ORIGIN OF GOTRAS IN OSWAL JAIN VAISHYA - ओसवाल में गोत्र की उत्पत्ति
वीर संवत 70 में आचार्य श्री रत्न प्रभ सूरि ने उपकेशपुर पट्टन (वर्तमान में ओसिया के नाम से जाना जाता है) के राजा उत्पलदेव और उनके पूरे राज्य को जैन धर्म में परिवर्तित कर दिया। 'जैन जाति महोदय' के अनुसार आचार्य श्रीजी ने संभवतः उनके मूल गोत्र या व्यवसाय या स्थिति के आधार पर 18 गोत्रों का नामकरण किया।
तातेर
बाफना
कर्णावत
बलाहा
मोरख
कुलहट
विरहत
श्रीश्रीमाल
श्रेष्ठी
संचेती
आदित्य नाग
भूरि
भद्र
चिंचत
कुमत
दीदु
कन्नोजिया
लघुश्रेष्ठि
उपरोक्त सभी ओसिया में महाजन थे। वि.स. 222 में जयपुर के पास खंडेला में एक बड़ा महाजन समुदाय इकट्ठा हुआ। उस समय ओसिया के सभी महाजनों को ओसवाल नाम दिया गया और उपरोक्त सभी गोत्र ओसवाल का हिस्सा बन गए।
यति रूपचंदजी "जैन संप्रदाय शिक्षा" के अनुसार ओसवालों के कुल गोत्र 440 थे और यति रामलालजी "महाजन वंश मुक्तावली" के अनुसार यह 609 थे। मिथक के अनुसार एक भाट ने 1444 गोत्रों की सूची बनाई थी, लेकिन यह उपलब्ध नहीं है। हमने 2700 से अधिक गोत्रों की सूची और 800 से अधिक गोत्रों की उत्पत्ति प्रकाशित की है।
श्री मुनि ज्ञान सुंदरजी के अनुसार 18 गोत्रों से 458 गोत्र बने।
पहले 18 गोत्रों और उपगोत्रों की सूची
1. तातेर, तो नदियानी, चोमोला, कोसिया, धावड़ा, चैनावत, तलोबड़ा, नर्वरा, संघवी, डुंगरिया, चौधरी, रावत, मालावत, सुरती, जोरवेला, पंचायत, विनायक, साढेराव, नागदा, पाका, हरसोट, केलानी (22 उपगोत्र)।
2. बाफना : बाफना (बहुफाना), नाहटा, भोपाला, भूटिया, भाभू, नवसारा, गुगालिया, दगरेचा, चमकिया, चौधरी, जांगड़ा, कोटेचा, बाला, धतुरिया, लिहुवाना, कुरा, बेताला, सलगना, बुचानी, सावलिया, तोसारिया, गांधी, कोठारी, खोखरा, पटवा, दफ्तरी, गोदावत, कुचेरिया, बलिया, सांघवी, सोनावत, सेलोत, भावड़ा, लगु-नाहटा, पंचवैया, हुमिया, टाटिया, तगा, लगु-चमकिया, बोहारा, मिठडिया, मारू, रणधीरा, ब्रह्मेचा, पटालिया, बानुदा, टाकलिया, गोधा, गैरोला, दुधिया, बडोला, सुक्तिया (52 उपगोत्र)।
3. कर्णावत : कर्णावत, बगड़िया, सांघवी, रांसोत, आछा, ददालिया, हुणा, काकेचा, थांभोरा, गुंदेचा, जिजोत, लभानी। सांखला, भीनमाला (14 उपगोत्र)।
4. बलाहा : बलाहा, रांका, बांका, सेठ, सेठिया, छावत, चौधरी, लाला, बोहारा, भुतेड़ा, कोठारी, राका, देपारा, नेरा, सुखिया, पटोत, पेप्सरा, धारिया, जड़िया, सलीपुरा, चितोरा, हाका, संघवी, कागड़ा, कुशलोट, फलोदिया, (26 उपगोत्र)।
