Population of vaishya community - भारत में बनिया समुदाय की जनसंख्या
बनिया समुदाय के लोग अपनी उत्कृष्ट व्यावसायिक समझ (excellent business sense), व्यावसायिक दक्षता (professional competence), बेहतर व्यावसायिक कौशल (superior business acumen) और उत्कृष्ट प्रबंधन कौशल (excellent management skills) के लिए जाने जाते हैं. आज इस समुदाय की गिनती देश के सबसे समृद्ध समुदायों (most prosperous communities) में होती है. आजादी के आंदोलन में भी इस समुदाय के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. लाला लाजपत राय और महात्मा गांधी इसी समुदाय के थे. आजादी के बाद देश के आर्थिक और सामाजिक उन्नति में इस समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. राजनीति के क्षेत्र में भी इस समाज की प्रभावशाली भूमिका रही है. आइए जानते हैं भारत में बनिया समुदाय की जनसंख्या के बारे में
भारत में बनिया समुदाय की जनसंख्या
बनिया भारत में व्यापक रूप से वितरित एक समुदाय है. देश के लगभग सभी राज्यों में इनकी उपस्थिति है. इस समुदाय के लोग पूरे भारत के शहरों, कस्बों और गांवों में पाए जाते हैं. लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत में राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र तथा उत्तर प्रदेश में इनकी सघनता है. इतना ही नहीं, बनिया जातियां, विशेष रूप से गुजराती, प्रवासी भारतीयों की आबादी में एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. व्यवसाय के अवसरों को देखकर या व्यवसाय के अवसरों की तलाश में इस समुदाय के लोग सिंगापुर, मलेशिया, फिजी, हॉन्ग कॉन्ग और खाड़ी देशों में जाकर बस गए. यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में भी बनिया समुदाय की आबादी है. जहां तक भारत में बनिया की जनसंख्या की बात है तो इसके बारे में कोई हालिया आंकड़े उपलब्ध नहीं है. अपुष्ट आंकड़ों के अनुसार बनिया जातियां भारत की हिंदू आबादी का अनुमानित 20% या 25% हैं. एक अन्य दावे के मुताबिक, भारत में बनिया समुदाय की कुल आबादी 25 से 30 करोड़ है. यहां यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि आखिरी बार 1931 की जनगणना में जातिगत आंकड़े जुटाए और जारी गए थे. बनिया समुदाय की सही जनसंख्या जाति जनगणना से ही जानी जा सकती है. वैश्य बनिया समुदाय की एक खास बात यह है कि यह अपनी सफलता या धन दौलत का खुलकर प्रदर्शन करने से बचते हैं. बता दें कि भारतीय कंपनियों और कॉर्पोरेट जगत में बनिया जाति के लोगों का वर्चस्व है. भारतीय कंपनियों के बोर्ड और उच्च पदों पर ज्यादातर वैश्य जाति के लोग हैं. 2010 के एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कॉरपोरेट बोर्डरूम में परंपरागत रूप से व्यापार करने वाली इस जाति का बोलबाला है और भारतीय कंपनियों में आधे बोर्ड मेंबर बनिए हैं. बोर्ड रूम में सबसे ज्यादा सरनेम वाले लोग अग्रवाल और गुप्ता हैं. आईटी और आईटी से जुड़े बिजनेस में बनिया प्रोफेशनल्स ने शानदार अच्छी कामयाबी हासिल की है. जैसे कि टि्वटर के सीईओ पराग अग्रवाल. पिछले कुछ वर्षों में आईटी आधारित प्रमुख स्टार्टअप को देखें तो उनके संस्थापकों और संचालकों में उत्तर भारतीय बनिया प्रोफेशनल्स का दबदबा रहा है. जैसे कि फ्लिपकार्ट (सचिन और बिनी बंसल), OYO रूम्स (रितेश अग्रवाल), Ola कैब्स (भावीश अग्रवाल), जोमैटो (दीपेंदर गोयल), पॉलिसी बाजार (आलोक बंसल), लेंसकार्ट (पीयूष बंसल), bOAT (अमन गुप्ता), आदि.
SABHAR: SHRAVAN KUMAR, JANKARI TODAY
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