#ADITYA KHEMKA CP PLUS
CP Plus के फाउंडर आदित्य खेमका की कहानी:2007 में CCTV कैमरा बेचना शुरू किया, 2025 तक 5000 करोड़ टर्नओवर का टारगेट
सलमान खान का एक ऐड है। जिसमें वे बस में ट्रैवल कर रहे होते हैं। इसी दौरान एक शख्स एक बुजुर्ग का पॉकेट मार लेता है। फौरन सलमान बोल पड़ते हैं- ‘कमॉन बबुआ, प्लीज लौटा दो अंकल जी का बटुआ।’ वह शख्स कहता है- महाराष्ट्र पुलिस यानी MP, दिल्ली पुलिस यानी DP… कौन हो तुम? सलमान बस में ऊपर लगे सीसीटीवी को दिखाते हुए जवाब देते हैं- ना एमपी, ना डीपी, सीपी प्लस…अब ऊपरवाला चलती ट्रेन और बस में भी सब कुछ देख रहा है।
ये ऐड है दुनिया की टॉप सिक्योरिटी और सर्विलांस कंपनियों में शुमार CP Plus का। आज Unicorn Dreams with कुशान अग्रवाल' में हमारे साथ हैं CP Plus के मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य खेमका। बातें CP Plus की शुरुआत, जर्नी और कामयाबी के शिखर तक पहुंचने की। तो चलिए शुरू करते हैं…
कुशान: CP PLUS की शुरुआत कब और कैसे हुई? इस नाम के पीछे आपकी क्या सोच थी?
आदित्य खेमका: 2007 में हमने सिक्योरिटी और सीसीटीवी प्रोडक्ट में एंट्री ली थी। तब हमारा काम था प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी को डिस्ट्रीब्यूट करना। हमारी कोशिश थी कि जो भी फ्यूचर टेक्नोलॉजी हैं, उन्हें पहले भारत में शुरू किया जाए।
उस वक्त कैमरे का मार्केट बेसिक स्टेज में था। कैमरे की टेक्नोलॉजी बहुत लक्जरी थी। फुटेज रिकॉर्ड करने की डिवाइस भी नहीं बनी थी। हमने रियलाइज किया कि इस फील्ड में काम करने के लिए काफी स्कोप है, लिहाजा खुद का ब्रांड शुरू करना चाहिए।
इसके बाद 2008 में CP PLUS की शुरुआत हुई। CP यूके का एक ब्रांड है, हमने उसी तर्ज पर अपने ब्रांड का नाम CP PLUS रखा। CP यानी कॉस्ट एंड फरफॉर्मेंस, जैसा कि हर कंज्यूमर सस्ते दाम में बेस्ट परफॉर्मेंस चाहता है।
कुशान: CP PLUS अभी दुनिया की टॉप-3 सर्विलेंस इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स में से एक है। एक डिस्ट्रीब्यूटर से मैन्यूफैक्चरर्स बनने की जर्नी कैसी रही?
आदित्य खेमका: बहुत ही दिलचस्प जर्नी रही है। जब हमने इस फील्ड में रिसर्च शुरू किया, इसकी टेक्नोलॉजी और मार्केट स्टडी की, तो बहुत सी चीजों के बारे में पता चला। मसलन इसकी मदद से लोगों की लाइफ सेव कर सकते हैं। उनकी संपत्ति की सुरक्षा कर सकते हैं। इससे इस फील्ड में हमारा पैशन बढ़ता गया।
शुरुआत में सबसे मुश्किल टास्क था, ऑर्गेनाइजेशन का माइंड सेट चेंज करना। यानी डिस्ट्रीब्यूटर से मैन्यूफैक्चरर बनना। हमारे एम्पलॉइज ने खुद को इसके हिसाब से ढाला और कंपनी को आगे बढ़ाया। आज हम मार्केट बेहतर पोजिशन पर हैं। भारत में हमारा मार्केट शेयर करीब 50% तक है।
कुशान: CP PLUS कस्टमर्स तक पहुंचने के लिए क्या-क्या स्ट्रैटेजी अपनाता है?
आदित्य खेमका: हमने जब बिजनेस शुरू किया था, तब यह मार्केट बहुत ही अनऑर्गेनाइज्ड था। हर सेगमेंट में। चाहे डीलर हों, डिस्ट्रीब्यूटर हों या फिर मैन पावर। हमने इस मार्केट को क्रिएट करने और बेहतर इकोसिस्टम तैयार करने के लिए बहुत काम किया।
हमने रियलाइज किया कि इंडस्ट्री में एजुकेशन और ट्रेनिंग बहुत जरूरी है। इसके लिए हमने एक रिटायर्ड आर्मी जनरल को हायर किया। वे हर दिन मल्टीपल लोकेशन पर ट्रेनिंग देते रहते हैं। इससे हमें बहुत बेनिफिट मिला।
2015 से हमने एक कैंपेन की शुरुआत की। उसका टैगलाइन था- ऊपर वाला सब देख रहा है। फिर सलमान खान को अपनी कंपनी का ब्रांड एम्बेस्डर बनाया। वे अभी भी हमारे लिए कैंपने करते हैं। इसके बाद हमने कॉस्ट इफेक्टिव मॉडल पर काम करना शुरू किया।
हमने यह मैसेज देने की कोशिश किया कि यह बहुत महंगा नहीं है। पान की दुकान वाला भी सीसीटीवी लगवा सकता है और सिक्योरिटी फोर्स वाला भी। इसलिए हमने 1299 रुपए से अपने प्रोडक्ट की शुरुआत की।
कुशान: मार्केट में इस फील्ड में और भी ऑप्शन्स हैं, फिर भी CP PLUS मार्केट लीडर कैसे बना रहा?
