VISHAL GARG - BETTER.COM
बेटर डॉट कॉम की कहानी:3 हजार स्टाफ को निकालकर चर्चा में आई कंपनी, 22 साल पहले लोन बांटना शुरू किया था, अब 4000 करोड़ टर्नओवर
8 मार्च 2022 को अमेरिकी कंपनी बेटर डॉट कॉम (Better.com) के 3,000 कर्मचारियों को पेरोल ऐप पर एक मैसेज आया। यह मैसेज कंपनी के CEO विशाल गर्ग का था। जैसे ही इन कर्मचारियों ने मैसेज को पढ़ने के लिए क्लिक बटन दबाया, वे दंग रह गए। दरअसल, इस मैसेज में उन्हें कंपनी से फायर किए जाने की जानकारी थी।
ऐसा करना विशाल के लिए नया नहीं था। दिसंबर 2021 में 2 मिनट की जूम मीटिंग में उन्होंने 900 कर्मचारियों को फायर कर दिया था। इस तरह 3 महीने के भीतर 3,900 कर्मचारियों को निकालने के बाद एक बार फिर से यह कंपनी चर्चा में है।
आज ब्रांड स्टोरी में जानते हैं बेटर डॉट कॉम कंपनी की शुरुआत कब और कैसे हुई? इसके CEO विशाल गर्ग की पूरी कहानी क्या है? यह कंपनी क्या काम करती है? इसकी सालाना कमाई कितनी है?
बेटर डॉट कॉम कंपनी का बिजनेस किस चीज से जुड़ा है
बेटर डॉट कॉम एक होम ओनरशिप प्लेटफॉर्म है। सरल भाषा में समझें तो यह होम लोन देने वाली कंपनी है। घर खरीदने की इच्छा रखने वालों को मोर्गेज लोन देती है। होम लोन और इंश्योरेंस प्रोडक्ट भी उपलब्ध कराती है।
भारत और अमेरिका में फिलहाल इस कंपनी में कुल 8,000 स्टाफ काम करते हैं। इसके CEO और फाउंडर विशाल गर्ग हैं। 7 साल की उम्र में विशाल भारत से अमेरिका चले गए थे।
भारत में बेटर डॉट कॉम के कर्मचारियों का अनुपात दिसंबर 2021 में बढ़कर 44% हो गया था जो फायरिंग से पहले जून 2021 में 38% था। भारत में इस कंपनी के हेड भवेश शर्मा हैं।
जब कंपनी ने 900 भारतीय वर्कर्स को निकाला था तब उसे काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उसने नए स्टाफ की भर्ती की थी।
सबसे पहले साल 2000 में अपने दोस्त के साथ शुरू की थी लोन कंपनी
साल 2000 में विशाल गर्ग ने अपने हाईस्कूल के दोस्त रजा खान के साथ एक निजी लोन कंपनी खोली थी जो छात्रों को कर्ज देती थी। कंपनी का नाम माई रिच अंकल रखा। इसी दौरान उन्होंने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में दाखिला लिया, लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। 2005 में कंपनी पब्लिक हो गई थी।
जब 2007-09 में अमेरिका में आर्थिक संकट आया तो विशाल की कंपनी माई रिच अंकल दीवालिया हो गई। इसके बाद रजा खान और विशाल गर्ग ने EIFC नाम का एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया। यह कंपनी भी उनकी दिवालिया कंपनी माई रिच अंकल की तरह ही मकान मालिकों को कर्ज लेने के लिए बैंक की शर्ताें की जानकारी देती थी।
साल 2013 में कंपनी के पार्टनर रजा खान और विशाल के बीच कंपनी की वित्तीय स्थिति को लेकर मतभेद हुआ। विशाल कंपनी के लेनदेन यानी फाइनेंशियल पार्ट को देखते थे। रजा ने आरोप लगाया कि उन्होंने बिजनेस टैक्स भरने के बदले 3 मिलियन डॉलर यानी अभी के 22 करोड़ 98 लाख रुपए से अधिक की रकम कंपनी के बैंक अकाउंट से निकालकर अपने पर्सनल बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर ली।
जब रजा खान के साथ विवाद बढ़ा तो विशाल गर्ग को अपनी पत्नी का साथ मिला और उन्होंने दूसरी कंपनी खोलने का मन बना लिया।
दोस्त रजा खान के साथ विवाद बढ़ने के बाद विशाल (बाएं) ने पत्नी (दाएं) के साथ बेटर डॉट कॉम को आगे बढ़ाया।
ऐसे हुई बेटर डॉट कॉम की शुरुआत
2012 की बात है। कंपनी के CEO विशाल गर्ग दूसरी बार पिता बनने वाले थे। आम अमेरिकी की तरह वे इससे पहले अपना घर बनाना चाहते थे। वैसे ही विशाल भी चाहते थे कि उनका अपना घर हो। इसलिए वे घर खरीदने की तलाश में जुट गए।
