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Wednesday, October 3, 2018

RAVINDRA JAIN - रवीन्द्र जैन


रवीन्द्र जैन (28 फरवरी 1944- 9 अक्टूबर, 2015) हिन्दी फ़िल्मों के जाने-माने संगीतकार और गीतकार थे। इन्होंने अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत फ़िल्म सौदागर से की थी जिसमें इन्होंने गीत भी लिखे थे और उनको स्वरबद्ध भी किया था। इन्हें सन् १९८५ में फ़िल्म राम तेरी गंगा मैली के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार भी मिला है। वर्ष २०१५ में उनको पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। भारतीय टेलीविज़न के मीलपत्थर कहे जाने वाले रामानंद सागर द्वारा निर्देशित धारावाहिक रामायण में भी उन्होंने ही संगीत दिया था जिससे कि वे भारत के घर घर में पहचाने जाने लगे।

9 अक्टूबर, 2015 शुक्रवार को मुंबई में उनका निधन हो गया. रविंद्र जैन को भारतीय सिनेमा जगत में कुछ सबसे खूबसूरत, कर्णप्रिय और भावपूर्ण गीतों के लिए उन्हें हमेशा जाना जाता रहेगा।

जीवन 

रवीन्द्र जैन का जन्म 28 फरवरी 1944 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। वे सात भाई-बहन थे। वर्ष 1972 में उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। जन्म से अंध होने पर भी हिम्मत पूर्वक कारकिर्दी की शरुआत करने के बाद हिन्दी फ़िल्मों में गाना गा के मशहूर बन गये। उनके पिता ईन्द्रमणी जैन संस्कृत के बड़े पंडित और आयुर्वेदाचार्य थे। माता का नाम किरन जैन था। रवीन्द्र उनकी तीसरी संतान थे। वे बॉलीवुड का सफर शुरू करने से पहले जैन भजन गाते थे। हिन्दी फ़िल्मों में उनके गीत लोकप्रिय हुये है और उनको चाहने वाला बहुत बड़ा वर्ग है। रवीन्द्र के पुत्र का नाम आयुष्मान जैन है। 

रवींन्द्र जैन के लोकप्रिय गीत

गीत गाता चल, ओ साथी गुनगुनाता चल (गीत गाता चल-1975)
जब दीप जले आना (चितचोर-1976)
ले जाएंगे, ले जाएंगे, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (चोर मचाए शोर-1973)
ले तो आए हो हमें सपनों के गांव में (दुल्हन वही जो पिया मन भाए-1977)
ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिए (पति, पत्नी और वो-1978)
एक राधा एक मीरा (राम तेरी गंगा मैली-1985)
अंखियों के झरोखों से, मैंने जो देखा सांवरे (अंखियों के झरोखों से-1978)
सजना है मुझे सजना के लिए (सौदागर-1973)
हर हसीं चीज का मैं तलबगार हूं (सौदागर-1973)
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम (गीत गाता चल-1975)
कौन दिशा में लेके (फिल्म नदियां के पार)
सुन सायबा सुन, प्यार की धुन (राम तेरी गंगा मैली-1985)
मुझे हक है (विवाह)।
पुरस्कार एवं सम्मान
वर्ष २०१५ में उनको पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इन्हें सन् १९८५ में फ़िल्म राम तेरी गंगा मैली के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार भी मिला।

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