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बिड़ला मंदिर... पार्टी, समुद्र तट और पर्यटन वाले गोवा की नई पहचान
गोवा का बिड़ला मंदिर
गोवा यूं तो पार्टी, समुद्र तटों और पर्यटन के लिए जाना जाता है लेकिन यह एक और खास वजह के लिए प्रख्यात है और वह है यहां का बिड़ला मंदिर. यह मंदिर कुमार मंगलम बिड़ला द्वारा निर्मित है. इसे राधा कृष्ण के नए निवास के तौर पर भी जाना जाता है. गोवा का बिड़ला मंदिर राज्य के सांस्कृतिक, सामाजिक और पर्यटन मानचित्र के लिए एक नई पहचान रखता है. यह मंदिर अपनी अनूठी उत्तर भारतीय वास्तुकला, कला और सुंदरता के साथ एक मिसाल है. यह 2021 और 2023 के बीच 22 महीनों में बनाया गया था.
बिड़ला परिवार और मंदिर
भारत के सबसे प्रमुख व्यापारिक परिवारों में से एक बिड़ला परिवार अपने विस्तृत व्यवसायों और आध्यात्मिक चेतना के लिए जाना जाता है. देश में 31 से अधिक मंदिर हैं जो बिरला मंदिर के नाम से जाने जाते हैं.
पहला मंदिर दिल्ली में लक्ष्मी नारायण मंदिर है. इसके अलावा अन्य मंदिर में कोलकाता में बड़ा बाजार, पिलानी, राजस्थान में सरस्वती मंदिर, काशी में विश्वनाथजी मंदिर और तुलसी मानस मंदिर, मथुरा में वेंकटेश्वर मंदिर, भोपाल, कानपुर, अकोला, हैदराबाद, और जयपुर में भी मंदिर हैं.
अब बिड़ला मंदिर है यहां की खास पहचान
बिड़ला परिवार ने तीस से ज्यादा भव्य मंदिर बनवाए
बिड़ला परिवार की तीन पीढ़ियों ने देश के कई शहरों में तीस से ज्यादा भव्य मंदिर बनवाए हैं. राजस्थान के पिलानी कस्बे से कोलकाता और दिल्ली सहित देश के उद्योग जगत में अपनी पहचान बनाने वाले पहले बिड़ला और राजा जुगल किशोर बिड़ला, बिरला परिवार के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान परदे के पीछे से सेनानियों की मदद करने वाले सेठ घनश्याम, और राजा जुगल किशोर बिड़ला ने फिरंगी राज में अपनी पहचान बनाई. इन्होने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना जगाने के लिए मंदिर सहित उत्सव परिसर बनाने का अभियान चलाया.
अब बिड़ला मंदिर है यहां की खास पहचान
देश की राजधानी दिल्ली में मंदिर का निर्माण 1939 में हुआ था ! इसका निर्माण 1931 में भूमि पूजन के साथ शुरू हुआ था और आठ साल बाद 1939 में महात्मा गांधी ने इसका उद्घाटन किया था.
गोवा में बिड़ला मंदिर
यह मंदिर कुमार मंगलम बिड़ला द्वारा बनाया गया है जो अपने परिवार में पद्म पुरस्कार जीतने वाले चौथे व्यक्ति हैं. बिट्स पिलानी संस्थान के पास स्थित राधा कृष्ण मंदिर का शिलान्यास और भूमिपूजन 2021 में किया गया था.
इसका उद्घाटन 2023 में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और बिड़ला परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में हुआ था. मंदिर 3.6 एकड़ में फैला हुआ है. 1500 से अधिक शिल्पकारों और कारीगरों ने 22 महीनों में इस गौरवशाली मंदिर को जीवंत कर दिया. मंदिर का निर्माण कुमार मंगलम बिड़ला ने कराया है, जिसके लिए बिड़ला परिवार जाना जाता है.
मंदिर के पुजारी ने इंडिया टुडे को बताया कि मंदिर के मुख्य देवता भगवान कृष्ण और देवी राधा हैं. यह मंदिर पर्यटन को आकर्षित करेगा और राज्य की संस्कृति का उत्थान भी करेगा. उन्होंने कहा कि अब से गोवा की नई पहचान होगी.
मंदिर 3.6 एकड़ में फैला हुआ है
स्थानीय निवासी संजीव कुमार ने कहा, 'अब गोवा घूमने आने वाले युवा भी समुद्र तट पर मौज-मस्ती से कुछ समय निकालकर गोमांतक की इस पवित्र भूमि को याद करना नहीं भूलते.' अमृतसर के पर्यटक ने इंडिया टुडे को बताया, 'लंबी कतार गोवा के चरित्र में नए और सकारात्मक बदलाव की गवाही है'. उन्होंने कहा, हम मंदिर की सुंदरता से चकित हैं, केवल भगवान कृष्ण ही नहीं, यहां भगवान शिव, भगवान गणेश का भी आशीर्वाद लिया जा सकता है.
मंदिर की वास्तुकला
गोवा में राधा कृष्ण मंदिर की वास्तुकला उत्तर भारतीय मंदिर निर्माण की नागर शैली की है. नागर शैली कई क्षेत्रीय और विभिन्न कलात्मक प्रकार की नागर शैली में भी प्रमुख है. पांच सफेद शिखर वाला मंदिर परिसर मुख्य रूप से राजस्थान के किशनगढ़ क्षेत्र में हजारों फीट गहरी खदानों में पाए जाने वाले सफेद मकराना संगमरमर के पत्थर से बना है.
लगभग दो वर्षों में हजारों विशेषज्ञ कला कारीगरों के हाथों से उकेरी गई इस खूबसूरत मंदिर की कला देखते ही बनती है. इसकी विशेषता फूलों की पत्तियों, गुलदस्ते, मोज़ेक, भराई और रंगों और आध्यात्मिक और धार्मिक संकेतों के प्रतीकों का सुंदर संयोजन है. कहा जाता है कि बिड़ला परिवार को देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद मिला है.
SABHAR - INDIA TODAY
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