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Wednesday, August 30, 2017

साकेत मोदी, सायबर सिक्यूरिटी प्रोवाइडर



बात दो साल पहले की है। सीआईआई में सायबर सिक्युरिटी पर एक काॅन्फ्रेंस थी और उसमें सबसे कम उम्र के स्पीकर थे, साकेत मोदी। आज साकेत मोदी ही वह शख्स हैं, जो कई बैंकों को सायबर सिक्युरिटी प्रदान करते हैं। आईसीआईसीआई, कोटक महिंद्रा, स्टेन्डर्ड चार्टर्ड बैंक, टाटा स्काय, इंडिगो के अलावा उनकी बनाई कंपनी केंद्रीय गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, कंपनी मामले और रक्षा मंत्रालय को भी वे ही सायबर सिक्युरिटी प्रदान करती हैं।

नेशनल पेमेंट काॅर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) का उनके बिना काम नहीं चलता है। एनपीसीआई के रिस्क मैनेजमेंट प्रमुख भारत पांचाल कहते हैं कि इतनी कम उम्र में साकेत मोदी के पास जो नॉलेज है, वह आज तक उनके देखने में नहीं आया। एनपीसीए को रिजर्व बैंक ने ही स्थापित किया है, जो देश में रिटेल पेमेंट सिस्टम की जिम्मेदारी संभालता है और उसने यह जिम्मेदारी साकेत की कंपनी ल्यूसिडस को सौंपी है।

साकेत का बचपन कोलकाता में बीता। पिता की वहां पर एप्टेक की फ्रैंचाइजी है। वहां लक्ष्मीपंत सिंघानिया एकेडमी में पढ़ते हुए साकेत कभी भी दूसरे सब्जेक्ट में पास नहीं हो पाते थे, लेकिन मैथ्स और फिजिक्स में हमेशा टॉप करते थे। जियोग्राफी और कैमेस्ट्री के कारण हमेशा ही परेशान रहते थे। कंप्यूटर में रुझान इतना था कि दिनभर उस पर बिताया करते थे। धीरे-धीरे कंप्यूटर हैक करना सीख गए। कैमिस्ट्री कमजोर थी, तो एग्जाम से पहले स्कूल का कंप्यूटर हैक कर लिया और कैमिस्ट्री का पेपर मिल गया, लेकिन जो संस्कार घर पर मिले, उसके चलते स्कूल में बता दिया कि कंप्यूटर हैक कर कैमिस्ट्री का पेपर पता कर लिया है। लिहाजा स्कूल वालों ने साकेत को माफ कर दिया और नया पेपर सैट कर दिया। जहां तक खेल की बात है तो टेबल टेनिस और शतरंज दोनों में नेशनल्स खेल चुके हैं। रुचि कंप्यूटर में थी, तो पढ़ना भी कंप्यूटर ही था, लिहाजा जयपुर के एलएन मित्तल कॉलेज में एडमिशन मिला और वहां से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया। पढ़ाई के दौरान ही वे देशभर के कॉलेजों में सायबर सिक्युरिटी के लिए ट्रेनिंग देने जाते थे। देखते ही देखते उनका नाम एथिकल हैकर के रूप में आने लगा। कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने में साल भर बचा था, तभी 2012 में उन्होंने सायबर सिक्युरिटी और हैंकिंग से बचाने के लिए अपनी कंपनी शुरू कर दी। वे बताते हैं कि मैंने कभी इस फील्ड को प्लान नहीं किया, बस होते चला गया। मेरा एक बैण्ड भी है, जिसमें हम लोग बजाते भी हैं, मेरी पियानो में रुचि है। भारत में जब भी होता हूं तो अपने रूम में रखा पियानो जरूर बजाता हूं।

साभार: Bhaskar News Network 













Tuesday, August 29, 2017

DHRUV GARG - ध्रुव गर्ग - आइंस्टीन से भी तेज इस भारतीय बच्चे का दिमाग


ब्रिटेन में रह रहे भारतीय मूल के 13 वर्षीय छात्र ध्रुव गर्ग ने लंदन में आयोजित मेन्सा आईक्‍यू टेस्‍ट में सर्वाधिक संभव अंक प्राप्‍त किए हैं। उसे इस टेस्ट में 162 अंक मिले जो महान वैज्ञानिक आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंस से भी ज्यादा है। हालांकि आइंस्टीन और हॉकिंस ने कभी आईक्यू टेस्ट नहीं दिया, लेकिन उनका अनुमानित आईक्यू लेवल 160 माना जाता है। इस उपलब्धि के साथ ध्रुव ने दुनिया के सबसे तेज दिमाग वाले शार्ष एक फीसदी लोगों में अपनी जगह बना ली है। वह इस साल मेन्सा आईक्‍यू टेस्‍ट में सबसे ज्यादा अंक पाने वाला प्रतिभागी है। मेन्सा की सदस्यता उन्हीं को मिलती है जो इसके तय इंटेलिजेंस टेस्ट में उच्च दो फीसदी का स्कोर हासिल करते हैं। इस टेस्ट में कुल 150 प्रश्न होते हैं।

‘कल्‍चर फेयर स्‍केल’ में भी अव्वल

दक्षिण पूर्व इंग्लैंड के वकिंगघम में रहने वाला ध्रुव गर्मी की छुट्टियों के दौरान बोरियत से बचने और अपना समय बिताने का विकल्प तलाश रहा था, तभी उसने फैसला किया कि वह मेन्सा के इस बौद्धिक समाज में शामिल होने की कोशिश करेगा। इसके बाद उसने इस टेस्ट के लिए आवेदन किया और मेन्सा में सर्वोच्च अंक हासिल कर सबको चकित कर दिया। इसके अलावा उसने एक दूसरे टेस्ट ‘कल्‍चर फेयर स्‍केल’ में 152 अंक प्राप्‍त किए जो इस साल सर्वाधिक है। मेन्सा में सर्वोच्च अंक पाने के बाद ध्रुव ने कहा, ‘मैं टेस्ट के परिणाम से हैरान हूं। गर्मी की छुट्टियों में कुछ अलग करने की चाह में मैंने यह टेस्ट दिया था लेकिन ऐसे नतीजे की कल्पना नहीं की थी।’

अकेलेपन के शिकार लोगों के लिए बना रहा एप

ध्रुव सामाजिक रूप से अलग-थलग हुए अकेलेपन के शिकार लोगों के लिए एक एप बना रहा है जिससे उनकी तन्हाई और सामाजिक अकेलेपन को दूर किया जा सके। इस एप की मदद से एक क्षेत्र में रहने वाले लोग नए लोगों से मिलना पसंद करेंगे और आपस में जुड़ सकेंगे। ध्रुव की मां दिव्‍या ने कहा कि पूरे परिवार को उस पर गर्व है क्योंकि वह समाज के लिए कुछ करना चाहता है। 

100 सेकेंड में रयूबिक क्‍यूब सॉल्व

ध्रुव का पसंदीदा विषय मैथ्सऔर केमिस्‍ट्री है। क्रिकेट और टेबल टेनिस खेलने का शौकीन ध्रुव किताबें और साइंस जर्नल पढ़ना पसंद करता है। वह पहेलियों को आसानी से हल कर लेता है और कोडिंग का उस्ताद है। उसका दिमाग इतना तेज है कि 100 सेकेंड के भीतर ही रयूबिक क्‍यूब को पूरी (सॉल्व) कर लेता है। 

साभार: हिन्दुस्तान लाइव 

Tuesday, August 1, 2017