क्या आप जानते हैं ऋषिकेश के प्रसिद्ध लक्ष्मण झूले का निर्माण अग्रवालों ने करवाया था ?
पौराणिक कथाओं के अनुसार मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण ने इसी स्थान पर जूट की रस्सियों के सहारे गंगा नदी को पार किया था। जिस कारण इस पुल का लक्ष्मण झूला नाम पड़ा था। पुल के पश्चिमी किनारे पर लक्ष्मण जी का एक प्राचीन मंदिर भी है।
इसका निर्माण सन् 1889 में स्वामी विशुद्धानंद की प्रेरणा से कलकत्ता के अग्रवाल श्रेष्ठि राय बहादुर सेठ सूरजमल झुनझुनवाला ने लोहे के तारों से एक मजबूत पुल का निर्माण करवाया था। ये 284 फीट लंबा था। लेकिन 1924 की आयी बाढ़ में यह बह गया।
उसके बाद PWD ने सन् 1927 में दोबारा इसे बनाने की नींव रखी और 1930 में ये पुल बनकर तैयार हुआ। ये नया पुल 450 फ़ीट लंबा था। नए पुल को बनाने में जो खर्चा आया उसे सेठ सूरजमल झुनझुनवाला के सुपुत्र श्री श्री शिव प्रसाद तुलस्यान ने उठाया था।
No comments:
Post a Comment
हमारा वैश्य समाज के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।