माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी छोड़ बनाई थी कंपनी, आज है देश की सबसे सफल ई-कॉमर्स बिज़नेस
भारत में तीन सबसे बड़ी ई-कॉमर्स पोर्टल फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और मिंत्रा डॉट कॉम की आधारशिला रखने वाले बंसल से ज्यादातर लोग परिचित हैं लेकिन एक और बंसल हैं जिन्होंने ई-कॉमर्स कारोबार के लिए एक ऐसे क्षेत्र को चुना जो अपार कारोबारी संभावनाओं के बावजूद भी औरों की नज़र से दूर था। जी हाँ, साल 2010 में लेंसकार्ट डॉट कॉम नामक ऑन लाइन ऑप्टिकल स्टोर की शुरुआत करने वाले पीयूष बंसल आजदेश के सबसे सफल स्टार्टअप कारोबारियों की सूची में शुमार कर रहे हैं। लेकिन सफलता के इस पायदान तक पहुँचने में उन्हें कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
पीयूष के चार्टर्ड अकाउंटेंट पिता चाहते थे कि उनका बेटा खूब पढ़े और शानदार नौकरी करे। पिता ने बेटे की पढ़ाई में कभी कोई कमी नहीं होने दी। पीयूष ने भी पिता को निराश न करते हुए भरपूर पढ़ाई की और कनाडा से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद यूएसए में माइक्रोसॉफ्ट ज्वाॅइन किया। यहाँ उनकी सालाना पैकेज भी काफी अच्छी थी लेकिन कुछ सालों तक काम करने के बाद नौकरी से मन ऊब गया। साल 2007 में उन्होंने वापस भारत लौटने का निश्चय किया। पीयूष के इस फैसले से उनके माता-पिता बेहद नाराज थे। उन्होंने बेटे को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन पीयूष नहीं माने।
स्वदेश लौटने के बाद पीयूष ने किसी कंपनी में नौकरी करने की बजाय खुद का कारोबार शुरू करने की योजना बनाने लगे। उस दौर में ई-कॉमर्स भारत में एक नया कांसेप्ट था और इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं थी। पीयूष ने भी इस क्षेत्र में हाथ आजमाने के उद्येश्य से एक क्लासिफाइड वेबसाइट सर्च माय कैंपस डॉट कॉम की शुरुआत की। यह वेबसाइट छात्रों को आवास, पुस्तकें, कारपूल सुविधा, पार्ट टाइम जॉब अवसर आदि सुविधाएं मुहैया कराती थी। यह वेबसाइट तीन सालों तक चला। साल 2010 तक भारत में ऑनलाइन कारोबार काफी तेजी से बढ़ चुका था। इसी सेक्टर अपनी पैठ ज़माने के लिए उन्होंने आईवियर, ज्वेलरी, घड़ी और बैग्स की ऑनलाइन सेल के लिए लेंसकार्ट डॉट कॉम, ज्वेलरी डॉट कॉम, वाॅचकार्ट डॉट कॉम और बैग्स डॉट कॉम नामक चार वेबसाइट को लांच किया।
धीरे-धीरे बदलते समय के साथ पीयूष ने सिर्फ लेंसकार्ट डॉट कॉम पर फोकस रखा और उसे देश का सबसे बड़ा ऑन लाइन ऑप्टिकल स्टोर बनाने में कामयाबी हासिल की। आज लेंसकार्ट सभी आधुनिक सुविधाओं के पूर्ण देश के तमाम बड़े शहरों में अपनी ऑफलाइन स्टोर भी खोल चुकी है। इतना ही नहीं वर्तमान में कंपनी 1500 से ज्यादा शहरों के 1000 लोगों को हर रोज आईवियर्स और 500 से ज्यादा लोगों को उनके घर पर ही आई चेक-अप सुविधा उपलब्ध करवा रहा है। फ्रेंचाइजी मॉडल को अपनाते हुए लेंसकार्ट पूरे देश में अपने कारोबार का विस्तार कर रहा है।
जानकारों का मानना है कि लेंस का कारोबार काफी लाभप्रद होता है। कभी-कभी 500 फीसदी तक की मार्जिन संभव होती है। और इतने लाभप्रद कारोबार को तकनीक के माध्यम से बड़े स्तर पर शुरू करना सच में बेहद क्रांतिकारी है। और इसी वजह से लेंसकार्ट दिनोंदिन तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहा है और आज 100 करोड़ के सालाना टर्नओवर वाली क्लब में शामिल है। इतना ही नहीं आने वाले तीन वर्षों में लेंसकार्ट आईपीओ लाने की तैयारी में भी है।
साभार: hindi.kenfolios.com/peyush-bansal-lenskart/ by Abhishek Suman
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