हर बनिया अंततः समाज के बारे में ही सोचता है,,,
बनिया ही वह जमात है जिसकी वजह से आज हम सभी का अस्तित्व है,,
किसान और बनिया हमारे समाज की रीढ़ हैं ,, किसान पैदा करता है तो बनिया उस पैदावार या उससे प्राप्त उप पैदावार का समाज में कुशलता के साथ वितरण कर जन जन तक पहुंचाने का काम करता है,,,
हो सकता है आपको बनिया , मुनाफाखोर,,जमाखोर ,,टेक्स चोर,,और ना जाने क्या क्या लगता होगा,,,पर एक बार जब आप व्यापार करके देखें,,, व्यापार को जिंदा रखने के लिए मुनाफा भी आवश्यक है तो जमा रखना भी जरूरी है,,,
बनिया ही वह जमात है जो अपने व्यापार से मुनाफे का कुछ हिस्सा समाज पर ही खर्च सदियों से करता आया है,,
आज हमारे दादे परदादों से लेकर हम आज तक,,जिन अस्पतालों में इलाज करवाया है या करवा रहे हैं वे सभी बनियों की ही देन हैं,,,जिन कूओं और बावड़ियों का पानी हमारे पुरखों ने पीया है वो सब बनियों की ही देन है,,,
मंदिर, स्कूल कालेज ,, धर्मशालाएं,,, जगह जगह प्याऊ, समय देखने के लिए घंटाघर, ,,चुग्गा घर,, अनेकों बिमारियों के इलाज के लिए नियमित शिविरों के आयोजन, गरीबों की बेटियों की शादियां,,, जरुरतमंद विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति, सर्दियों में जरुरतमंद के लिए कंबल और गर्म कपड़ों के बंदोबस्त, अपने व्यापार से करोड़ों लोगों को रोजगार,, गौशालाएं,, पशुओं के लिए जगह जगह चारे और पानी की व्यवस्था,,, और भी ना जाने क्या क्या,,
बनियों ने क्या नहीं किया समाज के लिए,,
आज बनिया समाज का ऋण हम तो क्या हमारी सात पुश्तें भी नहीं चुका सकती,,,
बनिया समाज को मेरा सादर प्रणाम,,🙏🙏
Manoj Gorsia
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