#LALA LAJPAT RAY - हिंदुस्तान के महान स्वतंत्रता सेनानी की वह विरासत जो आज पड़ोसी मुल्क में है"हिंदुस्तान के महान स्वतंत्रता सेनानी की वह विरासत जो आज पड़ोसी मुल्क में है"
सन् १९३८ में अग्रवाल नवरत्न गरमदल के महान स्वतंत्रता सेनानी #लाला_लाजपत_राय जी ने यह भव्य परिसर करांची में महालक्ष्मी के नाम से बनाया था। वह #महालक्ष्मी के अनन्य #भक्त थे। पंजाब केसरी के नाम से मशहूर लाला लाजपत राय वह जब बोलते थे तो उनका स्वर सिंह के समान गूंजता था जिससे ब्रिटिश अफसरों के दिल की धड़कने तेज हो जाति थीं.. भारत के विभाजन के पूर्व अखंड भारत की सबसे ऊंची इमारत होने का गौरव प्राप्त था। इसके ऊपर 18 फीट ऊंची समृद्धि और सौभाग्य की देवी महालक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित थी। इसके आर्किटेक्ट Maysers D H Daruwala & Co. ने इसे Art Deco style में बनाया था। यह जयपुर के लाल पत्थरों से बनी थी और इसके मालिक लाहौर के लाला लाजपत राय थे। इसका उत्घाटन #सरोजनी_नायडू ने किया था। अपने उत्कृष्ट आर्किटेक्चर, क्लॉक टावर और आयरन एलिवेटर के लिए यह भवन पूरे शहर में प्रसिद्ध था।
लेकिन भारत की आजादी के बाद मल्लेच्छों ने इस भवन का नाम बदल दिया और हमारी प्यारी माता की मूर्ति भी तोड़ दी... और अपने हाथों से ही अपने देश की गरीबी और बदहाली लिख ली... चलिए #मल्लेच्छो ने #करांची की तो लक्ष्मी बिल्डिंग का नाश कर दिया... लेकिन लाला लाजपत राय जी ने १९३८ में ही भारत #मुंबई में भी लक्ष्मी बिल्डिंग का निर्माण करवाया था जिसके ऊपर आजतक भगवती लक्ष्मी विराजमान हैं.. और इस बिल्डिंग का उद्घाटन स्वयं नेताजी #सुभाष_चंद्र_बोस ने किया था.
लाला लाजपत राय जी ने #लाहौर में #लक्ष्मी_मैंशन का भी निर्माण करवाया था जिसके चौक का नाम भी माता लक्ष्मी के नाम पर लक्ष्मी चौक हो गया... लाला लाजपत राय ने ही #जिन्ना की मुस्लिम लीग के विरोध में पंजाबी हिंदू महासभा बनाई थी जो आगे जाकर #मालवीय जी की #हिंदू_महासभा की नींव पड़ी.. लाला जी हिंदू महासभा के अध्यक्ष पद पर भी लंबे समय तक रहे.. उन्होंने महामारी के वक्त जब #क्रिश्चियन मिशनरी अछूतों का धर्मांतरण करवा रहीं थी तब अछूतोद्धार आंदोलन चलाकर हरिजनों को हिंदू धर्म से जोड़ने और उनके लिए आवास और रोजगार का प्रबंध भी किया था।
हमारे महान स्वतंत्रता सेनानी और सभी क्रांतिकारियों के प्रिय नेता लाला लाजपत राय जी की अनमोल विरासत है .. लाला लाजपत राय जी ने अपने प्राण देश के नाम न्योछावर किए थे थे और उनके अपमान का ही बदला लेने के लिए भगत सिंह सुखदेव राजगुरु आदि हंसते हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए थे।
महालक्ष्मी हम अग्रवालों की कुलदेवी हैं... #महालक्ष्मी ने #महाराजा अग्रसेन को आज से ५१०० वर्ष पूर्व ही वरदान दिया था की हे अग्र ! जिस कुल में युगों युगों तक मेरी नित्य पूजा होगी ऐसा तुम्हारा अग्रवंश होगा... लाला लाजपत राय भी इसी #अग्रवंश के अनमोल रत्न हैं
SABHAR : PRAKHAR AGRAWAL
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