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Saturday, May 27, 2023

JINDAL GROUP - INDIA'S PRIDE

#JINDAL GROUP - INDIA'S PRIDE

बाल्टी बनाने से हुई शुरुआत, ग्रुप के फाउंडर की पत्नी देश की सबसे अमीर महिलाओं में से एक


#जिंदल ग्रुप…एक कंपनी जिसकी शुरुआत लोहे की बाल्टी बनाने से हुई। आज वह कंपनी भारत में स्टील मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग, पावर, इंडस्ट्रियल गैस और पोर्ट सर्विसेज के सेक्टर में टॉप कंपनियों में से एक है। भारत के साथ ही अमेरिका, इंग्लैंड, मिडिल ईस्ट और इंडोनेशिया में उसकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। जब कंपनी शुरू हुई तब यह भारत में स्टील पाइप और ट्यूब बनाने वाली पहली कंपनी थी। ओ पी जिंदल पूरी तरह स्वदेशी डिजाइन वाला पाइप और ट्यूब बनाने वाले भारत के पहले व्यक्ति थे। आज मेगा एम्पायर में जानिए जिंदल ग्रुप के एम्पायर बनने की कहानी…

शुरुआत: वॉर वेस्ट को बेचकर भारत की तीसरी लोहा उत्पादन की फैक्ट्री लगाई

दूसरे विश्व युद्ध के समय ब्रिटिश सेना ने असम में एयरफोर्स बेस बना रखा था। जापान की सेना को बर्मा में रोकने के लिए वह इस्तेमाल कर रही थी, लेकिन 1945 में दूसरा विश्व युद्ध खत्म होने पर ये एयरबेस बिना काम के हो गए। ऐसे में, इन्हें बनाने में जो लोहा इस्तेमाल हुआ था उसे स्थानीय लोग निकालकर बेचने लगे। इन्हीं बेकार और फेंके गए लोहे को खरीदकर ओम प्रकाश जिंदल ने व्यापार शुरू किया।

जिंदल की पैदाइश हरियाणा में हिसार की थी। वो एक किसान परिवार से आते थे। 22 साल की उम्र में हिसार में ही उन्होंने बाल्टी बनाने की छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाई, पर कुछ समय बाद वहां से कोलकाता आ गए। उन्हें यहां असम के बाजारों में सस्ते दाम पर नीलाम होने वाले लोहे के बारे में पता चला था। उन्हें खरीदकर वो कलकत्ता समेत पूर्वी भारत में बेचने लगे।

इसके बाद 1952 में कलकत्ता में ही एक पाइप बेंड और सॉकेट बनाने की फैक्ट्री लगा दी। इस काम में उनके भाई भी साथ थे। तब कंपनी का नाम रखा जिंदल इंडिया लिमिटेड। आज स्टील सेगमेंट में यह टाटा और कलिंग के बाद भारत की तीसरी सबसे बड़ी फैक्ट्री है।

घर वापसी: हिसार आकर शहर को स्टील बनाने का कारखाना बना दिया

1964 में ओ पी जिंदल वापस अपने शहर हिसार में आ गए। यहां खुद से एक फैक्ट्री डिजाइन कर 42 हजार इंवेस्टमेंट के साथ एक पाइप मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू की। फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाली सारी मशीनों को उन्होंने खुद ही बनाया। जबकि उन्होंने कभी इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं की थी। 1969 में कलकत्ता में हिसार की फैक्ट्री से बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाई। इसमें बनी पाइप हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में धड़ल्ले से बिकने लगी।

इसके बाद स्टील बाल्टी बनाने की फैक्ट्री भी शुरू कर दी। 1970 में हिसार में स्टील की बड़ी फैक्ट्री खोली। 1960 से 1990 के बीच हिसार शहर में जिंदल ग्रुप ने कई फैक्ट्रियां खोली। यहां के ज्यादातर लोगों के लिए यह रोजगार का जरिया भी बन गया।

कामयाबी: भारत में 30 और अमेरिका में 3 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खोली

1960 के दशक के बाद जब तक ओ पी जिंदल जीवित रहे, उन्होंने देश-विदेश में 34 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाईं। इनमें से 30 भारत में, 3 अमेरिका में और एक इंडिनेशिया में हैें। जिंदल समूह ने समय के साथ पाइप्स में नई तकनीक को अपनाया और कार्बन स्टील से लेकर स्टेनलेस स्टील की पाइप्स बनाने लगे।

इन्हीं दशकों में जिंदल ग्रुप को उन्होंने अलग-अलग हिस्सों में भी बांटा। सबसे पहले ग्रुप के चार हिस्से किए। जिंदल सॉ पाइप्स, जिंदल साउथ वेस्ट, जिंदल स्टेनलेस और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड। ये चारों समूह फिलहाल उनके चार बेटों के पास है। इसमें पृथ्वीराज जिंदल, सज्जन जिंदल, रतन जिंदल और नवीन जिंदल शामिल हैं।

2005 में जिंदल समूह के कर्ता-धर्ता ओम प्रकाश जिंदल की हेलिकॉप्टर क्रैश में मृत्यु हो गई। अपने पीछे वह पत्नी सावित्री देवी जिंदल और चार बेटे छोड़कर गए थे। कंपनी की बागडोर सावित्री देवी जिंदल के हाथ आई। उन्होंने कंपनी की नेट वर्थ को साल दर साल बढ़ाना जारी रखा। 2021 में फोर्ब्स सूची में भारत की सबसे अमीर महिलाओं में वे टॉप 10 में रहीं। यह मुकाम हासिल करने वाली भारत की पहली महिला भी हैं।

शख्सियत: पहले इंडस्ट्रियलिस्ट, जो लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे

आज भी हिसार शहर के विकास में ओ पी जिंदल के योगदान को याद किया जाता है। उनके बारे में एक किस्सा बताया जाता है कि उन्होंने एक बार स्टील की पाइप को देखा जिस पर ‘मेड इन इंग्लैंड’ लिखा हुआ था। यहां से उन्होंने ये ठाना कि एक दिन ये सभी प्रोडक्ट भारत में बनेंगे और उस पर ‘मेड इन इंडिया’ लिखा होगा। उनका मानना था कि गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को बेहतर जिंदगी दिए बिना हम एक सफल देश नहीं बन सकते हैं। अपने इसी जज्बे को लेकर उन्होंने राजनीति में जाने का मन बनाया।

1990 के दशक में ओ पी जिंदल को राजनीति में भी सफलता मिली। 1991 में हिसार विधानसभा क्षेत्र से वो पहली बार विधायक चुने गए। 1996 में कांग्रेस की टिकट पर उन्होंने कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर आए। भारत में यह पहली बार था कि कोई इंडस्ट्रियलिस्ट संसद में चुनकर गया हो। इसके बाद हिसार से दोबारा उन्होंने विधानसभा चुनाव जीता।

SABHAR : DAINIK BHASKAR 

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