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Friday, March 6, 2020

SHEKHAWATI - शेखावटी - भारत के आद्योगिक राजधानी

शेखावटी - भारत के आद्योगिक राजधानी

#शेखावटी को आमेर राजघराने के कुंवर महाराव #शेखा जी ने बसाया था. शेखा जी कच्छवाह राजपूत थे. कछवाहा अर्थात श्री राम के पुत्र कुछ के वंशज. इन्हीं राव शेखा जी के नाम पर शेखावत वंश चला.

शेखावटी में वैसे तो राजपूतो का वर्चस्व रहा है और है लेकिन यहां की वैश्य याने बनिया या अग्रवाल जिन्हें मारवाड़ी भी कहते है, इन्होंने दुनिया भर में अपने व्यापारिक कला के दम पर राज किया।इनको व्यापारिक कार्य कुशलता से ज्यादा कुछ कर दिखाने की ललक ने इन्हें विश्वपटल पर पहचान दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई। भारत के टॉप 10 सबसे अमीर आद्योगिक घरानों में 3 (मित्तल, बिड़ला और रुइया) तो अकेले शेखावटी अंचल से हैं।

आज शेखावाटी विश्व के बड़े धनी क्षेत्रो में से एक आता है, यहां गरीबी ना के बराबर है, आज से 200-300 साल पहले यहां की सम्रद्धि क्या थी, यह यहां के मारवाड़ी बणियों की हवेलियां ही बता देती हैं।

#अग्रवालों की जन्मभूमि #अग्रोहा जरूर थी लेकिन शेखावटी के अग्रवालों ने देश-धर्म और भारत की अर्थव्यवस्था के लिए जो किया वो मिसाल है. #गीताप्रेस जो हिन्दू धर्म की सबसे बड़ी धार्मिक प्रेस के उसके संस्थापक #जयदयालगोयनका जी और #हनुमानप्रसादपोद्दार जी दोनों शेखावटी के लाल थे. इंदिरा गांधी की इमरजेंसी के खिलाफ सबसे तीव्र स्वर में आंदोलन चलाने वाले और प्रेस के आजादी के पुरोधा इंडियन एक्सप्रेस के मालिक #रामनाथगोयनका जी हों, या भारत के कॉटन किंग कहे जाने वाले #गोविंदरामसेकसरिया, या विश्व के स्टील किंग #लक्ष्मीनिवासमित्तल, या महान प्रखर गांधीवादी और स्वतंत्रता सेनानी #जमनालालबजाज हों, सभी शेखावटी के अग्रवाल हैं. शेखावटी का रामगढ़ जिला जो अपने समय का सबसे बड़ा आद्योगिक जोन था उसके संस्थापक पोद्दार और रुइया भी बंसल गोत्र के अग्रवाल थे। #माहेश्वरीयों का #बिड़लाघराना भी शेखावटी के झुंझुनू जिले के हैं. इसी झुंझुनू में अग्रवाल कुलावतंस #राणीसतीदादी जी का भव्य मंदिर है. सिंघानिया से लेकर डालमिया घराने तक तमाम आद्योगिक घराने शेखावटी से ही निकले हैं जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी.

सिर्फ व्यापार जगत में ही नहीं बल्कि वीरता में भी शेखावटी ने अपना लोहा मनवाया है. इसके बाद इस शेखावाटी क्षेत्र को फ़ौज की फैक्ट्री भी माना जाता है । राजस्थान में अब तक सभी जिलों में मिलाकर 1550 जवान वीरगति को प्राप्त हुए है, उसमें से 760 जवान तो मात्र शेखावाटी के है. राजस्थान का हर दूसरा शहीद शेखावाटी से होता है. राजस्थान का पहला परमवीर चक्र शेखावटी अंचल के #मेजरपिंटूसिंह_शेखावत जी को मिला था।

शेखावटी के वीर राजपूतो ने जहाँ देश के माटी की रक्षा की वही यहां के व्यापारियों ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपना अमूल्य योगदान दिया...

साभार: प्रखर अग्रवाल की फेसबुक वाल 

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