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Tuesday, July 11, 2023

PURNESH MODI - कौन हैं भाजपा नेता पूर्णेश मोदी

PURNESH MODI - कौन हैं भाजपा नेता पूर्णेश मोदी
Modi Surname: कौन हैं भाजपा नेता पूर्णेश मोदी? जिनकी याचिका की वजह से राहुल गांधी को हुई थी दो साल की सजा

मोदी सरनेम से जुड़ा यह केस भाजपा नेता पूर्णेश मोदी द्वारा चार साल पहले दायर किया गया था। पूर्णेश मोदी सूरत की सूरत पश्चिम सीट से मौजूदा विधायक हैं। उन्हें सितंबर 2021 में भूपेंद्र पटेल की सरकार में सड़क और भवन मंत्री बनाया गया था।


गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। दरअसल, मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी करार दिया गया था। उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उनकी संसद की सदस्यता भी चली गई थी।

मानहानि का यह केस भाजपा नेता पूर्णेश मोदी द्वारा चार साल पहले दायर किया गया था। आइये जानते हैं...कौन हैं पूर्णेश मोदी?

गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। दरअसल, मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी करार दिया गया था। उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उनकी संसद की सदस्यता भी चली गई थी। मानहानि का यह केस भाजपा नेता पूर्णेश मोदी द्वारा चार साल पहले दायर किया गया था। आइये जानते हैं...कौन हैं पूर्णेश मोदी?

पूर्णेश मोदी सूरत जिले की सूरत पश्चिम सीट विधायक हैं। पूर्णेश मोदी का जन्म 1965 में हुआ था। उनके पिता का नाम ईश्वरलाल मोदी है। मोदी प्रोफेशनल ग्रेजुएट हैं। मोदी जी मोड़ मोदी वनिक वैश्य समाज से आते हैं. बी. कॉम करके 1992 में उन्होंने सूरत की सर चौवाशी लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की। भाजपा नेता की संपत्ति की बात करें तो वो 1.73 करोड़ रुपये के मालिक हैं। उनके नाम 35 लाख से ज्यादा का कर्ज भी है। फिलहाल उनका पेशा वकालत है।


2022 गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा के मजबूत गढ़ वाले सूरत की सूरत पश्चिम सीट पर पूर्णेश मोदी ने जीत दर्ज की थी। मोदी ने कांग्रेस प्रत्याशी संजय आर. शाह को 1,04,312 वोटों के विशाल अंतर से हराया था। पूर्णेश मोदी को सितंबर 2021 में भूपेंद्र पटेल की सरकार में सड़क और भवन मंत्री बनाया गया था। राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर, सूरत एकमात्र ऐसा शहर था जिसके पास उस वक्त बनी भूपेंद्र पटेल सरकार में चार मंत्री थे। चार में से एक कैबिनेट मंत्री थे जबकि अन्य राज्य मंत्री थे।

हालांकि, मंत्रालय के कामकाज में शिकायतें आने के बाद 11 महीने में ही पूर्णेश मोदी का मंत्री पद वापस ले लिया गया। पूर्णेश मोदी 2009-12 और 2013-16 में सूरत नगर बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मोदी को इस क्षेत्र में ओबीसी समुदाय का बड़ा चेहरा माना जाता है।


2017 के विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। इस चुनाव में मोदी ने कांग्रेस के इकबाल पटेल को 77 हजार वोटों से करारी शिकस्त दी थी।

2013 में पहली बार बने विधायक
2017 से पहले 2013 उपचुनाव में भी मोदी ने इस सीट पर भाजपा को जीत दिलाने में मदद की थी जो उनकी पहली जीत थी। बता दें, भाजपा के तत्कालीन विधायक किशोर भाई वांकावाला के निधन के बाद यहां उपचुनाव हुए थे।


मोदी राजनीति के अलावा कई समाजिक संगठनों से जुड़े हैं और समाज के लिए काम करते हैं। भाजपा नेता वर्तमान में स्वातंत्र्य वीर सावरकर स्मूदी समिति और भारत सेवाश्रम संघ - हिंदू मिलन मंदिर में प्रमुख की भूमिका में हैं। इसके अलावा वह पब्लिक एजुकेशन ट्रस्ट के कार्यकारिणी और आर्य समाज की सदस्यता रखते हैं। इससे पहले मोदी सूरत शहर गणेश और उत्सव समिति के अध्यक्ष और महासचिव, वीरता ग्रुप के अध्यक्ष, श्री सुरति मोध वणिक (घांची) सर्व पंच के ट्रस्टी के रूप में कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।


2019 लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसी को लेकर पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।


गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को एक बड़ा झटका दिया है। उनकी सजा पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। साथ ही अदालत ने कड़ी टिप्पणी भी की। अदालत का फैसला आते ही पक्ष-विपक्ष की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। इस बीच, शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने अदालत की टिप्पणी, जिसमें राहुल पर और केस दर्ज होने की बात कही है, पर कहा कि राहुल को इसके बारे में सोचना चाहिए और ऐसे इतिहास नहीं बनाने चाहिए...। साथ ही उन्होंने कहा कि राहुल कोर्ट के फैसले को मानें।

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