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Monday, March 22, 2021

VISHAKHA JAIN IAS - 5 बार मिली असफलता फिर भी जुनून कम नही हुआ, आखिरी बार मे UPSC निकाल बनी IAS

VISHAKHA JAIN IAS - 5 बार मिली असफलता फिर भी जुनून कम नही हुआ, आखिरी बार मे UPSC निकाल बनी IAS

“Failure is the Key of Success”

यूपीएससी कैंडिडेटस के धैर्य, साहस और मेहनत की परीक्षा लेता है। बिरले ही होते हैं जिन्हें UPSC में पहली बार में ही सफलता हाथ लगती है, ज्यादातर छात्र ऐसे होते हैं जिन्हें सफलता हासिल करने में सालों लग जाते हैं, वहीं कुछ छात्र ऐसे भी होते हैं जिन्हें यूपीएससी में सफलता हासिल हीं नहीं होती। लेकिन कहते हैं, अपनी असफलताओं से सीखकर आगे बढ़ने वालों को सफलता जरुर हासिल होती है।

यह कहानी भी एक ऐसी ही छात्रा के इर्द-गिर्द घूम रही है जिसे कई बार असफलताओं का स्वाद चखना पड़ा लेकिन उसने अपने धैर्य और परिश्रम से आखिरकार कामयाबी के शिखर को छू कर ही दम लिया। वर्ष 2019 में 101 वीं रैंक हासिल कर दूसरे छात्रों के लिये धैर्य और मेहनत का बेहतरीन प्रदर्शन किया है विशाखा जैन (Vishakha Jain) ने।

विशाखा हमेशा से एकेडमिक में अच्छी रहीं। वह लगभग सभी क्लास में अच्छे नम्बरों से पास हुईं। इसके अलावा सीए का एंट्रेंस हो या परीक्षा, सभी में एक बार में ही सफलता प्राप्त की है। इसी कॉन्फिडेंस से वह यूपीएससी की भी तैयारी करने लगीं।


कई बार असफलता हाथ लगी

विशाखा ने पहले प्रयास में UPSC के पहले चरण की परीक्षा यानि प्री पास कर ली, इससे उनके मनोबल में बढोतरी हुईं परंतु वह दूसरे चरण की परीक्षा यानि मेन्स में असफल रही। अगले वर्ष ख़ूब मेहनत करने के बाद भी विशाखा का मेन्स और इंटरव्यू में चयन नहीं हुआ। ऐसे कई बार विशाखा को असफलता का स्वाद चखना पड़ा।

यूपीएससी छोड़ सीए की ओर किया रुख

एक ही बार में सफलता हासिल करना तो दूर वह चार बार की कोशिश में भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकी। बार-बार नाकामयाबी ने विशाखा को अंदर तक हिला दिया जिसके परिणामस्वरुप उन्होनें यूपीएससी को छोड़ने का फैसला किया।

CA की नौकरी करते हुये यूपीएससी की परीक्षा दिया और सफलता प्राप्त की

उन्होंने सीए की डिग्री के बल पर एक बढ़िया कार्पोरेट की नौकरी करने लगीं लेकिन इस नौकरी में उनका मन लग रहा था। वह अपने पब्लिक सर्विस के सपने को भुला नहीं पा रही थी। उन्होंने फिर से नौकरी करते हुये यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की और परीक्षा दिया लेकिन इस बार वह प्री भी पास नहीं कर सकी। अपनी इस असफलता से वह हिम्मत ना हार कर अपने रास्ते पर अडिग रही और 5वीं बार फिर से प्रयास की। इस बार उन्हें प्री में सफलता हासिल हुईं। अपनी नौकरी से रिजाइन कर वह मेन्स की तैयारी में जुट गईं। आखिरकार वर्ष 2019 में वह 101वीं रैंक के साथ यूपीएससी में चयनित हुईं।


कई बार निराशा ने घेरा

विशाखा बताती है कि इस दौरान उन्हें कई बार घनघोर निराशा ने घेर लिया परंतु हर बार स्वयं को यह कह कर समझाती रही कि एक न एक दिन सफलता अवश्य प्राप्त होगी। वह CA कि नौकरी छोड़कर यूपीएससी के क्षेत्र में यह सोचकर वापस आई कि चाहे कुछ भी हो जाए कितनी भी कठिनाइयां आ जाए सफल होकर ही जाना है। विशाखा इस बात को मानती हैं कि यूपीएससी के अलावा भी जिंदगी है परंतु वह दृढ़ निश्चय कर चुकी थी कि जब तक एक भी अटेंप्ट बचा रहेगा, वह आखरी दम तक प्रयास करती रहेंगी।

दूसरे कैंडिडेट्स को विशाखा की सलाह

वह कहती हैं कि यह सफर बहुत ही अनूठा है। इस सफ़र पर आप असफल भी हो सकते हैं, इसलिए पहले हीं ख़ुद को समझा लें कि यह सफर लम्बा हो सकता है परंतु नामुमकिन नहीं। इसके अलावा एक बैकअप प्लैन भी लेकर चलें जिससे इस बात की निराशा आपको नहीं हो कि यहां सफल नहीं हुए तो आपका भविष्य क्या होगा। यूपीएससी की तैयारी के दौरान अपने हॉबीज को पूरा वक्त दे ताकि आपको रिफ्रेश होने में मदद मिल सके। परीक्षा पूरे मन से दें तथा परिणाम की चिंता ना करें क्योंकि कर्म करना मनुष्य के हाथ में होता है उसका फल प्राप्त करना नहीं।


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