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Saturday, May 22, 2021

PARTH BANSAL - ऑक्सीजन की बर्बादी को रोकेगा इनोवेटर पार्थ का बनाया वाल्व, कीमत मात्र 10 रूपये

PARTH BANSAL - ऑक्सीजन की बर्बादी को रोकेगा  इनोवेटर पार्थ का बनाया वाल्व, कीमत मात्र 10 रूपये.

 
Innovator Parth Bansal 

कोविड के कारण उपजे संकट को देखते हुए कई किशोर-युवा अपने-अपने स्तर से इनोवेशन कर रहे हैं। उनका एक ही उद्देश्य है मरीजों की मदद करना। कोरोना काल में इन्होंने कई जरूरतमंदों तक भोजन एवं राशन आदि पहुंचाया है।

 हम सब देख रहे हैं कि कैसे इन दिनों ऑक्सीजन के लिए लोगों को जद्दोजहद करना पड़ रहा है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही, तो वहीं घर में क्वारंटाइन मरीजों के सामने भी चुनौती पेश आ रही है। सभी जानते हैं कि कैसे ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में संक्रमितों की मौतें हुई हैं। इसी बीच, आइआइटी कानपुर के ऑक्सीजन ऑडिट सिस्टम एप से खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में 20 से 25 फीसदी ऑक्सीजन बर्बाद हुई।

दरअसल, सरकार ने संस्थान को सभी अस्पतालों की एक समग्र रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा जानकारी के अभाव में हुआ हो सकता है। फिलहाल, रिपोर्ट के आने का इंतजार है। ऐसे में किशोर इनोवेटर पार्थ बंसल का मानना है कि ऑक्सीजन की बर्बादी को रोका जा सकता है।




राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित हो चुके पार्थ ने एक ऐसा वाल्व विकसित किया है, जिसे ऑक्सीजन मास्क के साथ जोड़ दिया जाता है। जब भी मरीज उसे पहनता है, तभी वाल्व खुलता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू होती है। पार्थ की मानें, तो अगर इस वाल्व को प्रत्येक ऑक्सीजन मास्क के साथ अटैच कर दिया जाए, तो ऑक्सीजन की बर्बादी काफी हद तक रोकी जा सकती है। वे बताते हैं, मैंने प्लास्टिक रिंग्स एवं वायर की मदद से इस वाल्व को तैयार किया है, जिसकी कीमत मात्र 10 रूपये है।

पार्थ ने इससे पहले भी हाथ में पहनने वाली एक ऐसी सरल डिवाइस बनाई थी, जो कोई भी अपने घर में आसानी से बना सकता है। इन्होंने घर में पड़ी चीजों से हाथ में घड़ी की तरह पहने जाने वाला सेैनिटाइजर स्प्रे बनाया है। जिसे किसी भी वक्त इस्तेमाल किया जा सकता है। ये घड़ी नुमा सैनिटाइजर छल्ले की तरह दिखता है। इनोवेशन के अलावा ये अक्सर ही अपने पिता एवं दादा के साथ लोगों की मदद करने में जुट जाते हैं। कोरोना काल में इन्होंने कई जरूरतमंदों तक भोजन एवं राशन आदि पहुंचाया है।

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