सोलन की श्रुति ने माइनस 24 डिग्री में कथक कर तीसरी बार बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
सोलन की श्रुति गुप्ता ने तीसरी बार लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया है। श्रुति ने मनाली से लेह तक पांच दुर्गम दर्रों पर एक ही दिन कथक कर यह विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए नृत्य के माध्यम से समाज को जागरूक किया। इससे पहले भी उन्हें दुर्गम स्थानों पर जागरूकता फैलाने के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है।
सोलन जिला के चंबाघाट में 15 अगस्त 1987 को जन्मीं श्रुति गुप्ता अपने साहसिक कार्यों के लिए चर्चा में रहती हैं। हिमालय की चोटियों पर जहां सांस लेना भी मुश्किल होता है वहां इस बार 16 जून को माइनस डिग्री तापमान में श्रुति ने नंगे पैर कथक कर सभी को हैरान कर दिया। विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए ऑक्सीजन की भारी कमी के बावजूद प्रत्येक दर्रे पर सात से दस मिनट तक प्रस्तुति दी। उन्होंने सबसे पहले 13050 फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग दर्रे पर जल संरक्षण, बारालाचा दर्रे पर 16040 फीट की ऊंचाई पर वायु प्रदूषण, नाकिला दर्रा 15547 फीट की ऊंचाई पर भूमि संरक्षण, लांचूगला दर्रा 16616 फीट की उंचाई पर नेचर सेलिब्रेशन और अंत में 17582 फीट की ऊंचाई पर तांगलांग पास में भारतीय जवानों को नृत्य से नमन किया।
लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दो बार दर्ज हुअा नाम
इससे पहले श्रुति गुप्ता ने पहली बार बारालाचा दर्रे पर ही 18 अक्टूबर 2015 को माइनस चार डिग्री सेल्सियस के तापमान में कथक प्रस्तुत कर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया था। दूसरी बार माइनस 24 डिग्री सेल्सियस तापमान में 27 अक्टूबर 2016 को कथक कर नाम दर्ज करवाया था। श्रुति गुप्ता को उनके सराहनीय कार्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं।
सफलता का श्रेय
शिमला यूनिवर्सिटी से सितार वादन में मास्टर्स कर चुकी श्रुति अपनी इस सफलता का श्रेय पिता आरबी गुप्ता, मां परवीन गुप्ता और पति व गुरु को देती हैं। श्रुति अब तक 300 से भी ज्यादा परफॉरमेंस दे चुकी है।
साभार: Babita
jagran.com/himachal-pradesh/solan-solan-girl-enters-limca-book-18133797.html
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