5. मोरख : मोरख, पोकर्ण, सांघवी, तेजारा, लगु-पोकर्ण, बंदोलिया, चुंगा, लगु-चुंगा, गाजा-चौधरी, गोरीवाल, केदारा, बटोकड़ा, करचू, कोलोग, शिगाला, कोठारी (16 उपगोत्र)।
6. कुलहाट : कुलहाट, सुरवा, सुसानी, पुकारा, मसानिया, खोदिया, सांघवी, लगु-सुखा, बोराद, चौधरी, सुरानिया, सखेचा, कटारा, हाकड़ा, जालोरी, मन्नी, पलाखिया, खुमाना (18 उपगोत्र)।
7. विरहट : विरहट, भूरट, तुहाड़ा, ओसवाला, लगु-भुरट, गागा, नोप्टा, सांघवी, निबोलिया, हंसा, धारिया, राजसरा, मोतिया, चौधरी, पुनमिया, सारा, उजोत (17 उपगोत्र)।
8. श्रीश्रीमाल : श्रीश्रीमाल, श्रीमाल, संघवी, लघु-संघवी, निलाड़िया, कोटड़िया, ज़बानी, नाहरलानी, केसरिया, सोनी, खोपर, खजांची, दानेसरा, उधावत, अटकलिया, धाकड़िया, भीनमाला, देवद, मादलिया, कोटि, चांडालेचा, सांचोरा, करवा (23 उपगोत्र)।
9. श्रेष्ठी : श्रेष्ठी, सिंघावत, भल्ला, रावत, बैद-मुथा, पटवा, सेवड़िया, चौधरी, थानावत, चित्तौड़ा, जगावत, कोठारी, बोठानी, संघवी, पोपावत, ठाकुरोट, बखेता, बिजोट, देवराजोत, गुंडिया, बालोटा, नागोरी, सेखानी, लाखानी, भूरा, गांधी, मेड़तिया, रणधीरा, पालावत, शूरमा, (30 उपगोत्र)।
10. संचेती : संचेती, सुचिंती, ढेलड़िया, धामानी, मोतिया, बिंबा, मालोट, लालोट, चौधरी, पलानी, लागू, संचेती, मंत्री, हुकमिया, कजारा, हिपा, गांधी, बेगानिया, कोठारी, मलखा, छाछा, चित्तोरिया, इसरानी, सोनी, मारुआ, घरघंटा, उडेचा, लागू-चौधरी, चोसरिया, बापावत, संघवी, मुर्गीपाल, किलोला, लालोट, खर-भंडारी, भोजावत, काटी, जटा, तेजाणी, सहजनी, सेना, मंदिरवाला, माल्टिया, भोपावत, गुनिया, (44 उपगोत्र)।
11.आदित्यनाग: आदित्यनाग, चोरडिया, चोरडिया से सोधानी, सांघवी, उदक, गसानिया, मिनियार, कोठारी, नबरिया, सराफ, कमानी, दुधोनी, सिपानी, आसानी, सहलोत, लगु-सोढ़ानी, देदानी, रामपुरिया, धनानी, मोलानी, देवसयानी, नानी, श्रावणी, बक्कड़, मक्कड़, भक्कड़, लेयुनकड़, संसार, कोबेरा, भटारकिया, पितलिया, फलोदिया, बोहरा, चौधरी, पारख, पारख से भावसार, लागू-पारख, सांघवी, ढेलाड़िया, जसानी, मल्हानी, ट्रांडक, तजानी, रूपावत, चौधरी, नागोरी, पटानिया, छडोत, मम्मैया, बोहरा, खजांची, सोनी, हदेरा, दफ्तरी, तोलावत, राव-जोहारी, गलानी, गोलेछा, गोएछा से दौलतानी, संगानी, संघवी, नापाडा, कजानी, हुल्ला, मेहाजावत, नगाड़ा, चितौड़ा, चौधरी, दतारा, मिनागरा, श्रवणसुखा (शामसुखा), श्रवणसुखा से मीनारा, लोला, बिजानी, केसरिया, बाला, कोठारी, नंदेचा, भटनेरा-चौधरी, भटनेरा चौधरी से कुम्पावत, भंडारी, जीमानिया, चेदावत, सांभरिया, कानूगा, गढ़ैया, गढ़ैया से गहलोत, लुणावत, रणशोभा, बालोट, सिंघवी, नोप्टा, बुच्चा, सोनारा, भंडालिया, करमोट, दलिया, रतनपुरा (98 उपगोत्र)।
