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Monday, June 3, 2024

SUNITA & SARVAN SAM PODDAR - PATANJALI - सुनीता और सरवन सैम पोद्दार

SUNITA & SARVAN SAM PODDAR - PATANJALI - सुनीता और सरवन सैम पोद्दार

वो कपल जिसने बाबा रामदेव को दिया कंपनी शुरू करने के लिए कर्ज, दान किया द्वीप, रहता कहां है?

योग गुरु बाबा रामदेव का शुरुआती सफर काफी चुनौतीपूर्ण था। उनके पास कंपनी को रजिस्‍टर कराने तक का पैसा नहीं था। एक कपल ने उनकी काफी मदद की। इसने न केवल रामदेव को पर्सनल लोन दिया, बल्कि एक द्वीप भी खरीदकर गिफ्ट किया। आज बाबा रामदेव की कंपनी घर-घर में पहुंच चुकी है।


योग गुरु बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आज घर-घर में पहुंच चुकी है। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 55,490 करोड़ रुपये है। हालांकि, उनकी सफल यात्रा की शुरुआत बहुत साधारण थी। इसमें एक कपल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें सुनीता और सरवन सैम पोद्दार शामिल हैं। साल 2006 में रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने अपनी कंपनी की स्थापना की थी। उनके पास तब बैंक खाता भी नहीं था। सुनीता और सरवन सैम पोद्दार उनके फॉलोअर थे। उन्‍होंने रामदेव और बालकृष्‍ण को कंपनी शुरू करने के लिए पर्सनल लोन दिया था।

लिटिल कुम्ब्रे द्वीप खरीदकर ग‍िफ्ट कर द‍िया था

सुनीता और सरवन सैम पोद्दार स्कॉटलैंड के रहने वाले हैं। उन्‍होंने लिटिल कुम्ब्रे द्वीप को 20 लाख पाउंड में खरीदकर 2009 में इसे बाबा रामदेव को गिफ्ट कर दिया था। 2011 तक उनके पास पतंजलि आयुर्वेद के काफी शेयर थे। इससे पति-पत्‍नी आचार्य बालकृष्ण के बाद कंपनी में दूसरे सबसे बड़े शेयरधारक बन गए थे।

सुनीता के जीवन पर बाबा रामदेव का बहुत असर था। खासकर योग के जरिये वजन घटाने की उनकी यात्रा में। रामदेव से प्रेरित होकर उन्होंने अपने पति को द्वीप और एक बड़ी रकम दान करने के लिए राजी कर लिया। इसके बाद सुनीता ब्रिटेन में पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट की ट्रस्टी बन गईं।

ग्लासगो की सबसे धनी महिलाओं में से एक हैं सुनीता

मुंबई में जन्मीं और काठमांडू में पली-बढ़ी सुनीता अब ग्लासगो की सबसे धनी महिलाओं में से एक हैं। वह योग क्‍लासेज चलाती हैं। योग शिक्षकों को ट्रेनिंग देती हैं। उन्होंने बाबा रामदेव से ग्लासगो की यात्रा के दौरान मुलाकात की थी। दूसरी ओर बिहार में जन्मे सैम पोद्दार कम उम्र में ही ग्लासगो चले गए थे। सुनीता 18 साल की उम्र में शादी के बाद उनके साथ रहने लगीं।

पेशे से इंजीनियर सैम ने 1980 के दशक में होम-केयर बिजनेस खरीदकर उद्यमिता में कदम रखा। सुनीता बाद में अपने पति के व्यवसाय में शामिल हो गईं। पहले वह एक गैस स्टेशन का प्रबंधन करती थीं। पति की सफलता में सुनीता का योगदान काफी अहम है।

बाबा रामदेव के पास कभी दिव्य फार्मेसी के पंजीकरण के लिए तक पैसा नहीं था। वह चलते-फिरते लोगों को योग सिखाया करते थे। रामदेव की लोकप्रियता में इजाफा होने के साथ पोद्दार दंपति ने उनकी कंपनी के विस्तार में मदद के लिए काफी लोन दिया। अभी सुनीता स्कॉटलैंड में ओकमिनस्टर हेल्थकेयर की सीईओ और संस्थापक हैं। यह जानी-मानी होम केयर और रीहैबिलिटेशन सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी है।

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