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Tuesday, September 6, 2022

RAMGARH SETHAN - रामगढ़ सेठान के बारे में कुछ दिलचस्प चीजें

RAMGARH SETHAN -  रामगढ़ सेठान के बारे में कुछ दिलचस्प चीजें 

रामगढ़ सेठान भारत के सबसे अमीर नगरों में था। इसके सेठ पोद्दार और रुइया बहुत ही उदार और दयालु थे और उन्होंने बहुत सी दिलचस्प चीजें की थी। रामगढ़ सेठान का सारा टैक्स केवल सेठ भरते थे। इन्होंने काफी स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल और धर्मशालाएं खोली थीं। रामगढ़ सेठान को उस समय छोटा_काशी कहा जाता था क्योंकि उसमें 25 संस्कृत के विद्यालय थे, उसमे आयुर्वेद और ज्योतिष के लिए विद्यालय थे और उस समय जयपुर के अलावा केवल रामगढ़ में कॉलेज था। सभी विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा, मुफ्त खाना और सभी चीजें मिलती थीं।

सेठों के लड़कों के विवाह में नगर के सभी लोग आमंत्रित होते थे और जो भी ब्रमपुरी में आता था उसे सन्मान दिया जाता था जो कि बहुत प्रसिद्ध था। जो भी आता था उसे एक रुपये दिए जाता था जाते समय कुछ लोग तो तो अपने साथ अपने मवेशी लाते थे उनके लिए भी ले जाते थे। एकबार एक आदमी लोटा भर के चीटी लाया और हर चीटे के लिए हेड़ा मांगा और उसे दिया भी गया। गौशाला में गायों के लिए  70 मन (2800 किलो)ग्वार रहता था जो कि जिसका प्रबन्द सेठों द्वारा किया जाता था। उनके लड़के की शादी के वक़्त खुली लूट रहती थी पूरे नगर में कोई भी जिसके घर मे शादी है उसकी दुकान  से कुछ भी ले सकता था जिसका नुकसान जिस सेठ के लड़के की शादी है वो ही उठाता था।

एक बार किसी गांव के एक गांववाले ने सीकर के महाराज से शिकायत की आप रामगढ़ वालों पे इतना ज्यादा ध्यान क्यों देते हैं। राजा ने उनकी परीक्षा ली कहा कि तुमलोग 1 करोड़ रुपये का प्रबन्द करो अभी। और पूरे सीकर में। लोगों ने मना कर दिया कहा ऐसा नहीं हो सकता है। फिर राजा ने अपने मंत्रियों से कहा कि रामगढ़ जाओ और सेठों को बोलो की महाराज को इस समय एक करोड़ रुपये चाहियें (इस समय के करीब अरबों में )। मंत्री गए और सेठों को बताया। सेठों ने कहा कि राजा से पूछो की रुपये ,अन्ना ,पैसे किसमे चाहिए ? मंत्री आये और राजा को बताया। राजा ने कहा अब समझे मैं रामगढ़ सेठान का इतना ध्यान क्यों रखता हूँ। 

पोद्दारों ने वहाँ कुएं, तालाब, बावड़ी, मंदिर, छतरियाँ और आलीशान हवेलियां बनवाईं थीं वहीं रुइया ने कॉलेज, स्कूल और हॉस्पिटल इत्यादि। सेठ अनंत राम पोद्दार जी जाड़ों में सियारों को लाडू और कंबल देते थे ताकि वो मर न जाएं। भक्तवारी देवी, सेठ लक्ष्मी चंद पोद्दार जी की धर्म पत्नी गुप्त दान करतीं थीं। उन्होंने अपने मुनीम को बोल दिया था कि नगर में कोई भूखा नहीं रहना चाहिए न ही किसी को किसी बात की चिंता हो। बहुत से भारत के अमीर कॉरपोरेट्स यहीं से निकले हैं जैसे एस्सार ग्रुप के शशि रुइया और रवि रुइया। भारत की पहली रजिस्टर्ड कंपनी सेठ ताराचंद घनश्याम दस पोद्दार की थी जिसमे मशहूर उद्योगपति घनश्याम दास बिड़ला जी और स्टील किंग लक्ष्मी निवास मित्तल  के पितामाह ने काम किया था।


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