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Sunday, December 22, 2024

गुजराती लोग इतने अमीर कैसे बने

गुजराती लोग इतने अमीर कैसे बने, और ज़्यादातर व्यापार में अच्‍छे क्यों होते हैं?


एक कहावत है गुजरातियों के बारे में कि मारवाड़ी से सामान खरीदकर और सिंधी को बेचकर भी जो मुनाफा कमा ले…वही असली गुजराती।

सबसे पहली बात जो सब लोगों को पता होनी चाहिए, खासकर उन लोगों को जो अमीर बनने की इच्छा रखते हैं कि ” अमीरी हमेशा बिज़नेस से ही आती है, अमीरी कभी भी जॉब से नहीं आती।

गुजराती अमीर कैसे बने, इसके बारे में जानने से पहले थोड़ा गुजरात की समृद्धि के बारे में जान लीजिये ताकि आपको इनकी अमीरी की सही वजह पता चले।

गुजरात, भारत का एक बहुत ही समृद्ध राज्य है जो जनसँख्या में 9वें स्थान पर हैं तथा क्षेत्रफल में 6ठें स्थान पर है। गुजरात 1600 किलोमीटर समुद्री तट से घिरा हुआ है जो की भारत में किसी भी राज्य के समुद्रीतट से बहुत बड़ा हैं और यहाँ से बहुत बड़े स्तर पर अंतराष्ट्रीय व्यापर होते हैं। गुजरात में भारत की सिर्फ 5 % आबादी है फिर भी भारत में 25% आयात अकेले गुजरात ही करता है। इतना ही नहीं, अकेल गुजरात 25 % कॉटन उत्पादन करता है, 25% दूध भी गुजरात में ही उत्पादित होता है , पूरी दुनिया का 80 % हीरा गुजरात के सूरत में पॉलिश होता हैं , 27% दबाइयाँ भी गुजरात में ही बनती है ,पेट्रोलियम रिफाइनरी का सबसे बड़ा कारखाना भी गुजरात में ही है।

गुजरात भारत का तीसरा सबसे शक्तिशाली राज्य है और सबसे ज्यादा प्रॉफिटेबल इकॉनमी भी इसकी ही है। उत्पादन में गुजरात देश की तुलना में जहां पूरा देश 25 % उत्पादित कर रहा है वहीं गुजरात अकेले 40 % उत्पादन कर रहा है। टेक्सटाइल के क्षेत्र में पूरे एशिया में गुजरात का दबदबा है और माना जाता है कि आने वाले समय में गुजरात टेक्सटाइल के मामले में पूरी दुनिया में सबसे आगे होगा।

अगर गुजरात एक देश होता तो- चीन और साउथ कोरिया के बाद गुजरात दुनिया की तीसरी सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकॉनमी होती।

हमारे देश के ज्यादातर अमीर गुजरात से ही हैं , भारत के 50% अरबपति गुजरात से ही हैं

मुकेश अम्बानी, गौतम अडाणी, दिलीप सांघवी, अज़ीम प्रेमजी , करसनभाई पटेल और पंकज पटेल ये सभी गुजरात के कुछ प्रमुख अरबपति हैं।

अब जानते हैं कि गुजराती लोग अमीर कैसे बने

# गुजरात के लोगों के अमीर बनने का सबसे बड़ा और शुरुआती कारण गुजरात की भौगोलिक स्थिति है। चुकीं गुजरात के पास 1600 किलोमीटर का बड़ा समुद्र तट हैं जो भारत का सबसे बड़ा समुद्र तट है और यह भारत में अंतराष्ट्रीय व्यापर का सबसे प्रमुख केंद्र है। यहाँ सदियों से व्यापार होता रहा है जिसके कारण लोगों को व्यापर करने के मौके मिलते रहे और व्यापार यहाँ के लोगों के रग-रग में बस गया और यहीं से अमीरी की शुरुआत हो गयी।

# गुजरात के लोगों की यही खास बात है की जहां अन्य राज्य के लोग जॉब की तलाश में होते हैं, वहीं गुजराती बिज़नेस की शुरुआत कर दूसरों को रोजगार देने में लगे होते हैं।

# अगर किसी गुजराती की फाइनेंसियल कंडीशन सही न हो तो वे अपने कैरियर की शुरुआत जॉब से करते हैं। चूकिं गुजरात बिज़नेस का एक बड़ा केंद्र है जिसके कारण वहाँ के युवा को दूसरे राज्यों की तुलना में जॉब भी आसानी से मिल जाती हैं और फिर वे अपने जॉब से साथ-साथ खुद का बिज़नेस स्टार्ट करने में लग जाते हैं।

# गुजराती लोगों की शुरुआत छोटी ही क्यूँ न हो लेकिन इनका इरादा अपने बिज़नेस को बड़ा से बड़ा करने की ओर ले जाने का होता है। इनका कहना होता है कुछ भी करो बड़ा करो चाहे शुरुआत छोटे से ही क्यों न हो और यही सोच इन्हें सबसे आगे ले जाती हैं।

