"Ramgarh Sethan" or Ramgarh Shekhawati (Sethon ka Ramgarh)
रामगढ़ 1791 में सेठान पोद्दार सेठों ने बसाया था । ये राजस्थान के सीकर जिले में पड़ता है । वैसे तो शहर अपने राजा के नाम से जाने जाते हैं लेकिन राजस्थान का रामगढ़ सेठान या रामगढ़ सेठोका जाना जाता है अपने सेठों की वजह है । इसके इतिहास से एक बहुत ही दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है । पोद्दार चुरू , राजस्थान में व्यापार करते थे । वो बहुत ही सम्पन्न व्यापारी थे । उनके आलीशान हवेलियां उसमे की गई नक्काशी उनके रुतबे को दर्शाती थीं । अब वहाँ के राजा को इनकी अमीरी देख के जलन हुई उन्होंने इनपे टैक्स बड़ा दिए और वो टैक्स इतने ज्यादा थे कि पोद्दारों ने कहा ये गलत है और इसका विरोध किया । और विरोध इतना ज्यादा बढ़ गया कि पोद्दारों ने कहा "हम चुरू छोड़ के जा रहे हैं और जहाँ भी जाएंगे वहाँ इससे भव्य और आलीशान नगर बसायेंगे ।" उसके बाद सीकर के महाराज रामचंद्र सिंह की मदद से पोद्दारों ने सीकर में रामगढ़ शेखावाटी या रामगढ़ सेठान बसाया । 1830 में एक ब्रिटीश ट्रैवलर ने इसकी भव्यता के लिए लिखा -
"Ramgarh is singularly striking and seems to give reality to a vision drawn from eastern romance. The buildings are all constructed from kunkur [gravel] grey hardpan, …numerous handsome houses of the seths [businessmen] some of which are on a magnificent scale, ornamented and painted in various devices outwardly; the neat high wall and gateways and the cupolard chhutrees [cenotaphs] in the suburb in contrast with the desert around, altogether exhibit a scene deserving to be allied with enchantment." But that was more than a century and a half back. Now the town clearly shows signs of aging. However, that doesn’t make Ramgarh less interesting; old is beautiful. and in any case, Ramgarh boasts of more paintings than any other town in Shekhawati."
रामगढ़ सेठान उन्नीसवीं शताब्दी का भारत के सबसे अमीर नगरों था । इसकी भव्य हवेलियां , छतरियां और मंदिर भारत की प्राचीन कला और वास्तुशास्त्र का अद्भुत उदाहरण हैं । छतरियाँ भारत की सबसे बड़ी Open Air Art Gallery है । उसमें रामायण और राधा कृष्ण की कला कृतियाँ बनी हैं ।
लेकिन दुर्भाग्य आज बच्चे बड़े हो गए और इस नगर को छोड़ गए । कुछ विदेशों में या दूसरी जगहों पे बस गए ।हवेलियां वीरान हैं अब सिर्फ आम जनता रहती हैं । लेकिन नगर की छतरियाँ , हवेलियां , बावड़ियां , मंदिर और उनपे बनी कला कृतियाँ आज भी 19 वीं सदी के उस महान गौरव की जलक से रुबरु करती है ।
रामगढ़ सेठान के बारे में कुछ दिलचस्प चीजें -
रामगढ़ सेठान भारत के सबसे अमीर नगरों में था । इसके सेठ पोद्दार और Ruia बहुत ही उदार और दयालु थे और उन्होंने बहुत सी दिलचस्प चीजें की थी .
1. रामगढ़ सेठान का सारा टैक्स केवल सेठ भरते थे ।
2. इन्होंने काफी स्कूल , कॉलेज , हॉस्पिटल और धर्मशालाएं खोली थीं ।
3. रामगढ़ सेठान को उस समय #छोटा_काशी कहा जाता था क्योंकि उसमें 25 संस्कृत के विद्यालय थे , उसमे आयुर्वेद और ज्योतिष के लिए विद्यालय थे और उस समय जयपुर के अलावा केवल रामगढ़ में कॉलेज था ।
4. सभी विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा , मुफ्त खाना और सभी चीजें मिलती थीं ।
5. सेठों के लड़कों के विवाह में नगर के सभी लोग आमंत्रित होते थे और जो भी आता था उसे हेड़ा दिया जाता था जो कि बहुत प्रसिद्ध था । जो भी आता था उसे एक रुपये दिए जाते थे जाते समय कुछ लोग तो तो अपने साथ अपने मवेशी लाते थे उनके लिए भी ले जाते थे । एकबार एक आदमी लोटा भर के चीते लाया और हर चीटे के लिए हेड़ा मांगा और उसे दिया भी गया ।
6. गौशाला में गायों के लिए 60-70 मन (2400 किलो)ग्वार रहता था जो कि जिसका प्रबन्द सेठों द्वारा किया जाता था ।
7. उनके लड़के की शादी के वक़्त खुली लूट रहती थी पूरे नगर में कोई भी जिसके घर मे शादी है उसकी दुकान से कुछ भी ले सकता था जिसका नुकसान जिस सेठ के लड़के की शादी है वो ही उठाता था ।
8. एकबार किसी गांव के एक गांववाले ने सीकर के महाराज से शिकायत की आप रामगढ़ वालों पे इतना ज्यादा ध्यान क्यों देते हैं । राजा ने उनकी परीक्षा ली कहा कि तुमलोग 1 करोड़ रुपये का प्रबन्द करो अभी । और पूरे सीकर में । लोगों ने मना कर दिया कहा ऐसा नहीं हो सकता है । फिर राजा ने अपने मंत्रियों से कहा कि रामगढ़ जाओ और सेठों को बोलो की महाराज को इस समय एक करोड़ रुपये चाहियें (इस समय के करीब अरबों में ) । मंत्री गए और सेठों को बताया । सेठों ने कहा कि राजा से पूछो की रुपये ,अन्ना ,पैसे किसमे चाहिए ? मंत्री आये और राजा को बताया । राजा ने कहा अब समझे मैं रामगढ़ सेठान का इतना ध्यान क्यों रखता हूँ ।
9. पोद्दारों ने वहाँ कुएं , तालाब , बावड़ी , मंदिर , छतरियाँ और आलीशान हवेलियां बनवाईं थीं वहीं Ruias ने कॉलेज , स्कूल और हॉस्पिटल इत्यादि ।
10. सेठ श्री अनंत राम पोद्दार जी जाड़ों में सियारों को लाडू और कंबल देते थे ताकि वो मर न जाएं ।
11. भक्तवारी देवी , सेठ श्री लक्ष्मी चंद पोद्दार जी की धर्म पत्नी गुप्त दान करतीं थीं । उन्होंने अपने मुनीम को बोल दिया था कि नगर में कोई भूखा नहीं रहना चाहिए न ही किसी को किसी बात की चिंता हो ।
12. बहुत से भारत के अमीर कॉरपोरेट्स यहीं से निकले हैं जैसे Esaar ग्रुप के Shashi Ruia और Ravi Ruia .
13. भारत की पहली रजिस्टर्ड कंपनी सेठ श्री ताराचंद घनश्याम दस पोद्दार की थी जिसमे मशहूर उद्योगपति GD Birla जी और स्टील किंग Lakshmi Niwas Mittal के पितामाह ने काम किया था ।
साभार Prakhar Agrawal की फेसबुक वाल से
~ प्रखर अग्रवाल , अग्रवाल समाज के बुद्धिजीव , अग्रवाल इतिहास के संरक्षक
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