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Sunday, October 4, 2020

E - BANIA - डिजिटल युग ने पैदा किए नए 'बनिया

डिजिटल युग ने पैदा किए नए 'बनिया', ई-कॉमर्स की दुनिया में छाया वैश्य वर्ग का परचम

डिजिटल अर्थव्यवस्था के उभार के साथ इस समुदाय ने चाहे वह बंसल हों, गोयल हों, गुप्ता हो या अग्रवाल- इन्होंने नए व्यापारिक मॉडल, विशेष रूप से तेजी से बढ़ते डिजिटल उद्योग को आसानी से अपना लिया है. 


डिजिटल कारोबार की नई जमात में वैश्य वर्ग के नौजवान तेजी से उभरकर सामने आए हैं.

भारतीय परंपरा या ग्रंथों में व्यापार, कारोबार की जिम्मेदारी एक वर्गविशेष 'वैश्य' को सौंपी हुई है. समय बदलने के साथ-साथ इन परंपराओं में बदलाव हुआ और समाज के अन्य वर्गों के लोगों ने भी कारोबार की दुनिया में नई इबारतें लिखीं. लेकिन वैश्य वर्ग को कारोबार का मझा हुआ खिलाड़ी माना जाता रहा है. इसी कड़ी में जब कारोबार की दुनिया डिजिटल कॉमर्स का लबादा ओढ़ कर नए सिरे से इजाद हुई तो इस डिजिटल दुनिया के सिरमौर भी वैश्य वर्ग के लोग ही बने.

डिजिटल अर्थव्यवस्था के उभार के साथ इस समुदाय ने चाहे वह बंसल हों, गोयल हों, गुप्ता हो या अग्रवाल- इन्होंने नए व्यापारिक मॉडल, विशेष रूप से तेजी से बढ़ते डिजिटल उद्योग को आसानी से अपना लिया है. 

ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म 'जोमेटो' के संस्थापक दीपिंदर गोयल हैं, ऑनलाइन टैक्सी सर्विस 'ओला' के संस्थापक भाविश अग्रवाल हैं, वहीं 'फ्लिपकार्ट' के संस्थापक सचिन बंसल, किफायती होटल श्रंखला 'ओयो रूम्स' के संस्थापक 24 वर्षीय रीतेश अग्रवाल और 'लेंसकार्ट' के संस्थापक पीयूष बंसल हैं.

'जोमेटो' को 2.3 अरब डॉलर की कुल पूंजी के साथ शुरू किया गया था, जिसके कोष में हाल ही में 60 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ. भारत में 'उबर' का स्थानीय प्रतिद्वंद्वी ओला की पूंजी लगभग 60 अरब डॉलर हो गई है. 'ओला' अब लगभग 125 शहरों में है.

'फ्लिपकार्ट' से निकलने के बाद उसे अपनी लगभग एक अरब डॉलर की हिस्सेदारी बेचने के बाद बंसल ने भावीश की 'ओला' में 10 करोड़ डॉलर का निवेश किया और उनके इसमें और ज्यादा निवेश करने की संभावना है.

एक विशेषता समान है

हिसाब-किताब पर मजबूत पकड़ और उनके आधुनिक उपभोक्ताओं के बारे में स्पष्ट समझ, जिनमें ज्यादातर युवा हैं और पिज्जा मंगाने से लेकर, कैब बुलाने, उड़ानें बुक करने और कहीं भी खरीदारी करने तक के लिए अपना ज्यादातर समय स्मार्टफोन और इंटरनेट पर बिताते हैं.

'मोर्गन स्टेनली' की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, व्यापारियों, बैंकरों, साहूकारों, अनाजों और मसालों के विक्रेताओं के पेशेवर समुदाय बनिया ने लगभग 40 करोड़ युवाओं की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखकर खुद को बहुत तेजी से तैयार किया है.

'साइबरमीडिया रिसर्च एंड सर्विसिस लिमिटेड' (सीएमआर) के प्रमुख और वरिष्ठ उपाध्यक्ष थॉमस जॉर्ज ने कहा, "पारंपरिक व्यावसायिक घरानों के युवाओं ने फायदेमंद ई-कॉमर्स में कदम रख दिया है, और विकसित अर्थव्यवस्थाओं, नए व्यापारिक मॉडलों और बेहतर शिक्षा के प्रति जागरूकता के कारण वे सफल भी हुए हैं."

देश में 40 करोड़ स्मार्टफोन उपभोक्ता और लगभग 50 करोड़ ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ता (लगभग 97 फीसदी वायरलैस कनेक्शन) हैं, जिसे 'बनिया ब्रिगेड' ने ई-कॉमर्स और ऑनलाइन उद्योग में अपना अबतक का सबसे बड़ा अवसर माना है.

'जोमेटो' वर्तमान में प्रति महीने 2.2 करोड़ ऑर्डर लेती है. कंपनी ने ड्रोन आधारित फूड डिलीवरी के लिए देशी स्टार्टअप 'टैकईगल इन्नोवेशंस' का अधिग्रहण कर लिया.

दीपिंदर गोयल के अनुसार, 'जोमेटो' अभी हवाई नवाचार के शुरुआती दौर में है और नए कल के निर्माण के लिए छोटे-छोटे कदम बढ़ा रहा है, जहां उपभोक्ता उनके ऑर्डर किए गए खाने की डिलीवरी के लिए एक ड्रोन का इंतजार करें.

साभार: zeebiz.com/hindi/small-business/new-bania-digital-business-world-4683

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