पिता से लिए थे 5000 उधार, आज है 150 करोड़ की कंपनी के मालिक
Nand Kishore Chaudhary Jaipur Rugs : मारवाड़ी परिवार में जन्मे इस उद्यमी को बुनकरों के साथ काम करने के चलते समाज से बाहर होना पड़ा. सामाजिक भेदभाव और छुआछूत के चलते घर पर नहाने के बाद प्रवेश मिलता था.
अपने पिता की जूतों की दुकान पर मन नहीं लगा तो पढाई के बाद बैंक में कैशियर की नौकरी में चयनित हो गए. इसी बीच एक विदेशी कलाकार से उनकी मुलाकात होती है और उन्होंने नौकरी करने के बजाय खुद का व्यवसाय करने का निर्णय लिया.
1978 में पिता से 5000 रुपये उधार लेकर दो हथकरघों के साथ 10 बुनकरों को लेकर अपना काम शुरू किया. शुरुआत में कुछ दिकक्तों के बाद उनका बिज़नेस चल निकला. इसी बीच अपने भाई के साथ उन्होंने बिज़नेस को आगे बढ़ाने की योजना बनाई और खुद अपने परिवार के साथ गुजरात के वलसाड में शिफ्ट हो गए.
1989 में गुजरात शिफ्ट होने के बाद वलसाड़ जिले में आदिवासी लोगों के पास पहुंचे. वहां आदिवासी लोगों के बीच काम शुरू करने की ठानी तो लोगों ने डराया भी. काम शुरू किया तो छोटी जाति के लोगों के साथ काम करने के कारण रिश्तेदारों और दोस्तों ने छोटी जाति के लोगों के साथ काम करने के कारण हाथ मिलाना तक बंद कर दिया और किनारा करने लगे.
बच्चों के साथ नंदकिशोर चौधरी | Photo Credits : Nandkishore Chaudhary Facebook Page
इसके बाद भी उन्होंने काम जारी रखा और सतत प्रयास के बाद अपने काम में सफल हुए. उनके साथ काम करने वाले लोगो को अपने परिवार का सदस्य माना. बुनकरों को नए यंत्रो के साथ ही कच्चे माल के झंझट से बचाकर प्रशिक्षण देकर उन्हें दक्ष बनाया.
आज उनसे लगभग 40,000 बुनकर एवं उनके परिवार जुड़े हुए है. इनमे से 80 % से ज्यादा महिलाये उनके लिए काम करती है. सामाजिक और महिला सशक्तिकरण का इससे अच्छा उदाहरण कहीं पर भी देखने को नहीं मिलेगा.
उनके कार्य की प्रशंसा देश और विदेश में फ़ैल चुकी है तथा उनके बिज़नेस मॉडल को देखने के लिए बड़े-बड़े बिज़नेस संस्थान और लीडर्स केस स्टडी के रूप में पढ़ते है. राजस्थान के चूरू जिले से निकले और कारपेट्स बनाने वाली कंपनी ‘जयपुर रग्स (Jaipur Rugs) ‘ के संस्थापक नंदकिशोर चौधरी ( Nand Kishore Chaudhary ) की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है.
5000 से शुरू हुई उनकी कंपनी आज 150 करोड़ का व्यापार करती है तथा राजस्थान, गुजरात, झारखण्ड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लगभग 40,000 बुनकर एवं आदिवासी परिवारों को रोज़गार देने का काम करती है. इनकी कंपनी के उत्पादों की अमेरिका के साथ ही यूरोप , आस्ट्रलिया, मिडिल-ईस्ट में भारी मांग रहती है.
Jaipur Rugs Team | Photo Credits : Jaipur Rugs Facebook Page
इनकी कंपनी कच्चे माल की आपूर्ति बुनकरों को करती है तथा उनसे कारपेट्स, दरी और हेंडीक्राफ्ट आइटम्स आदि खरीद कर विदेशों में बेचती है. औसतन एक बुनकर इनकी कंपनी से 4500 रुपये प्रतिमाह कमा लेते है.
दक्ष एवं कम समय में अच्छा काम करने वाले बुनकर 10-12 हज़ार प्रतिमाह कमाते है. इनकी कंपनी नए बुनकरों और घरेलु महिलाओ को जोड़ने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाती है.
जयपुर रग्स पांच राज्यों के 600 गाँवो से आने वाले 40,000 बुनकरों को दुनियाभर के उपभोक्ताओं से जोड़ने का काम कर रही है.
आज उनके बेटे-बेटिया जयपुर रग्स के काम को संभाल रहे है . नयी पीढ़ी के बाद जो परिवर्तन आया उसके बाद आज सोशल एंटरप्राइज के रूप में उनकी कंपनी विश्व में विख्यात है।
साभार: bepositive.online/nand-kishore-chaudhary-jaipur-rugs
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