पिता की मृत्यु, आर्थिक चुनौतियों का सामना, हार नहीं माने और पहले प्रयास में ही बन गए CA टॉपर
अगर कुछ पाने की चाहत हो और आप में कड़ी मेहनत करने का ज़ज़्बा हो तो शायद ही कोई आपको आपकी मंज़िल पाने से रोक सकता है। कई बार हमें अपने मंज़िल को पाने के लिए कठिन रास्तों को चुनना पड़ता है। इन रास्तों पर चलनें के दौरान राह में कई मुश्किलें आती हैं, कई बार हमें अपनी आदतों को बदलना पड़ता है, कई पसंदीदा चीजों से समझौता करना पड़ता है। पर यही क्षणिक त्याग हमें अपनी मंज़िल को पाने में सहायक होता है। दृढ़ निश्चय के बल पर कुछ भी पाना असम्भव नहीं। आज हम एक ऐसे ही शख्स की बात करने जा रहे हैं, जिसने अपने बुलंद हौसले और त्याग के बदौलत सीए एग्जाम में ऑल इंडिया टॉप किया है।
इनका नाम है मोहित गुप्ता। मोहित मूलरूप से करनाल से रहने वाले हैं। मोहित के पिता बिनोद गुप्ता पेशे से एक मुनीम थे, वे अनाज़ मंडी में काम करते थे। मगर वर्ष 2001 में एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया और महज़ सात साल की उम्र में मोहित के सिर से उनके पिता का साया उठ गया। बचपन से मोहित की माँ नें ही उन्हें अकेले पाला। उन्होंने एक किराने की दुकान चला अपने बच्चों को पाला व पढ़ाया।
मोहित ने शुरूआती पढ़ाई श्री शक्ति मिशन स्कूल से की। फिर वर्ष 2012 में उन्होंने आरएस पब्लिक स्कूल से अपनी 12वीं पूरी की और आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली का रुख किया। उन्होंने दिल्ली के रामजस कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई की, फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही एमकॉम भी किया।
उसके बाद रोहित गुड़गांव के एक सीए फर्म के लिए काम करना शुरू किया। साथ ही वह चार्टेड अकाउंटेंट की परीक्षा की तैयारी में भी जुटे थे। उनकी मेहनत रंग लायी और सीए जैसी कठिन मानी जाने वाली परीक्षा में मोहित नें अपने पहले ही प्रयास में न सिर्फ सफलता हासिल की बल्कि अखिल भारतीय स्तर पर टॉप भी किया। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) नवंबर में हुई फाइनल परीक्षा और दिसंबर में हुई सीपीटी के नतीजे घोषित किये और मोहित का नाम उनमें सबसे ऊपर रहा। मोहित गुप्ता ने 73.88 प्रतिशत अंकों के साथ ऑल इंडिया टॉपर रहे, उन्होंने कुल 800 अंक में से 587 अंक प्राप्त किये।
मोहित अपने सफलता का श्रेय अपनी माँ को देते हैं, जिन्होनें उनके लिए हर संभव कदम उठाये, उन्हें पढ़ाया। आज में यंगस्टर्स जहाँ मोबाइल और सोशल मीडिया के बिना एक मिनट भी नहीं रह सकते। वहीं मोहित परीक्षा की तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से दूर रहते थे, ताकि उनका समय बचे और ध्यान दूसरी तरफ न जाए। वे इसे अपनी सफलता की एक बड़ी बजह मानते हैं। वे पढ़ाई के दौरान अपने मोबाइल,गैज़ेट से दूर रहते थे। उन्होंने रिवीजन टेस्ट पेपर की सहायता ली और जमकर स्टडी मैटेरियल्स का रिवीजन किया। नौकरी के दौरान पढने के लिए पर्याप्त समय ना मिलने का बावजूद उन्होंने अपने टाइम को मैनेज किया और आज उसका नतीजा सबके सामने है। मोहित आज अन्य युवाओं के लिये एक प्रेरणास्रोत हैं।
साभार: hindi.kenfolios.com/mohit-gupta-ca-topper/by Sandeep Kapoor
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