रजरप्पा: झारखंड वैश्य संघर्ष मोर्चा, केंद्रीय समिति की बैठक, 27% आरछण की मांग को लेकर आंदोलन तेज करने का निर्णय
आज 20 मई को रजरप्पा मंदिर मिलन चौक स्थित संस्कार होटल सभागार में झारखंड वैश्य संघर्ष मोर्चा, केंद्रीय समिति की एक विस्तारित बैठक हुई। इस बैठक में पूरे प्रदेश से वैश्य मोर्चा के पदाधिकारी और सदस्य शामिल होने आए। इस बैठक की अध्यछता केंद्रीय अध्यछ श्री महेश्वर साहु एवं संचालन उप-प्रधान महासचिव श्री राजीव राज एवं केंद्रीय महासचिव श्री बिरेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से किया। इस बैठक में मुख्यातिथि के बतौर मोर्चा के मुख्य संरछक शान-ए-वैश्य श्री गोपाल प्रसाद साहु उपस्थित थे। यह बैठक मोर्चा के मुख्य मुद्दों, यथा- पिछड़ों को 27% आरछण देने, वैश्य आयोग का गठन करने, शेष बचे 13 वैश्य उपजातियों को भी तत्काल राष्ट्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने, शून्य जिलों में भी एक समान आरछण की व्यवस्था लागू करने, सांगठनिक सुदृढ़ीकरण व विस्तार, सिल्ली एवं गोमिया उपचुनाव, आगे की रणनीति व कार्यक्रम आदि मुद्दों रखी गई थी।
सर्वप्रथम रामगढ़ जिलाध्यछ रामदेव प्रसाद द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। तत्पश्चात केंद्रीय अध्यछ महेश्वर साहु द्वारा विषय प्रवेश कराया गया। तब केंद्रीय समिति की बैठक में उपरोक्त मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए। तत्पश्चात बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि -
◆पिछड़ों को 27% आरछण देने, वैश्य आयोग का गठन, बिजली विभाग की मनमानी और व्यवसायियों की परेशानी आदि मुद्दों को लेकर पूरे प्रदेश में जोरदार आंदोलन चलाया जायेगा। जिसके तहत आगामी 12 जून को हजारीबाग में तथा 18 जून को मेदिनीनगर में प्रमंडलीय स्तर पर प्रदर्शन व महाधरना कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा और मुख्यमंत्री के नाम आयुक्त को स्मार-पत्र सौंपा जायेगा। जबकि 1 जुलाई से 3 जुलाई तक राजभवन (रांची) के समछ तीन दिवसीय महाधरना कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। इसके बाद भी सरकार मोर्चा की मांगों पर पहल नहीं करती है तो क्रांति दिवस के अवसर पर 9 अगस्त को राज्य के सभी जिलों में वैश्य क्रांति सम्मेलन का आयोजन कर सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई की घोषणा की जायेगी।
◆ बैठक में प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि वैश्य समाज अब राजनीति में भागीदारी और दावेदारी के लिए पूरे प्रदेश में जागरूकता अभियान चलायेगी और बुद्धिजीवियों तथा पढ़े-लिखे नवजावनों से भी राजनीति के छेत्र में उतरने का आह्वान करेगी, ताकि आने वाली पीढ़ी को उनका वाजिब हक-अधिकार दिलाया जा सके।
◆ बैठक में तय किया गया कि गोमिया एवं सिल्ली में उसी दल/उम्मीदवार को समर्थन किया जायेगा जो वैश्य मोर्चा के मुद्दों,यथा-पिछड़ों को 27% आरछण देने, वैश्य आयोग का गठन, शेष बचे 13 वैश्य उपजातियों को पुनः राष्ट्रीय ओ बी सी सूची में शामिल करवाने, शून्य जिलों में एक समान आरछण की व्यवस्था लागू करने आदि को स्वीकार करेगा। बिना बातचीत किये जबरन एवं बेवजह हम किसी दल को समर्थन नहीं करेंगें।
◆ संगठन विस्तार के तहत कई लोगों को केंद्रीय समिति में बतौर सदस्य शामिल किया गया, जैसे- सुरेश प्रसाद (गिरिडीह), डॉ आर. एन. प्रसाद (भुरकुंडा), सुमंत साह (केरेडारी)। इनकी कार्यछमता और संगठन के प्रति समर्पण को देख कर पदाधिकारी बनाया जायेगा।
इस अवसर पर बैठक को संबोधित करते हुए मोर्चा के मुख्य संरछक व मुख्य अतिथि गोपाल प्रसाद साहु ने कहा कि संगठन में बड़ी ताकत होती है। जब से वैश्य मोर्चा का गठन किया गया है, मोर्चा ने कई उपलब्धियां हाशिल की है और वैश्य समाज को लाभ दिलाया है। अगर वैश्य समाज के लोग इसी तरह संगठित होकर रहें और अपने मुद्दों को लेकर संघर्ष करते रहें तो आगे भी इसका लाभ मिलेगा। मुख्य अतिथि श्री साहु ने कहा कि झारखंड में पिछड़ों का आरछण कम कर देना, उनके अधिकारों को छीनना है। इससे लाखों छात्रों एवं बेरोजगारों को नुकशान हो रहा है। सरकार को चाहिए कि तत्काल पिछड़ों को 27% आरछण की व्यवस्था कर दे, अन्यथा सड़क पर उतर कर आंदोलन का ही एकमात्र रास्ता बचता है। हमें आंदोलन के लिए सरकार मजबूर न करे। श्री साहु ने कहा कि मैं हमेशा समाज के साथ हूँ और आगे भी रहूँगा।
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