12. भूरी : भटेवरा, उदक, सिंघी, चौधरी, हिरणिया, माछा, बोकाड़िया, बालोटा, बोसुड़िया, पितलिया, सिंहावत, जलोट, दोसाखा, लाडवा, हल्दिया, नाचनी, मुर्दा, कोठारी, पटोलिया, (20 उपगोत्र)।
13. भादरा : भादरा (भारद्वाज), समदरिया, हिंगड़, जोगड़, गिंगा, खापटिया, छवेरा, बलाड़ा, नामाणी, भमरानी, ढेलड़िया, सांगी, सदावत, भांडावत, चतुर, कोठारी, लघु-समदरिया, लघु-हिंगड़, संधा, चौधरी, भाटी, सुरपुरिया, पटानिया, नाणेचा, गोगड़, कुलधरा, रमाणी, नाथावत। फुलगारा, (29 उपगोत्र)।
14. चिनचट : चिनचट, देसरदा (देशलहरा), सांघवी, ठाकुर, गोसलानी, खिनवासरा, लगु-चिंचट, पचोरा, पुरविया, नसानिया, नौपोला, कोठारी, तरावल, लडसखा, शाह, अकतारा, पोसालिया, पुजारा, बनावत, (19 उपगोत्र)।
15. कुमट : कुमट (कुंभट), कजलिया, धनंतरी, सुगा, जगावत, संघवी, पुंगलिया, कथोरिया, कपूरीत, सामरिया, चौखा, सोनिगरा, लाहोरा, लाखानी, मखानी, मारवणी, मोरचिया, छलिया, मालोट, नागोरी, लगु-कुमट, (21 उपगोत्र)।
16. दीदु : दीदु, राजोत, सोसलानी, धापा, धीरत, खंडिया, योद्धा, भाटिया, भंडारी, समदरिया, सिंधुड़ा, लालन, कोचर, दरवा, भीमावत, पलानिया, सिखरिया, बांका, बारबरा, गदालिया, कानूनगा (21 उपगोत्र)।
17. कन्नोजिया : कन्नोजिया, बड़भाटा, राकावल, टोलिया, छछलिया, घेवरिया, गुंगलेचा, करवा, गडवानी, करेलिया, राडा, मीठा, भोपावत, जालोरा, जामगोटा, पटवा, मुसलिया, (17 उपगोत्र)।
18. लघु-श्रेष्ठी : लघु, श्रेष्ठी, वर्धमान, भोमलिया, लुनेचा, बोहारा, पटवा, सिंघी, चित्तौड़ा, खजांची, पुणोत, गोधरा, हाड़ा, कुवालिया, लुन्ना, नटेरिया, गोरेचा, (16 उपगोत्र)।
इन 18 मुख्य गोत्रों में कुल 503 उप-गोत्र हैं। "बंधु-सनेश" पत्रिका ने 1990 में यह सूची छापी थी।
गोत्रों का वर्गीकरण
गोत्रों का वर्गीकरण निम्नलिखित तर्क के अनुसार है:
1. मूल जाति के अनुसार
2. आचार्यों के अनुसार
3. गच्छ के अनुसार
4. प्रथम पूर्वज के अनुसार
5. स्थान के अनुसार
6. व्यवसाय, पेशा नौकरी, सेवा के अनुसार
1. मूल कलाकारों के अनुसार :
क्षत्रियों से :
1. पंवार : नाहर, बाफना, बरदिया, दरदा, नाहटा, लालवानी, बांठिया, बरमेचा, कुमकुम-चोपड़ा, आदि।
