OBC BANIYA CASTE LIST - बनिया ओबीसी जातियों की राज्यवार सूची
बनिया समुदाय अनेक उपजातियों/उपवर्गों में विभाजित है. इन सभी उप जातियों में आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीति में भागीदारी आदि पहलुओं पर भिन्नता देखी गई है. यहां एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठता है कि बनिया किस कैटेगरी में आते हैं. तो आइए जानते हैं.
बनिया किस कैटेगरी में आते हैं
आरक्षण एक प्रकार की व्यवस्था है जिसके माध्यम से सरकारी सेवाओं और संस्थानों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं रखने वाले पिछड़े समुदायों तथा अनुसूचित जातियों और जनजातियों के पिछड़ेपन को दूर करने तथा उन्हें आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक हर तरह से सशक्त बनाने के लिए आरक्षण देने का प्रावधान है.
आरक्षण का उद्देश्य केंद्र और राज्य में सरकारी नौकरियों, कल्याणकारी योजनाओं, चुनाव और शिक्षा के क्षेत्र में हर वर्ग की हिस्सेदारी सुनिश्चित करना है ताकि समाज के हर वर्ग को आगे बढ़ने का अवसर मिल सके. आरक्षण का वितरण किस तरह से हो यानी कि आरक्षण किसे मिले, इसके लिए पिछड़े वर्गों को तीन कैटेगरी अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में बांटा गया. अब हम अपने मूल प्रश्न पर आते हैं कि आरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत बनिया किस कैटेगरी में आते हैं. बनिया समुदाय की कई जातियों/उपजातियों को आरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. बनिया ओबीसी जातियों की राज्यवार सूची नीचे दी गई है-
•बिहार
सूड़ी, हलवाई, रौनियार, पंसारी, मोदी, कसेरा, केसरवानी, ठठेरा, पटवा, सिंदूरिया-बनिया, महुरी-वैश्य, अवध-बनिया, अग्रहरी-वैश्य, कलवार, सोनार, सुनार, नागर वैश्य, लहेरी वैश्य, कानू, तेली और कलाल, आदि.
•चंडीगढ़
तेली, सोनी, सुनार और स्वर्णकार
•छत्तीसगढ़
कलार, कलाल, कसेरा, ठठारा, ठटेरा, कसार, कसेरा, तमेरा, तांबत्कर/ताम्रकार तामेड़, सोनार, स्वर्णकार, सोनी (स्वर्णकार), पटवा लखेड़ा/लखेर और कचेरा/कचेर
•दिल्ली
भारभुंजा/ भुर्जी, कानू, लखेरा, कलवार, तेली, तेली-मलिक, सुनार, कसेरा और तमेरा.
•गोवा
तेली
•गुजरात
घांची, तेली, मोध घांची, तेली-साहू, तेली-राठौड़ और कलाल.
•हरियाणा
भारभुंजा, लखेरा, कचेरा, सुनार, सोनी और तेली.
•हिमाचल प्रदेश
भारभुंजा
•झारखंड
कानू, लहेरी, सोनार, सुनार, तामरिया, सुड़ी, हलवाई, रौनियार, पंसारी, मोदी, कसेरा, केसरवानी, ठठेरा, पटवा, सिंदूरिया- बनिया, महुरी-वैश्य, अवध-बनिया/अद्रखी, अग्रहरी-वैश्य और कलवार.
•मध्य प्रदेश
सोनार, सुनार, स्वर्णकार, लखेड़ा/लखेर, कचेरा/कचेर ठठेरा, कसार/कसेरा, तमेरा तांबत्कर/ताम्रकार तामेर, कसेर, कलार, कलाल और तेली.
•महाराष्ट्र
कलाल, कलार, जैन और लखेरा.
•पंजाब
भारभुंजा, सोनी, सुनार स्वर्णकार और तेली.
•राजस्थान
घांची, ठठेरा, कंसारा, भरवा तेली, स्वर्णकार, सुनार और पटवा.
•उत्तर प्रदेश
तेली, तेली मलिक, तेली साहू, तेली राठौर, काचेर, लखेर, लखेरा, चुरिहार, हलवाई, पटवा, कलाल, कलवार, कसेरा, ठठेरा, ताम्रकर और उनाई साहू.
•उत्तराखंड
भारभुंजा/भुर्जी, कंदू, उनाई साहू, तेली, तेली साहू, तेली राठौर, सोनार, सुनार, पटवा, कचेर, लखेर, लखेरा, कसेरा, ठठेरा, ताम्रकार, कलाल, कलवार और कलाल.
•पश्चिम बंगाल
वैश्य कपाली, स्वर्णकार, तेली, लखेरा और लहेरा.
यहां यह उल्लेख करना जरूरी है कि संसद में गरीबों सवर्णों को 10 परसेंट आरक्षण देने वाला विधेयक पास हो जाने के बाद आरक्षण का लाभ केवल हिंदू सवर्णों को नहीं मिलेगा. बल्कि इसके दायरे में मुस्लिम, सिख और क्रिश्चियन समुदाय के लोग भी आएंगे. इसके तहत वैश्य/बनिया समुदाय की निम्नलिखित जातियों/ उपजातियों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा-
बर्णवाल, गहोई, रस्तोगी, वार्ष्णेय, पूर्वी उत्तरप्रदेश में साहू, केशरी, जायसवाल, अग्रवाल, बनिया, गुप्ता, खण्डेवाल, लोहाना, माहेश्वरी, पौद्दार, रस्तोगी, शाह, श्रीमाली, वशिष्ट, मारवाड़ी, ओसवाल, बनोर, भवसर, धाकड़ जायसवाल, खण्डेलवाल, माहेश्वरी, मारवाड़ी, मथेरा, मीवाड़ा, ओसवाल, परवार, कोरवल, बाफना, सरौगी, कोठारी, इत्यादि.
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