विशाल ने कई घरों को लेने के नजरिए से देखा और परखा। काफी तलाश के बाद एक घर उन्हें पसंद आया। ब्रोकर्स से बात करने की कोशिश की। उसे कई कॉल और ईमेल भेजे। इसके बावजूद उन्हें कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।
वे जल्द-से-जल्द अपना घर चाहते थे, इसलिए उस घर के मालिक से सीधे संपर्क किया। चूंकि इस काम के बीच कोई ब्रोकर नहीं था, इसलिए मकान मालिक ने उन्हें सीरियस खरीददार नहीं समझा। वे विशाल पर विश्वास नहीं कर पाया।
मकान मालिक ने उनसे कहा कि घर के बदले में उन्हें मोर्गेज प्री-अप्रूवल देना होगा। उन्होंने ऑनलाइन जाकर सभी बड़ी वेबसाइट्स पर अपनी सारी डिटेल डाली। इसके बाद भी उन्हें प्री-अप्रूवल किसी ने नहीं दी।
इसके बदले उन्हें कई लोन ब्रोकरों ने कॉन्टैक्ट किया। इन लोगों की बातों पर अब विशाल को विश्वास नहीं हो पाया। विशाल को यहीं से होम ओनरशिप कंपनी बनाने का आइडिया आया।
2020 में कंपनी की लोन वैल्यू 1.8 लाख करोड़ और ब्रांड वैल्यू 4,000 करोड़ रुपए
बेटर डॉट कॉम के मुताबिक कंपनी की लोन वैल्यू 2020 में 24 अरब डॉलर यानी 1.8 लाख करोड़ से अधिक थी। वहीं, ब्रांड वैल्यू 4,000 करोड़ रूपए की थी। सोशल मीडिया लिस्टिंग में लिंक्डइन पर 2020 और 2021 के टॉप स्टार्टअप्स में कंपनी को पहला स्थान मिला था। फोर्ब्स 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक 3 कंपनियां- अमेरिकन एक्सप्रेस वेंचर्स, गोल्डमैन सैक्स, एली फाइनेंशियल ने कंपनी को 25.4 करोड़ डॉलर यानी 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की फंडिंग की थी।
आज के समय में तेजी से उभरती स्टार्टअप कंपनियों में से यह एक बड़ी कंपनी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जून 2021 में गर्ग ने दावा किया था कि आज उनकी कंपनी इस स्तर पर पहुंच चुकी है जहां लोन के लिए प्री-अप्रूवल सिर्फ 3 मिनट में मिलता है।
फिर कंपनी ने कर्मचारियों को नौकरी से क्यों निकाला
कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के पीछे का कारण विशाल गर्ग ने उन कर्मचारियों का परफॉरमेंस बताया था। कई कर्मचारियों को भेजे मेल में लिखा भी था, ‘आप काम बहुत धीरे-धीरे करते हैं।’
विशाल गर्ग ने मार्केट कैपेसिटी, उत्पादकता और वर्कर्स के प्रदर्शन को भी जिम्मेदार ठहराया था। जब विशाल ने 900 वर्कर्स को फायर किया था तो वीडियो में कहा था कि ऐसा वे दूसरी बार कर रहे हैं। ऐसा करना उन्हें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा है।
हालांकि, फोर्ब्स 2020 की एक जांच में पाया गया था कि कर्मचारी लंबे समय से विशाल गर्ग की लीडरशिप के खिलाफ कंप्लेन करते रहे हैं। इंडिपेंडेंट वेबसाइट के मुताबिक विशाल गर्ग पहले भी अपने कर्मचारियों का अपमान कर चुके हैं। इन पर पैसों की धोखाधड़ी और अनियमितताओं के भी आरोप लग चुके हैं।
विशाल से जुड़ी कुछ दिलचस्प कहानियां
2019 में एक पॉडकास्ट में विशाल ने बताया था कि हाईस्कूल में ही उनका लगाव बिजनेस से हो गया था। साथ पढ़ने वाले दोस्तों को किताबें और नोट्स क्लिप बेचा करते थे। विशाल ने सस्ते दामों में कपड़े लेकर ई-वे पर बेचा था। वे वन जीरो कैपिटल के फाउंडिंग पार्टनर भी हैं। यह एक इन्वेस्टर होल्डिंग कंपनी है। 2021 में कोरोना के समय उन्होंने न्यूयॉर्क शहर के पब्लिक स्कूल के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई में बेहतर सुविधा देने के लिए 15 करोड़ रुपए दान किए थे। इन पैसों का इस्तेमाल आई पैड, इंटरनेट, किताब, ड्रेस जैसी सुविधा मुहैया कराने के लिए किया गया था। दिसंबर 2021 में कर्मचारियों को फायर करने से एक दिन पहले कंपनी को उसके निवेशकों से 75 करोड़ डॉलर मिले थे। जिसके एक दिन बाद उसने 900 स्टाफ को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
SABHAR: DAINIK BHASKAR