Gulhare Vaishya
"गुलहरे बनिया" से आपका मतलब गुलहरे वैश्य समाज से है, जो कि बनिया या वैश्य समुदाय की एक उपजाति है। यह समाज मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में पाया जाता है और खुद को एक अत्यंत पिछड़े समुदाय के रूप में देखता है, जिसके लिए उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में शामिल किए जाने की मांग भी की है।
वैश्य समाज की उपजाति:
गुलहरे वैश्य समाज, वैश्य वर्ण की एक शाखा है, जो पारंपरिक रूप से व्यापारी वर्ग का हिस्सा है।
पिछड़ापन और मांग:
इस समुदाय ने खुद को वैश्य जातियों में अत्यंत पिछड़ा हुआ बताया है और खुद को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में शामिल करने की मांग भी की है, जैसा कि Jagran की एक रिपोर्ट में बताया गया है।
कलहार वैश्य से संबंध:
कुछ स्रोतों के अनुसार, गुलहरे वैश्य समाज, कलहार वैश्य की एक उपजाति है, जिन्हें पिछड़े वर्ग में शामिल किया जा चुका है, जबकि गुलहरे वैश्य अभी भी वंचित हैं।
आयोजन:
गुलहरे वैश्य समाज द्वारा होली मिलन जैसे विभिन्न सामाजिक समारोहों का आयोजन भी किया जाता है, जैसा कि हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट में उल्लिखित है।
संक्षेप में, "गुलहरे बनिया" एक विशिष्ट वैश्य उपजाति का नाम है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ापन महसूस करती है और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है।
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