2. चौहान : लोढ़ा, कटारिया, खिमसरा, डागा, पिठालिया, दुगर, बाबेल, भंडारी, संखलेचा, कंसटिया, मामैया, आबेदा, खटेड़, आदि।
3. परमार : करानिया, गांग, बोराड़, सिंघवी-दीदु, आदि।
4. राठौड़: चोरडिया, गोलेछा, पारख, छाजेड़, ज़बक, पोकरणा, मोहनोत, आदि।
5. खिंची: गलदा
6. गहलोत: पीपारा, आदि।
7. सोनगरा चौहान: दोशी, बागरेचा, सुबती, आदि।
8. भाटी: भंसाली, राखेचा, पुंगलिया, ऐयारिया (लूणावत)
9. गौड़: रांका, बांका, आदि
10. सिद्ध: रूणवाल आदि।
11. सोलंकी: लूणकड़, श्रीपति, दधा, तिलोरा, आदि।
12. देवड़ा: सिंघी, सिंघवी
13. दैया: सालेचा-बोहरा, आदि।
कुछ गोत्र क्षत्रियों के हैं लेकिन उनकी मूल जातियाँ ज्ञात नहीं हैं। जैसे बोथरा, कांकरिया, मुकीम आदि।
ब्राह्मणों से: कठोतिया, पगारिया, ननवाना, भद्र, सिंघवी, देवानंद सखा,
कायस्थ से: गुफुंधर - चोपड़ा
, वैश्य से: पोकर्ण, भाभू, लुनिया, रिहोड़, मालू आदि।
2. आचार्यों के अनुसार:
श्री रत्नप्रभ सूरी: पहले 18 गोत्र और उनके उपगोत्र
श्री वर्धमान सूरी: पीपारा, कामनी
श्री जिनेश्वर सूरी: श्रीपति, ढाढ़ा, तिलोरा, चिल-भंसाली, भंसाली
श्री जिनचंद्र सूरी: श्रीमाल
श्री अभय देव सूरी: खेतसी, पगारिया, मेड़तवाल
श्री जिनवल्लभ सूरी: कांकरिया, चोपड़ा, गंधार-चोपड़ा, कुकड-चोपड़ा, वाडेर, सैंड, सिंघी, बांठिया, लालवानी, बरमेचा, शाह, सोलंकी, गेमावत, ओटावत
श्री जिनदत्त सूरी : पटवा, टाटिया, बोराड़, खिमसरा, समदरिया, कटोतिया, कटारिया, रतनपुरा, लालवानी, डागा, मालू, भाभू, सेठी, सेठिया, रांका, धोका, राखेचा, संकलेचा, पुंगलिया, चोरड़िया, सोनी, लूनिया, नबरिया, पितलिया, बोथरा, अय्यारिया, लूणावत, बाफना, भंसाली, चांडालिया, आबेदा, खाटोल, भडगत्या, पोकरणा
श्री मणिधारी जिनचंद्र सूरी : अघरिया, छाजेड़, मिन्नी, खजांची, मुंगाड़ी, श्रीमाल, सालेचा, गांग, दुगर, शेखानी, अलावाट
श्री जिनकुशल सूरी: बाबेल, जड़िया, डागा
श्री जिनचंद्र सूरी: पहलिया, पिंचा
श्री जिन्हांश सूरी: गलदा
श्री जिनप्रभ सूरी: लघु-खंडेलवाल, दीदु
श्री जिनभद्र सूरी: ज़बक
श्री तरूणप्रभ सूरी: भुटारिया
श्री आर्यरा रक्षत सूरी: महिपाल, मिठोदिया, वडेर
श्री शांति सूरी: गुगलिया, गुलुंडिया
श्री कुशल सूरी: डागा
श्री मंडियो सूरी: नाहर
श्री उद्योगोतन सूरी: बरदिया, दरदा, बलदोता-सिंघवी
श्री यशोभद्र सूरी: भंडारी, शिसौदिया
श्री शिवसेन सूरी: मोहनोत
श्री धनेश्वर सूरी: लुंकड, दद्दा, तिलोरा
श्री धर्मघोष सूरी: ददियालेचा, देवानंद-सखा
