MUKUL GOYAL IPS - NEW DG OF UP POLICE
मुज़फ्फरनगर व शामली के रहने वाले है मुकुल गोयल, नगर की भारतीय कोलोनी में मुकुल गोयल जी का निवास.
आईपीएस मुकुल गोयल उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक पद नियुक्त हो गए हैं। उनके डीजीपी बनने की सूचना से शामली का सीना गर्व से फूल गया। दरअसल, मुकुल गोयल मूल रूप से शामली के रहने वाले हैं।
वहीं बुधवार को शामली में यह खबर सुनते ही कि मुकुल गोयल को पुलिस विभाग के मुखिया पद पर नियुक्त किया गया है। इससे उनके परिवार सहित पूरे शहर में खुशी और जश्न का माहौल हो गया। परिवार में मिठाई बांटकर खुशी मनाई गई। लोगों का कहना था कि शामली के लाल ने प्रदेश में जिले का नाम ऊंचा किया है। आईपीएस मुकुल गोयल की पैदाइश शामली की है। शामली के मोहल्ला लाजपतराय शिवमूर्ति निवासी स्व. महेंद्र कुमार गोयल के पुत्र मुकुल गोयल का जन्म दो फरवरी 1964 को शामली में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शामली में हुई। यहां की गलियों में उनका बचपन बीता। उनके पिता झारखंड के धनबाद जिले में किसी कंपनी में इंजीनियर थे। इसलिए उनकी शिक्षा धनबाद और उसके बाद जयपुर में हुई। दिल्ली से उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण की।
बताया गया कि मुकुल गोयल इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक हैं, साथ ही उन्होंने एमबीए की शिक्षा प्राप्त की। 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल 1991 में सीनियर स्केल प्राप्त कर एसएसपी बने। इसके बाद वर्ष 2004 में डीआईजी पद पर प्रोन्नत हुए और 2008 में आईजी बने। उनके डीजीपी पद पर आसीन होने की सूचना से शामली में खुशी का माहौल बन गया था।
मुकुल गोयल के चाचा अरुण गोयल ने बताया कि जब उन्हें डीजीपी बनने की सूचना मिली तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। उन्होंने बताया कि उनके बाबा मनोहर बजाज के नाम से पूरे परिवार को जाना जाता है। चाची पूनम गोयल व भाभी मीनू गोयल ने कहा कि मुकुल गोयल बहुत सरल स्वभाव के हैं और शुरू से ही होनहार हैं।
चचेरे भाई विकास गोयल ने बताया कि उनके डीजीपी बनने की सूचना पर बहुत खुशी हुई लेकिन, कुछ देर बाद पता चला कि अभी डीजीपी पद के लिए नाम की घोषणा नहीं हुई है। उनका कहना है कि इस खुशी के लिए परिवार को इंतजार कर रहा था। शाम को उनके डीजीपी बनाए जाने की खबर से परिवार खुशी से झूम उठा। मुकुल गोयल के भाई हितेश गोयल दिल्ली में सरकारी विभाग में उच्च पद पर कार्यरत हैं।
परिवार से रखते हैं पूरा लगाव
आईपीएस मुकुल गोयल के चाचा अरुण गोयल, अशोक गोयल और राकेश कुमार की शिव चौक पर कपड़े की दुकान है। अरुण गोयल ने बताया कि मुकुल गोयल का परिवार से पूरा लगाव रहता है। परिवार में होने वाले कार्यक्रम में वह शामिल होते रहते हैं। 2017 में भतीजे वैभव की शादी में शामली आए थे। वे बताते हैं कि शामली आने के दौरान वह अक्सर दुकान पर आते हैं।
मेरठ में 16 महीने एसएसपी रहे मुकुल गोयल
1987 बेंच के आईपीएस मुकुल गोयल मेरठ में 16 महीने एसएसपी रहे। इस दौरान इनका कार्यकाल बेहतर रहा और उन्होंने कई सराहनीय कार्य भी किए। बताया गया कि अपने बेहतर कुशल व्यवहार के चलते मेरठ के कई लोग आज भी मुकुल गोयल से जुड़े हुए हैं। उनके साथ पुरानी कुछ फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया गया। मुकुल गोयल मेरठ में पांच मई 2002 से 24 सितंबर 2003 तक एसएसपी मेरठ रहे।
