
वे भारतीय मूल के पहले व्यक्ति थे जो हाउज़ ऑफ़ लॉर्ड्स के उप-प्रवक्ता के पद पर आसीन हुए, और वे इस पद आसीन होने वाले बारह लोगों में से एक थे. उन्हें 15 अक्टूबर 2009 को प्रिवी परिषद की शपथ दिलाई गयी.
अपनी बेटी की स्मृति में बनाए गए अम्बिका पॉल फाउंडेशन के माध्यम से कपारो से हुआ लाभ धर्मार्थ प्रयासों में दिया जाता है उदाहरण के लिए, पॉल ज़ूओलॉजिकल सोसायटी ऑफ़ लन्दन के मानद संरक्षक हैं और रीजेन्ट्स पार्क साईट में प्रमुख परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है, जिसमें बच्चों का चिड़ियाघर शामिल है.
उन्होंने लेबर पार्टी को £500 000 दान दिया, और वे गॉर्डन ब्राउन के एक ज़ोरदार समर्थक हैं, वे उनके मंत्री पद के लिए प्रचार में सबसे बड़े दानकर्ता हैं जिन्होनें 2007 में चुनावों के जल्दी होने की स्थिति में "[अपनी] क्षमता के मुताबिक जितना हो सके उतना देने की पेशकश की". वे ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी सारा ब्राउन के भी बहुत करीबी हैं जिनके लिए वे अभिभावक सदृश चिंता अभिव्यक्त करते हैं.
पुरस्कार और सम्मान
लॉर्ड पॉल ने विभिन्न पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं. उन्हें 1983 में भारत की प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया और इंडियन मर्चेंट्स चैंबर द्वारा भारत गौरव के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. ब्रिटेन में उन्हें 2008 में एशियाई महिला पत्रिका लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
विवाद
यूनाईटेड किंगडम संसदीय खर्चे घोटाले के संदर्भ में दी संडे टाइम्स ने अक्टूबर 2009 में आख्या दी कि पॉल £38 000 के खर्चे के दावे को संतोषजनक ढंग से समझाने में असमर्थ रहे, हालांकि उन्होंने खुद ही यह स्वीकार किया कि जिस जगह को वे अपना मुख्य घर होने का दावा कर रहे थे, और जो एकल-बेडरूम वाला एक स्टाफ फ्लैट है, में उन्होंने एक रात कभी नहीं गुजारी. उनके खर्चों के दावों की जांच के समय उन्हें हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स के उप वक्ता के पद से हटने के लिए मजबूर किया गया, और कहा गया कि वे लॉर्ड्स को छोड़ने का विचार कर रहे हैं. उन्हें संभावित आपराधिक आरोप का सामना करना पड़ा लेकिन पुलिस ने जांच को रोक देने का फैसला किया, चूंकि हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स ने अपने नियमों में बदलाव किया और अपने सदस्यों को यह अनुमती दी कि वे "किसी सम्पत्ति को अपने मुख्य निवास के रूप में नामित कर सकते हैं, भले ही वे महीने में एक बार ही वहां जाते हों".
विशेषाधिकार और आचार के लिए समिति, जो हाउज़ ऑफ़ लॉर्ड्स को संसदीय विशेषाधिकारों के उल्लंघन की शिकायतों पर सिफारिशें देने में सक्षम एक चयन समिति है, ने इस मामले की जांच की. 18 अक्टूबर 2010 को उन्होंने यह सिफारिश देते हुए, अपनी आख्या को प्रकाशित किया कि उन्हें लेडी उडीन और लॉर्ड भाटिया के साथ-साथ संसद से निलंबित कर दिया जाए और चुनाव लड़ने में लगे खर्चे को वापस लिया जाए, जो उनके मामले में £41,982 थी. समिति ने निष्कर्ष निकाला कि: "संभावनाओं पर आधारित करके, हमे यह खोजना उचित नहीं लग रहा है कि, लॉर्ड पॉल ने असन्निष्ठा से या बदनीयती से काम किया. हालांकि, उनके कृत्य पूरी तरह से अनुचित थे, और उन्होंने बड़े पैमाने पर लापरवाही और उपेक्षा का प्रदर्शन किया. इसलिए उन्हें हाउज़ द्वारा दंड दिया जाना चाहिए". लॉर्ड पॉल का निलंबन चार महीने के लिए था; उन्होंने लेबर पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया.
लॉर्ड पॉल, कर प्रयोजनों के लिए ब्रिटेन में अधिवासित नहीं हैं. (नॉन-डोम स्थिति एक यूनाइटेड किंगडम उपयोग की जाने वाली एक कर परिहार व्यवस्था है जो उनके धारकों को अधिवासित ब्रिटोन के मुकाबले कम कर अदा करने में सक्षम बनाती है.) जब एक धनी वरिष्ठ कंजर्वेटिव, लॉर्ड ऐशक्रोफ्ट पर अपनी "नॉन-डोम" स्थिति की पुष्टि करने के लिए दबाव डाला गया, तो इस परिस्थिति में पड़ते हुए उन्होंने यह इंगित किया कि यह तथ्य लॉर्ड पॉल (और लेबर के एक अन्य प्रमुख दाता, सर रोनाल्ड कोहेन) के साथ भी सच है. 9 मार्च 2010 को लॉर्ड पॉल ने यह घोषणा की कि वे अपनी नॉन-डोम कर स्थिति को छोड़ देंगें.
करीब 2003 में लॉर्ड स्वराज पॉल ने उद्योग जगत में "लोभ के आलावा व्यक्तिगत दायित्व के परित्याग की समस्या को दोष दिया" वे राजनीतिक और व्यापार जीवन में जवाबदेही और पारदर्शिता के उच्च मानकों के समर्थक हैं, और यह स्वीकार करते हैं कि "थोड़ा सा घोटाला भी आपको पीछे कर सकता है"
साभार : विकिपीडिया
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