श्री नामदेव सूरी: नाहर
श्री चंद्रप्रभ सूरी: पतावत
श्री भवदेव सूरी: पामेचा
श्री कनक सूरी: बोलिया
श्री बोप्पभट्ट सूरी: कोस्थगर
श्री महात्मा पोसालिया: कोचर
श्री जयसिंह सूरी: गाला, छाजोल, देधिया, नागदा, पाडिया, पेलाडिया, राठौड़, लालन
श्री रत्नप्रभ सूरी: गुडका
श्री यशोदेव सूरी: वांगनी
श्री विमल चंद्र सूरी: बांदा-मेहता
श्री रविप्रभ सूरी: लोढ़ा
श्री देवगुप्ता सूरी: लूणावत
श्री हेम सूरी : सुराणा
3. गच्छ के अनुसार:
उपकेश गच्छ: खरत्तर गच्छ के ऊपर वर्णित पहले 18 गोत्र
: कटारिया, कांकरिया, कर्णिया, कठोटिया, खजांची, मिन्नी, खिमसरा, गडवानी, भडगटिया, गेल्दा, गांग, गोठी, चोपड़ा, गुंधार, कुमकुम, चोरडिया, छाजेड़, ज़बक, डागा, दोशी, पिथालिया, दुगर, धाडिया, टाटिया, पगारिया, पोकर्ण, पीपाड़ा, बाबेल, बोराड़, बाफना, बोथरा, मुकीम, भाभू, भंसाली, मालू, राखेचा, पुंगलिया, लालवानी, बांठिया, बरमेचा, रांका, रुणवाल, लोढ़ा, लूनिया, अय्यारिया, लूणावत, कांस्टिया, मामिया, सालेचा, ढाढ़ा, तिलोरा, सिंघी, आबेदा, कमानी आदि।
सैंडर गच्छ: भंडारी,
टप्पा गच्छ: मोहनोत, कोचर आदि।
कोरंट गच्छ: संकलेचा,
आंचल गच्छ: गाला, गुडका, छाजोल, देधिया, नागदा, महिपाल, मिठोडिया
4. प्रथम पूर्वज के अनुसार :
लालसिंह : लूणिया
लूणा : लूणावत
हरखचंद : हरखावत
डूंगरसी : डूंगराणी
माल : मल्लावत
दासू : दस्सन्नी
खेता : खेतानी
अस्पाल : अस्साणी
महलदेव : मालू
बोहिथ : बोथरा
बच्चाजी : बच्छावत
डूंगा : डागा
गोंगा; गैंग
दुधेड़ा: दुधेरिया
ब्रह्मदेव: ब्रम्हेचा
गाड़ा शाह: गढ़ैया
लालसिंह: लालवानी
पिल्डा: पिठालिया
भारद्वाज; भद्र
दौलतसिंह : दौलताणी
रूपसिंह : रूपाणी
तेजसिंह : तेजाणी
महलदेव : महलाणी
जसा : जसाणी आदि।
5. यथास्थान
भंडसाल : भण्डाल
खींवसर : खींवसरा
पीपाड़ : पीपाड़ा
नागौर : नागोरी
मेड़ता : मेड़तवाल/मेड़तिया
पूंगल : पुंगलिया
कांकरोट : कांकरिया
संखवाल : संखलेचा
रूण : रूनवाल
जाबुआ : जाबक
हला : हालाखंडी
जालोर : जालोरी
खाटू : खाटोल
मंडोर : मंडोरा
सिरोही : सिरोहिया
सांचोर : सांचोरा
कुचेरा -कुचेरिया
चितौड़ : चितौड़ा
फलोदी : फलोदिया
6. व्यापार, पेशा, नौकरी, सेवा आदि के अनुसार
तेल (तेल) : तिलोरा
घी : घीया
गुगल : गुगलिया
आभूषण : जौहरी
बोहारी : बोहरा
चौधराहट : चौधरी
कोषाध्यक्ष : खजांची
कोठार : कोठारी
हकूमत : हकीम
भंडार : भंडारी
खाते : मेहता, शाह, सेठ, सेठिया वैध, पारख, सिंघवी।
श्री सी.एम. लोढ़ा, जोधपुर द्वारा