# गुजराती लोग अपने संस्कृति को बहुत महत्व देते हैं। वो चाहे दुनिया में कही चले जाएँ अपने संस्कार, भाषा, गुरु, धर्म का हमेशा सम्मान करते हैं और उनसे जुड़े रहते हैं। यही कारण है कि जो उन्हें हमेशा आगे बढ़ने और अटल रहने में हमेशा अपनों की मदद मिलती है।

# गुजरातियों के लिए कोई भी चीज़ बाधा नहीं बनती है वे शुरुआत करने के लिए किसी भी बिज़नेस से शुरुआत कर सकते हैं चाहे वो बिज़नेस छोटा ही क्यों न हो। उनमें कोई घमंड नहीं होती है कि वे ऐसा काम नहीं करेंगे या वैसा काम नहीं करेंगे। हर काम को वे सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, कुछ न करना उनके लिए अपमान की बात हो सकती है।

# गुजरातियों में धैर्य बहुत ज्यादा होता वे जिस चीज़ की शुरआत करते हैं उसमें अपनी जी जान लगा देते हैं, ऐसा नहीं कि प्रॉफिट नहीं हो रहा है तो तुरंत छोड़कर किसी दूसरे काम में लग जाते हैं। तबतक उस काम में लगे रहकर कड़ी मेहनत करते हैं जब तक कि फायदा न होने लगे।

# ये लोग बहुत दूरदर्शी होते हैं, ये आने वाले समय को बहुत पहले से भांप लेते हैं कि आने वाले समय में कौन सी इंडस्ट्री ग्रो करेगी और समय आने पर जबतक लोग सोचते हैं ये शुरुआत कर बड़े लेवल पर पहुँच चुके होते हैं।

# गुजराती लोग, सभी की बहुत रेस्पेक्ट करते हैं जिसके कारण दूसरे बिजनेसमैन और इसके कस्टमर हमेशा इनके बिज़नेस से जुड़े रहते हैं। कहा जाता है कि इनके शब्दों में भी उतनी ही मिठास होती है जितनी कि इनके भोजन में।

# ये लोग बिज़नेस से होने वाले प्रॉफिट को पुनः बिज़नेस को एक्सपैंड करने में लगा देते हैं और पैसों की ज्यादा बर्बादी नहीं करते।

# गुजराती लोग जल्दी डिसीजन लेते हैं। वे रिस्क लेने से नहीं डरते हैं लेकिन इनमें एक बात होती है कि ये रिस्क सोच समझकर लेते हैं, ये ज्यादातर वैसे काम करते हैं जिसमे कम रिस्क और ऊँची सफलता हो।

# गुजराती युवाओं को बिज़नेस करने में उनके पूरे परिवार से सपोर्ट मिलता है। उनके परिवार का हर सदस्य उन्हें प्रोत्साहित करता है और अपने क्षमता के हिसाब से उनके बिज़नेस में भी हेल्प करता है।

# ये लोग जब बिज़नेस में सफल हो जाते हैं तो ये दूसरों को भी बिज़नेस करने में मदद करते हैं। इनमें जलन की भावना न होकर परोपकार की भावना होती है। ये हमेशा दूसरों को आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं।

# ये लोग अपने दुश्मनों को खत्म न करके उनसे दुश्मनी ख़त्म करते हैं और उन्हें दोस्त बना लेते हैं जिससे उन्हें किसी दुश्मन की चिंता न होती है और अपने बिज़नेस को पूरा समय देते हैं तथा सफलता की ऊंचाइयों को छूते हैं।

# गुजराती लोग पैसे को सोच समझकर खर्च करते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि ये रॉयल जीवन नहीं जीते हैं। उनकी जीवन शैली भी अच्छी होती है लेकिन वे ऐसा तब करते हैं जब उनके पास बहुत सारा पैसा हो जाता है और यह खर्च उनके लिए मामूली रह जाता है।

# ये हमेशा कुछ नया करने की सोचते हैं उनके पास भरपूर मात्रा में क्रिएटिविटी होती हैं। एक अच्छा विचार मिलने पर उसे पूरा करने में लग जाते हैं।

# ये अपने बिज़नेस खड़ा करने में जी-जान लगा देते हैं इन्हें कड़ी मेहनत करने की आदत होती हैं ये बहुत मेहनती होते हैं।

# इनके बारे में कहा जाता है कि ये बिज़नेस में इतने होशियार होते हैं की मारवाड़ी से सामान खरीदकर और सिंधी को बेचकर भी मुनाफा कमा लेते हैं।

# ये लोग जानते है कि जीवन में हमेशा अच्छे मौके आते रहते हैं इसलिए ये हमेशा मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार रहते हैं और समय आने पर उसका पूरा फायदा भी उठाते हैं।

# और सबसे बड़ी बात कि पैसा कमा लेने के बाद पैसे को स्थायी बनाने और उसे बढ़ाने में इन्हे महारत हासिल है।

# गुजराती लोगों की एक खास बात है कितनी भी बड़ी उच्चइयों पर पहुंच जाने पर भी घमंड और शान नहीं दिखते हैं ।

-श्रीश राज, लेखक, आधुनिक व्यवसायी

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