SAMUDRA GUPTA - A GREAT VAISHYA KING - Divine devotees of Haripriya Lakshmi
गुप्त राजवंश परम वैष्णव राजवंश था.. इनके राजाओं की उपाधि परम भागवत थी... इनका ध्वज गरुड़ ध्वज था.. इनका गोत्र धारण था जो आज भी अग्रवाल वंश में पाया जाता है... इसी वैश्य राजवंश को भारत का स्वर्ण काल कहा जाता है.. इसी राजवंश में वैदिक सनातन धर्म ने उत्कर्ष प्राप्त किया... इसी राजवंश से सर्वप्रथम भारत में सोने के सिक्के चलाए.. यह भगवान श्रीहरि विष्णु और महालक्ष्मी के अनन्य भक्त थे... इन्होंने पूरे भारत में लक्ष्मी नारायण के भव्य मंदिरों का निर्माण करवाया था... प्रसिद्ध नालंदा विश्विद्यालय इन्हीं गुप्तों ने बनवाया था जिनके ध्वज पर गरुड़ अंकित था... सम्राट समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन कहा जाता है.. और इन्होंने ही शकों हूणों को काटकर भारत की सीमाओं की रक्षा सदियों तक की थी.
❤️ गुप्त राजवंश के सिक्कों पर भगवती महालक्ष्मी ❤️
समुद्र गुप्त के स्वर्ण सिक्कों पर एक तरफ सम्राट समुद्र गुप्त और एक तरफ भगवती महालक्ष्मी थीं। जिस वंश में जन्में स्कन्दगुप्त को भारत का त्राता (saviour of India) कहा गया ❤️
वीर स्कन्दगुप्त के बारे में आचार्य वसुदेव शरण अग्रवाल ने लिखा है -
"रोमन साम्राज्य जैसे अनेकों साम्राज्यों को निगलने वाले, विदेशी शकों और हूणों का सामना जब स्कन्दगुप्त से हुआ तो मानों बाजी पलट गयी और स्कन्दगुप्त ने समरांगण में अकेले अपने पराक्रम से हूणों और शकों का सम्पूर्ण नाश किया भारत हिन्द केसरी की उपाधि पायी। अगर वीर स्कन्दगुप्त ना होते तो हम हूणों को नहीं पचा पाते हूण ही हमें पचा जाते।"
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