देश के दिग्गज कारोबारी के बेटे हैं यह युवा उद्यमी, लेकिन खुद की बदौलत बनाया 10,000 करोड़ का साम्राज्य
अबतक हमने शून्य से शिखर तक का सफ़र तय करने वाले कई युवा उद्यमियों के सफलता की कहानियां पढ़ी। लेकिन आज की कहानी एक ऐसे उद्यमी के बारे में है जिन्होंने अपने पिता के खरबों डॉलर के कारोबार का उत्तराधिकारी बनने के बजाय खुद की काबिलियत से अपनी करोड़ों रुपये की कंपनी बना डाली। इस शख्स ने न सिर्फ करोड़ों रूपये की कंपनी बनाई बल्कि भारत में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों को एक शानदार तोहफा भी दिया। इंटरनेट के जरिये संदेशों के आदान-प्रदान की सुविधा देने वाली दुनिया की सबसे लोकप्रिय ऐप व्हाट्सअप को भारतीय बाज़ार में टक्कर देने के उद्देश्य से उन्होंने एक ऐप का निर्माण किया जिसकी मार्केट वैल्यूएशन आज 10 हज़ार करोड़ रुपये के पार है।
यह कहानी है ‘हाईक’ ऐप बनाने वाले 29 साल के कविन भारती मित्तल की। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कविन, देश के दिग्गज कारोबारी और भारती एयरटेल समूह के सस्थापक सुनीत भारती मित्तल के बेटे हैं। अन्य करोड़पति के बेटे की तरह कविन ने लक्ज़री जिंदगी का मज़ा लेने की जगह अपनी पढ़ाई पर फोकस रखा। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद कविन ने यॉर्क विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने लंदन के प्रसिद्ध इंपीरियल कॉलेज से साल 2009 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और प्रबंधन में मास्टर की डिग्री हासिल की।
पढ़ाई पूरी करने के बाद पिता के खरबों डॉलर की भारती समूह में ज्वाइन करने के बजाय उन्होंने ऋण पूंजी बाजार (डीसीएम) और टेलीकॉम, मीडिया और प्रौद्योगिकी (टीएमटी) क्षेत्रों में पकड़ की खातिर इंटर्नशिप कर ली। इंटर्नशिप पूरी करने के बाद उन्होंने गेमिंग इंडस्ट्री का रुख करते हुए अपने अंदर सॉफ्टवेयर डिजाईन करने की काबिलियत पैदा की। कई छोटे-बड़े आईटी कंपनियों के साथ काम करने के बाद कविन ने भारत लौट खुद की एक कंपनी शुरू करने की योजना बनाई।
कविन का सबसे पहला प्रोजेक्ट एपस्पार्क के नाम से सामने आया, जो खास तौर पर एप्पल मोबाइल इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए डिजाईन की गई थी। मूवीटिकट्स डॉट कॉम नाम की एक वेबसाइट के साथ साझेदारी कर उन्होंने मूवीज नाउ नाम के एक एप को लांच किया जो उपयोगकर्ताओं को मूवी टिकट खरीदने के लिए एक मोबाइल प्लेटफार्म मुहैया कराती थी। इतना ही नहीं उन्होंने रेस्टोरेंट में लोकप्रिय आइटम का सुझाव देने के लिए फ़ूडस्टर नाम का एक एप बनाया।
सॉफ्टवेयर और तकनीक में बेहद दिलचस्पी की बदौलत कविन ने दिसम्बर 2012 में हाईक नाम के एक एप को लांच किया, जो इंटरनेट के जरिये संदेशों के आदान-प्रदान की सुविधा मुहैया कराती है। अपनी अलग डिजाईन और कुछ देशी सुविधाओं से लैस यह एप जल्द ही भारतीय इंटरनेट जगत में लोकप्रिय हो गई। इतना ही नहीं अपनी लोकप्रियता से बड़े-बड़े निवेशकों का ध्यान आकर्षित करते हुए कंपनी ने कई चरणों में करोड़ों की फंडिंग उठाई।
10 मिलियन डाउनलोड के साथ आज यह एप भारत में दुनिया की सबसे लोकप्रिय मेसजिंग एप व्हाट्सअप को टक्कर देती है और यह दुनिया की छठी सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाली एप है। एक महीने में 40 अरब से भी ज्यादा संदेशों का आदान-प्रदान करते हुए इस कंपनी की वैल्यूएशन आज 10 हजार करोड़ रुपये के पार है।
कविन चाहते तो पिता के अरबों डॉलर के बिज़नेस का उत्तराधिकारी आसानी से बन सकते थे। इसके लिए उन्हें न कोई पढ़ाई करने की जरुरत होती और न ही दिन-रात एक कर कोई एप्लीकेशन डिजाईन करने की। लेकिन उन्होंने ऐसा न करते हुए जुनून के साथ मेहनत की और खुद का करोड़ों का साम्राज्य बनाया। उनकी कहानी वाक़ई में बेहद प्रेरणादायक है।
साभार: tribe.kenfolios.com/hindi/story/देश-के-दिग्गज-कारोबारी-के
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