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Tuesday, July 18, 2017

DIPINDER GOYAL - दीपिंदर गोयल, युवा उद्योगपति

पढ़ाई में दो बार फैल होने के बावजूद देश की पहली ग्लोबल इंटरनेट कंपनी बनाने वाले एक युवा उद्यमी

यह कहानी देश के ऐसे पहली पीढ़ी के युवा उद्यमी के बारे में है जिन्होंने खुद की जिंदगी में आई एक छोटी सी परेशानी को बिज़नेस आइडिया में तब्दील कर एक सफल स्टार्टअप का निर्माण किया। आपको यकीन नहीं होगा यह कहानी जिस शख्स के बारें में है वो बचपन में न ही कोई मेधावी छात्र थे, यहाँ तक की उन्हें दो बार असफलता का भी स्वाद चखना पड़ा था। लेकिन आज ये एक ऐसे सफल कारोबार के मालिक हैं जिसका साम्राज्य 23 से भी ज्यादा देशों में फैला है। देश की पहली ग्लोबल इंटरनेट कंपनी बनाने का दम रखने वाले इस शख्स की कहानी बेहद प्रेरणादायक है।


दीपिंदर गोयल आज भारतीय इंटरनेट जगत के सबसे बड़े कारोबारी में से एक हैं। गोयल ज़ोमैटो नाम की एक फूड वेबसाइट की आधारशिला रखी जहाँ 23 देशों के 12 लाख रेस्तरां की जानकारी उपलब्ध है। गोयल बचपन से ही पढ़ने-लिखने में ज्यादा सीरियस नहीं थे लेकिन छठी कक्षा में फेल होने के बाद उन्हें समझ में आ गया कि पढ़ाई को लेकर सीरियस होने की आवश्यकता है। इसके बाद उन्होंने काफी कड़ी मेहनत की और अपने स्कूल में टॉप आये।


दसवीं में शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में दाखिला लिया और लेकिन पहले ही वर्ष फेल हो गए। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पढ़ाई को जारी रखा। उनके जीवन में सबसे बड़ा बदलाव तब आया जब उन्होंने पहली बार में आईआईटी-जेईई की परीक्षा पास कर ली।

डिग्री पूरी होते ही उन्हें ‘बेन एंड कंपनी’ में बतौर कंसल्टेंट की नौकरी कर ली। नौकरी के दौरान ही दीपिंदर और उनके दोस्तों को ऑफिस की कैफेटेरिया में लंच की मेन्यू देखने के लिए लंबी कतार में इंतजार करना पड़ता था। एक तो पहले से भूख कगी रहती थी और उपर से लाइन में खड़े रहकर इंतजार करना, यह बेहद मुश्किल था। इससे उनका काफी वक्त बर्बाद होता था। दीपिंदर के मन में मैन्यू कार्ड स्कैन करके साइट पर अपलोड करने का विचार सूझा। देखते ही देखते साइट पॉपुलर हो गई। और फिर इससे प्रेरित होकर दीपिंदर ने एक फूड पोर्टल खोलने का इरादा बनाया।


इस आइडिया को उनके सहकर्मी पंकज चड्ढा ने सराहा और उनका साथ देने का फैसला किया। फिर दोनों दोस्तों ने मिलकर 2008 में नौकरी के दौरान ही ऑनलाइन फूड पोर्टल फुडीबे डॉट कॉम की शुरुआत की। इस वेबसाइट के जरिए लोगों को उनके लोकेशन के अनुसार कीमत और लोकप्रियता के आधार पर रेस्टोरेंट्स की खोज मुहैया करता था।

करीबन एक साल तक फुडीबे को चलाने के बाद दीपिंदर को अहसास हुआ कि फ़ूड सेक्टर में अपार संभावनाएं हैं। फिर उन्होंने अपने नौकरी को अलविदा पर इस प्रोजेक्ट पर पूरा ध्यान देने शुरू कर दिए। साल 2010 के आखिर में उन्होंने फुडीबे का नाम बदलने का फैसला लिया। एक छोटा और याद रखने में आसान होने वाले नाम का चयन करते हुए उन्होंने ज़ोमैटो डॉट कॉम से कंपनी का पुनर्निर्माण किया।

आज ज़ोमैटो एक रेस्टोरेंट डिस्कवरी वेबसाइट और मोबाइल एप के जरिए पूरी दुनिया में तहलका मचा रही। इस पर रेस्टोरेंट्स के मेन्यू की इंफॉर्मेशन, फोटो, रिव्यूज और उनकी कॉन्टैक्ट डिटेल्स होती हैं। कंपनी की वेबसाइट पर 36 शहरों के 1,80,500 रेस्टोरेंट्स की डिटेल हैं। जोमाटो अभी भारत सहित 23 से भी ज्यादा देशों में है। आज ज़ोमैटो दुनिया के सबसे सफल स्टार्टअप में से एक है जिसका मार्केट वैल्यूएशन 7000 करोड़ के आस-पास है।

दीपिंदर के लिए अच्छे पैकेज वाली नौकरी छोड़कर खुद का कारोबार में पूरा समय देने के लिए निर्णय लेना बिलकुल आसान नहीं था।चूंकि वो एक मध्यम-वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे इसलिए माता-पिता को आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए राजी करने में बहुत मुश्किल हुई। उनके माता-पिता शुरू में बिलकुल खुश नहीं थे। लेकिन उनकी पत्नी हमेशा साथ खड़ी रहीं।


दीपिंदर ने अपने दिल की सुनी। पूरी मेहनत से फल की चिंता किये अपने प्रोजेक्ट पर काम करते चले गये। और अज पूरी दुनिया उनकी सफलता देख रही है।
साभार:
hindi.kenfolios.com/zomato-founder-deepinder-goyal/

by Abhishek Suman1/27/2017

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