ASHOK KAJARIA - KAJARIA CERAMICS
दुनिया में घूमकर देखे 50 कारखाने, फिर लगा दिया अपना प्लांट, देश की मिट्टी से बनाने लगे सोना! आज अरबपति
अशोक कजारिया ने अमेरिका में इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ी. भारत वापस आए और अपने परिवार के धंधे में शामिल हो गए. खाड़ी देशों की यात्रा में उन्हें फर्श टाइलों की डिमांड का पता चला. स्पेन जाकर उन्होंने 50 कारखाने देखे, और 1985 में स्पेन की मदद से भारत में कजारिया सिरेमिक्स (Kajaria Ceramics) की स्थापना की. बेहतरीन मार्केटिंग और बाजार के ट्रेंड के अनुकूल बदलावों से कंपनी ने खूब तरक्की की. आज कजारिया भारत की नंबर 1 और दुनिया की 8वीं सबसे बड़ी टाइल निर्माता कंपनी है. पूरी कहानी काफी दिलचस्प है, जिसे पढ़ा ही जाना चाहिए.
जब अशोक कजारिया अमेरिका से अपनी डिग्री छोड़ने का साहसिक कदम उठाया तो कइयों को लगा कि शायद वह गलत कर रहा है. वे वापस आए और अपने परिवार के कच्चे लोहे के व्यापार में लग गए. वे खाड़ी देशों की सेल्स के लिए आने-जाने लगे. इसी यात्रा के दौरान अशोक को कुछ दिलचस्प मिला, जिससे उनका फ्यूचर पूरी तरह बदल गया.
यात्रा के दौरान किस्सा था यह था कि कास्ट खरीदार फर्श पर लगने वाली टाइलों में भी रुचि रखते थे. उन्होंने कहा कि अगर वह इसे बना सकते हैं तो वे (खरीदार) उसे स्पेन तक पहुंचा सकते हैं. अशोक को बात अच्छी लगी और सहमत हो गए. उन्होंने 50 कारखानों की विजिट की. वह भारत में अपना खुद का कारखाना स्थापित करना चाहते थे और इसलिए उन्होंने स्पेन की टॉप कंपनी – टोडाग्रेस (Todagres) संग साझेदारी की. 1985 में, कजारिया सिरेमिक्स (Kajaria Ceramics) का जन्म हुआ.
सिकंदराबाद में लगाया पहला प्लांट
अशोक कजारिया की योजना काफी सरल थी. टोडाग्रेस टेक्निकल नॉलेज में मदद करेगा और कजारिया सिरेमिक फर्श टाइल कारखाना शुरू करेगा. 1988 तक, कजारिया ने सिकंदराबाद (यूपी) में अपना पहला प्लांट शुरू किया, जिसकी क्षमता प्रति वर्ष 1 मिलियन वर्ग मीटर थी.
सेल शुरू करने के लिए, अशोक ने मार्केटिंग का सहारा लिया और 1989 में कजारिया का पहला विज्ञापन आया. विज्ञापन ने ग्राहकों को कजारिया की बेहतर गुणवत्ता की ओर मोड़ दिया और यह सिर्फ दो वर्षों में मार्केट लीडर बन गया. लेकिन, 1995 आते-आते ट्रेंड बदल गया.
यूरोप ने बड़े आकार के टाइल बनाने शुरू कर दिए. अशोक को छोटे फर्श टाइल्स से लंबी दीवार टाइल्स बनाने की ओर रुख करना पड़ा. मार्च 1998 में, उन्होंने गाइलपुर (राजस्थान) में एक और कारखाना चालू किया, जिसकी क्षमता प्रति वर्ष 6 मिलियन वर्ग मीटर दीवार टाइलें थी. यह कारखाना गेम चेंजर साबित हुआ.
कजारिया ने 2007 में 528.9 करोड़ रुपये की सेल को छुआ. इसने रिकॉर्ड 20.79 मिलियन वर्ग मीटर टाइलें बेचीं. जब 2008 में बाजार धराशायी हो गया, तो कजारिया NSE पर सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय टाइल कंपनी बन गई. आज (15 अप्रैल 2024) को कजारिया का मार्केट कैप 19,305.29 करोड़ रुपये है. आज इसके शेयर ने NSE पर 1212.20 रुपये पर क्लोजिंग दी है. तो लौटते हैं स्टोरी पर. सेल अच्छी हो रही थी, शेयर मार्केट में कंपनी लिस्ट हो चुकी थी. तभी, अशोक कजारिया ने एक और नया ट्रेंड देखा.
हार्डवेयर दुकानों से परेशान ग्राहकों को दिया सॉल्यूशन
लोग हार्डवेयर की दुकानों से टाइल खरीदने से नाराज थे. न तो वहां पर ज्यादा विकल्प थे और न ही अच्छा कस्टमर एक्सपीरियंस. इसलिए अशोक ने अपना 3,000 वर्ग फुट का टाइल शोरूम – कजारिया वर्ल्ड (Kajaria World) खोलना शुरू किया. 2012 तक, कजारिया वर्ल्ड 17 आउटलेट तक बढ़ गया और 1045.71 करोड़ रुपये की बिक्री को छुआ.
साथ ही, यूरोपीय बाजार ग्रेनाइट टाइल्स से विट्रिफाइड टाइल्स की ओर चला गया. इसलिए, अशोक ने अपने दो कारखानों में उनका उत्पादन शुरू कर दिया. 2015 तक, कजारिया ने पॉलिश और ग्लेज्ड विट्रिफाइड टाइल्स बेचकर 1600 करोड़ रुपये कमाए. यह एक यूनिकॉर्न बन गया और 8000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन को छू गया.
कजारिया ने बाथवेयर (केरोविट) की संबंधित श्रेणी में वृद्धि और विस्तार किया. 2016 में इसने अभिनेता अक्षय कुमार को भी ब्रांड एंबेसडर के रूप में साइन किया. कंपनी की टैगलाइन थी- “देश की मिट्टी से बनी टाइल.” और अक्षय के विज्ञापन से ब्रांड को और ऊंचाई मिली.
2019 तक, कजारिया ने बिक्री में तेजी से बढ़ोतरी हुई और बाजार में 11% हिस्सेदारी हासिल कर ली. कंपनी का मुनाफा भी काफी बढ़ा और इसकी वैल्यूएशन उसके दो सबसे बड़े प्रतिस्पर्धियों, सोमानी और सेरा से दोगुनी हो गई. (दोनों की सेल को मिलाकर). आज, कजारिया भारत की सबसे बड़ी सिरेमिक और विट्रिफाइड टाइल निर्माता कंपनी है और दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी कंपनी है. इसके छह प्लांट हैं, जिनकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 86.47 मिलियन वर्ग मीटर है.
अशोक कजारिया की नेट वर्थ
फोर्ब्स के अनुसार, दुनियाभर के अरबपतियों की सूची में अशोक कजारिया 2410वें नंबर पर आते हैं. उनकी नेट वर्थ 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक (1.1 बिलियन डॉलर) है. अशोक कजारिया 1988 में स्थापित कजारिया सिरामिक्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (Chairman and Managing Director) हैं. उनके दोनों बेटे, चेतन और ऋषि, संयुक्त प्रबंध निदेशक (Joint Managing Directors) के रूप में कंपनी चलाने में उनकी मदद करते हैं. फिलहाल, बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह कजारिया के ब्रांड एम्बेसडर हैं.
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