आदित्य खेमका: कई बार आप अर्ली टु मार्केट हो जाते हैं। यानी मार्केट तैयार नहीं होता है और आप प्रोडक्ट लॉन्च कर देते हैं। इससे निगेटिव इफेक्ट पड़ता है। इसलिए मैं एकदम से पहाड़ तोडने पर यकीन नहीं करता हूं। मेरा मानना है कि नदी की तरह बहते रहिए और अपनी नाव सबसे तेज चलाइए। एक दिन नदी पहाड़ तोड़ ही देगी।
शुरुआत में चैलेंजेज बहुत थे। टैक्स भरने में काफी दिक्कतें आती थीं, लेकिन जीएसटी आने के बाद मार्केट को ऑर्गेनाइज करने में काफी मदद मिली। साथ ही बिजनेस को बढ़ाने में सरकार की मेक इन इंडिया पॉलिसी और आत्मनिर्भर भारत का भी अहम रोल रहा। इससे एंटरप्रेन्योर्स देश में ही रिसर्च एंड डेवलपमेंट के साथ ही प्रोडक्ट भी बनाने लगे।
कुशान: आपके फ्यूचर प्लांस क्या हैं? आने वाले सालों में हमें कौन से नए प्रोडक्ट मिल सकते हैं?
आदित्य खेमका: अगले दो-तीन साल हम रिसर्च और डेवलपमेंट पर बहुत इन्वेस्ट करने वाले हैं। अभी हमने एक मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट भी तैयार किया है, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सीसीटीवी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट है। इससे हम अपने लिए भी और दूसरी कंपनियों के लिए भी प्रोडक्ट बनाएंगे। कुछ चाइनीज-ताइवान कंपनियों के लिए भी हम प्रोडक्ट तैयार करेंगे।
हमने अमेरिका की कई कंपनियों के साथ करार किया है, जो हमारे लिए खास तरह के चिप्स तैयार करती हैं।
इसके अलावा हमारा टारगेट है आने वाले सालों में दुनिया के हजार शहरों में अपना डीलर और डिस्ट्रीब्यूटर्स तैयार करना। अलग-अलग शहरों में मैन पावर की रिक्रूटमेंट। साथ ही अगले दो सालों में हम अपना टर्नओवर 5 हजार करोड़ तक करने वाले हैं।
कुशान: चीन जैसे देशों की तुलना में भारत में टेक्नोलॉजी कैसे डेवलप हो रही है? इसमें क्या बदलाव आने की संभावनाएं हैं?
आदित्य खेमका: दो साल पहले तक मुझे लगता था कि भारत में रिसर्च एंड डेवलपमेंट नहीं हो सकता। हम अपने यहां टेक्नोलॉजी नहीं बना सकते। ज्यादातर चीजें जुगाड़ टेक्नोलॉजी से ही चलती हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
पिछले कुछ सालों में बहुत कुछ बदला है। वेस्टर्न कंट्रीज में भी हमारे एंटप्रेन्योर्स को इज्जत मिल रही है। इसमें जियो पॉलिटिकल चेंजेज का अहम रोहल रहा है। मुझे लगता है कि अगले 20 साल में भारत में ग्रोथ का गोल्डन एरा होगा।
कुशान: क्या कभी ऐसा लगा कि अब बहुत हुआ? उस मुश्किल वक्त से आपने खुद को कैसे उबारा?
आदित्य खेमका: मुझे ऐसा कभी नहीं लगा कि अब बस बहुत हुआ। जीवन में उतार-चढ़ाव आएंगे ही। ये पार्ट ऑफ लाइफ है। अच्छा वक्त भी गुजरेगा और बुरा वक्त भी। इसलिए जॉय द गुड टाइम एंड लर्न फ्रॉम बैड टाइम।
मैंने हमेशा ‘ये दिल मांगे मोर’ की टैगलाइन पर काम किया है। मेरा मानना है कि अगर आप आसमान की सोचोगे, तो छत तक तो पहुंच ही जाओगे। अभी मैं 48 साल का ही हूं, तो अभी बहुत कुछ करना है। हमें इस फील्ड में ग्लोबल चैंपियन बनना है, ताकि रूस, अमेरिका जैसे देश भी इंडियन मेड प्रोडक्ट खरीदें।
कुशान: आप देश के यंग एंटरप्रेन्योर्स को क्या पर्सनल और बिजनेस टिप्स देना चाहेंगे?
आदित्य खेमका: मेरे पास कोई रॉकेट साइंस टाइप स्टेप नहीं है। मेरा फोकस हमेशा से हार्ड वर्क, पैशन, फोकस और रिलेशनशिप बिल्डिंग पर रहा है। मेरा मानना है कि टैलेंट से भी ज्यादा जरूरी हार्ड वर्क है। आप जो करना चाहते हैं, उसके प्रति पैशन होना चाहिए, काम पर फोकस होना चाहिए। साथ ही पैसे के लिए कभी रिलेशन नहीं बिगाड़ना चाहिए।
कुशान: आपकी हॉबिज और पैशन क्या हैं? आप फ्री टाइम में क्या करना पसंद करते हैं?
आदित्य खेमका: मैं अक्सर सोचते रहता हूं कि नया क्या करना है। मैं फैमिली के साथ टाइम स्पेंट करता हूं। मूवी देखना मुझे पसंद है। फ्री टाइम में स्पोर्ट्स भी ट्राय करता हूं। साथ ही मुझे ट्रैवलिंग बहुत पसंद है। हर महीने 6-7 दिन का टूर जरूर करता हूं।
साभार: कुशान अग्रवाल, दैनिक भास्कर
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