उत्तर प्रदेशयूपी डीजीपी मुकुल गोयल ने मेरठ में बनाया था ताबड़तोड़ एनकाउंटर का रिकाॅर्ड
यूपी के नए डीजीपी आईपीएस मुकुल गोयल जितने शांत और सरल स्वभाव के हैं, अपराधियों पर उतने ही सख्त हैं। मेरठ में तैनाती के दौरान इन्होंने अपराधियों की कमर तोड़ दी थी। ताबड़तोड़ 24 से ज्यादा एनकाउंटर का रिकार्ड भी बनाया था। राजस्थान के अपराधी का सदर बाजार में एनकाउंटर कर दिया था और उसके पास से एके-47 बरामद की गई थी। इसके बाद वह चर्चाओं में आ गए थे। इसके अलावा दरोगा की हत्या के आरोपी और दो लाख के ईनामी बदमाश को भी मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था।
आईपीएस मुकुल गोयल की मेरठ में तैनाती के समय राजस्थान के भरतपुर का अपराधी पुष्पेंद्र जाट मेरठ में आया था। पुलिस के पास इनपुट था कि किसी बड़े व्यक्ति की हत्या की प्लानिंग की गई है। दिल्ली पुलिस ने कुछ जानकारी मेरठ के एसएसपी मुकुल गोयल से साझा की थी और एक टीम को मेरठ के लिए रवाना भी किया गया था। इसी इनपुट के बाद पुष्पेंद्र जाट को घेर लिया गया था और सदर चाट बाजार में एनकाउंटर किया गया था। एनकाउंटर में पुष्पेंद्र की मौत हो गई थी और उसके पास से पुलिस को एके-47 मिली थी। पुष्पेंद्र जाट दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी में 37 से ज्यादा संगीन मामलों में आरोपी और वांटेड था। उस समय पुष्पेंद्र जाट के सिर पर 50 हजार रुपये का ईनाम था।
धर्मा गैंग के शूटर को किया था गिरफ्तार
आईपीएस मुकुल गोयल के मेरठ एसएसपी रहने के दौरान दूसरा चर्चित मामला अपराधी विजय उर्फ बबलू की गिरफ्तारी का था। विजय धर्मा गैंग का शार्प शूटर था और उस पर दरोगा की हत्या का आरोप था। पुलिस विभाग की ओर से दो लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया था। आरोपी को मेरठ में आईपीएस मुकुल गोयल की टीम ने गिरफ्तार किया था। मेरठ में ही एक चर्चित एनकाउंटर में आईपीएस मुकुल गोयल ने दौराला के बदमाश चमन और सुभाष ताऊ को ढेर किया था। चमन और वतन दोनों भाई थे और शातिर बदमाश थे। लोगों से वसूली और रंगदारी मांगना इनका धंधा था। चमन और सुभाष को एनकाउंटर में पुलिस ने मार गिराया था।
बावरियों का किया था एनकाउंटर
मेरठ के टीपीनगर में बावरियों ने तीन लोगों की हत्या कर दी थी। इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी और एनकाउंटर की कार्रवाई मुकुल गोयल की टीम ने की थी। इसके बाद पूरे गिरोह की धरपकड़ की गई थी। इसके बाद उनके कार्यकाल में कोई वारदात बावरियों ने नहीं की।
जब पथराव में हुए थे घायल
लिसाड़ी गेट में अंसारी एवं कुरैशी बिरादरी के बीच जमकर बवाल हुआ था। इसमें कई स्थानों का पुलिस फोर्स और पीएसी को लेकर आईपीएस मुकुल गोयल उतर आए थे और मोर्चा लिया था। इस दौरान उन्हें पत्थर लगा था। घंटों तक बवाल हुआ, लेकिन मुकुल गोयल ने मोर्चा नहीं छोड़ा। उनके साथ उस समय के इंस्पेक्टर सदर बाजार सीपी सिंह और दरोगा राजेंद्र सिंह भी डटे रहे। लापरवाही को लेकर लिसाड़ी गेट थाना प्रभारी पर कार्रवाई की और चार्ज राजेंद्र सिंह को दे दिया था। इसी मामले में तत्कालीन डीआईजी ने एसएसपी के खिलाफ रिपोर्ट शासन को भेजी थी, जिसे लेकर पुलिस टीम एसएसपी के साथ आ गई थी।
साभार: अमरउजाला व हिन्दुस्तान
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