कौन है IAS रितिका जिंदल, जिन्होंने दुर्गा अष्टमी की बरसों पुरानी परंपरा तोड़ी
IAS रितिका जिंदल सोशल मीडिया पर निशाने पर बनी हुई हैं। सिर्फ इसीलिए क्योंकि उन्होंने हिमाचल में एक मंदिर की परंपरा बदलवा दी। अपने इस काम के लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने वहां हवन होते हुए देखा, तो हिस्सा लेने की इच्छा जताई। लेकिन पंडितों ने उन्होंने ये तर्क देते हुए रोक दिया कि कोई भी महिला इस हवन में शामिल नहीं हो सकती।
ये बाद रितिका को ठीक नहीं लगी, क्योंकि जिन खास 9 दिनों मां दुर्गा के सभी रूपों को पूजा जाता है। नारी को सम्मान दिया जाता है, उसी में किसी एक दिन पूजा या हवन में उन्हें हिस्सा ना लेने को कहा गया।
तो रितिका जिंदल वहां, आस-पास मौजूद लोगों के पास पहुंची और उन्हें ऐसा पाठ पढ़ाया कि बरसों से चली आ रही परंपरा को बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा। रितिका ने कहा, 'अष्टमी के दिन हम महिलाओं के सम्मान की बात तो करते हैं, लेकिन उन्हीं के अधिकारों से उन्हें वंचित रखा जाता है। मैं एक अधिकार बाद में हूं पहले महिला हूं। सभी महिलाओ को ऐसी विचारधारा बदलने की जरूरत है। इसे वे तभी बदल सकती हैं, जब वे इस रूढ़िवादी सोच का विरोध करेंगी।'
रितिका का विरोध देख उन्हें हवन करने की इजाजत देनी पड़ी। लेकिन सोशल मीडिया पर हिंदू परंपरा से खिलवाड़ करने और बर्दाश्त ना करने वाले ट्वीट्स की बाढ़ आ गई।
लोग इस आईएएस का विरोध करने लगे। किसी ने अमित शाह से इस IAS को रोकने की गुहार लगाई। तो किसी ने उन्हें हिंदू पुजारियों को ज्ञान देने से मना कर दिया।
किसी ने उन पर पावर का गलत इस्तेमाल करने वाला बताया तो किसी ने हिंदू धर्म से खिलवाड़ करने को मना किया।
बता दें, रितिका जिंदल पंजाब के मोगा से हैं। साल 2018 में उन्होंने UPSC की परीक्षा में 88वीं रैंक हासिल कर IAS क्वालिफाई किया था।
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