Pages

Wednesday, March 24, 2021

JYOTI BANSAL - 20 से अधिक बार हुए रिजेक्ट, पर हार नहीं माना, आज 25 हजार करोड़ के हैं मालिक

JYOTI BANSAL - 20 से अधिक बार हुए रिजेक्ट, पर हार नहीं माना, आज 25 हजार करोड़ के हैं मालिक


सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के युवा उद्यमी एक से बढ़कर एक मिसाल पेश करते जा रहें हैं। हाल ही में एक भारतीय सॉफ्टवेयर इंजिनियर द्वारा नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है। इस भारतीय के द्वारा स्थापित एक स्टार्टअप को अमेरिका की दिग्गज आईटी कंपनी सिसको ने 3.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 25 हजार करोड़ रुपये में खरीद लिया है।

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं ऐपडाइनेमिक्स नाम की एक आईटी कंपनी को बनाने वाले भारतीय मूल के कारोबारी ज्योति बंसल की सफलता के बारे में। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली से बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद ज्योति ने सिलिकन वैली का रुख किया। साल 2008 में उन्होंने एक एप्लीकेशन इंटेलीजेंस सॉफ्टवेयर कंपनी बनाई थी। यह आधुनिक उद्योगों के डिजिटलीरण में मदद प्रदान करती है।


एप डायनेमिक्स के बनाए क्लाउड एप्लीकेशन बिजनस मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म से दुनिया की कई दिग्गज कंपनियों को उनके व्यापार और एप्लीकेशन में फायदा पहुंचाते हैं। दरअसल पिछले वर्षों में कई अन्य कंपनियों में अपना शेयर लगाने के बाद इस कंपनी में बंसल की हिस्सेदारी सिर्फ 14 फीसदी ही बची थी। इसलिए इन्होंने इसे बेचने का फैसला लिया।

ग्रैजुएशन पूरा करने के बाद ज्योति सिलिकॉन वैली का रुख करते हुए पहले कुछ सालों तक वहां नौकरी की। हालांकि उनका सपना शुरू से ही खुद की कंपनी शुरू करने की थी। लेकिन पहले तजुर्बे हासिल करने के बाद उन्होंने 10 साल पहले ऐपडाइनेमिक्स का विकास किया। शुरुआत में कोई भी वेंचर कैपिटल फर्म उन्हें फंड करने के लिए तैयार नहीं हुआ। बीस से अधिक निवेशकों से नकारे जाने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और फिर उन्हें 50 लाख डॉलर की शुरुआती फंडिंग मिल पाई थी।


अजमेर जैसे एक छोटे से शहर से पले-बढ़े ज्योति असंभव को संभव कर दिखाया और दुनिया के सामने एक प्रेरणादायक मिसाल पेश की है। तमाम चुनौतियों का मुकाबला करते हुए ज्योति ने कभी हार नहीं मानी और आज 25 हज़ार करोड़ रुपये के मालिक बन बैठे हैं। हमेशा अपने लक्ष्य पर केन्द्रित रहने वाले ज्योति बंसल सच में उन तमाम युवाओं के लिए मिसाल हैं, जो बाधाओं से हार मान कर अपने लक्ष्य को भूल जाते हैं।

SABHAR: KENFOLIOS

No comments:

Post a Comment

हमारा वैश्य समाज के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।