KAKAD VALYA MAHESHWARI VAISHYA
काकड़ वाल्या माहेश्वरीमाहेश्वरियो के 72 गोत्र में से 15 खाप (गोत्र ) के माहेश्वरी परिवार अलग होकर ग्राम काकरोली राजिस्थान में बस गए और इन्होने भी घर त्याग करने के पहले संकल्प किया की वे हाथी दांत का चुडा व मोतीचूर की चुन्धरी कम में नहीं लावेंगे अतः आज भी काकड़ वाल्या महेश्वरी शादी में इन चीजो का व्यव्हार नहीं करते l इनका रहन सहन शुद्ध सात्विक व उत्तम हे तथा इनका व्यव्हार धाकड़ महेश्वरी ओ से मिलता जुलता हे इसी कारण धाकड़ माहेश्वरी और काकड़ वाल्या माहेश्वरी में परस्पर रोटी तथा बेटी व्यावहार है l
1- ढलवानी
2- नानाव्थ्या
3- पलानवंश
4 - सांडल
5- कांकाणी (गहलोद )
6- पिसन्या
7- तापंडे (पण्डे )
8- लिलाव्यथ्या
9- सोपसिया
10-खराडा
11- वेद
12- जुलाहा
13- दीलोदिया
14- मोरी
15- लोधिवाल
पुरानी माहेश्वरी समाज की बुक से पता चला हे की आज तक उपरोक्त सभी खाप (गोत्र ) में से आज कुछ खाप विलुप्त हो गई हे l
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