MOURYA VANSHYA - A VAISHYA DYNESTY - मौर्य वंश के वैश्य होने के प्रमाण
मौर्य वंश महान भारत के महान राजवंशो में से एक हैं. यह वंश भारत का पहला सबसे बड़े राज्य का राजवंश था. इस वंश का पहला सबसे प्रतापी सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य था. सम्राट अशोक, बिन्दुसार, सम्राट सम्प्राती इसी वंश के थे. ओर भारत के सबसे महान सम्राटो में से एक थे. आज की तिथि में कई ओर जातिया अपने आप को मौर्य वंश का वंशज बताने लगी हैं. उनका नाम यंहा पर लेना बेकार हैं. और सबको पता हैं वो कौन जातिया हैं. मैं नीचे मौर्य वंश के वैश्य होने के कुछ प्रमाण दे रहा हूँ.
१. सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य का असली नाम चन्द्रगुप्त हैं. गुप्त उपनाम आदि काल से केवल और केवल वैश्य समुदाय के लिए प्रयुक्त किया जाता रहा हैं. मुरा चन्द्रगुप्त की माता का नाम था. मुरा के नाम पर ही चाणक्य ने मुरा का बेटा मौर्य उपनाम दिया था. चन्द्र गुप्त के पिता का नाम सूर्य गुप्त था. जो की नन्द वंश के समय में एक छोटे राज्य के राजा थे. जिन्हें घनानंद ने मरवा दिया था. और उनके राज्य में कब्जा कर लिया था.
२. चन्द्रगुप्त के बहनोई का नाम पुश्प् गुप्त था. जो की उस समय में सौराष्ट्र के राज्यपाल थे. उनका शिलालेख आज भी वंहा पर हैं जिसमे उनके वैश्य पुष्प गुप्त कहा गया हैं.
३. अपने अंतिम समय में चन्द्रगुप्त जैन पंथ का पालन करने लगा था. जैन १०० प्रतिशत वैश्य होते हैं.
४. सम्राट अशोक की धर्मपत्नी महारानी विदिशा के एक वैश्य नगर सेठ की पुत्री थी.
५. अशोक के पौत्र सम्राट सम्प्रति भी जैन हो गए थे.
६. अधिकतर इतिहास कारो, और आर्य मंजुश्री कल्प और विष्णु पुराण ने भी इस वंश को वैश्य बताया हैं.
७. वैश्य तेली समुदाय भी मौर्य वंश को अपना पूर्वज होने का दवा करता हैं.
८. बिहार में एक वैश्य जाति माहुरी चन्द्रगुप्त मौर्य की वंशज होने का दावा करती हैं.
९. सम्राट चाहे किसी भी वर्ण का हो पर उसे क्षत्रिय ही कहा जाता था.
इससे ज्यादा और क्या प्रमाण चाहिए.
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